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Christian Music Video | राज्य के दृश्य हमेशा नये जैसे होते हैं

2,722 19/09/2020

पूरब से सुबह की रोशनी चमकती है, उद्धारकर्ता हमारे बीच लौट आया है।

सभी चीज़ों में बिखरी जीवन की नई चमक है, राज्य का जीवन शुरू हो गया है।

भोर हो गया है, हमारी आँखों के सामने रोशनी बिखरती है,

सहस्त्राब्दियों की उम्मीद पूरी होती है।

पीड़ा के दिन अब और नहीं, कष्ट के बादल मुझ पर से छंट गये।

जैसे-जैसे परमेश्वर के वचन हमारे दिलों को पोषण देते हैं,

हमारे जीवन को आहार मिलता है।

हम धन्य और प्रफुल्लित महसूस करते हैं।

हमारी पीढ़ी का सौभाग्य है परमेश्वर की ओर लौटना। यह परमेश्वर का महान प्रेम है।

कौन नहीं चाहेगा राज्य के युग के जीवन में प्रवेश?

कौन इसके लिये नहीं तरसेगा?

कौन इसके लिये नहीं तरसेगा?

परमेश्वर के न्याय से हम जीते गये हैं, उसके द्वारा बचाये गए हैं।

हम दिल से उसका धन्यवाद और गुणगान करते हैं।

उसकी स्तुति करते, उसे धन्यवाद देते हैं।

फूल खिलते हैं, खुशबू बिखरती है, पक्षी गाते हैं,

परमेश्वर के लोग मनुष्य के पुत्र का उपदेश देते हैं।

हम उसके आने की गवाही देते हैं, हम अपनी-अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हैं।

हम निष्ठा से प्रार्थना करते हैं और जोर से गाते हैं।

हम परमेश्वर के सिंहासन के आगे गिरकर घुटनों के बल उसकी स्तुति करते हैं।

दुनिया भर के भाई-बहन, साथ मिलकर जश्न मनाएं।

जैसे-जैसे परमेश्वर के वचन हमारे दिलों को पोषण देते हैं,

हमारे जीवन को आहार मिलता है।

हम धन्य और प्रफुल्लित महसूस करते हैं।

हमारी पीढ़ी का सौभाग्य है परमेश्वर की ओर लौटना। यह परमेश्वर का महान प्रेम है।

कौन नहीं चाहेगा राज्य के युग के जीवन में प्रवेश?

कौन इसके लिये नहीं तरसेगा?

कौन इसके लिये नहीं तरसेगा?

परमेश्वर के न्याय से हम जीते गये हैं, और उसके द्वारा बचाये गए हैं।

हम उसका धन्यवाद और गुणगान करते हैं। हम उसकी स्तुति करके उसे धन्यवाद देते हैं।

अंत के दिनों का मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर,

अपना कार्य करने के लिये देह में प्रकट होता है।

वह मनुष्य का न्याय करने के लिए सत्य व्यक्त करता है,

उसके वचन लोगों को शुद्ध और पूर्ण करते हैं।

कौन नहीं चाहेगा राज्य के युग के जीवन में प्रवेश?

कौन इसके लिये नहीं तरसेगा?

कौन इसके लिये नहीं तरसेगा?

परमेश्वर के न्याय से हम जीते गये हैं, उसके द्वारा बचाये गए हैं।

हम उसका धन्यवाद और गुणगान करते हैं। उसकी स्तुति करके उसे धन्यवाद देते हैं।

हम उसकी स्तुति करके उसे धन्यवाद देते हैं।

अपनी पूरी क्षमता के साथ आगे बढ़ते हुए, हम पूरी शक्ति से संघर्ष करते हैं।

परमेश्वर की इच्छा को संतुष्ट करने के लिये निष्ठापूर्वक अपना कर्तव्य निभाते हैं।

पतरस के उत्साह के साथ, उस संकल्प के साथ, जो हार नहीं मानता,

हम मनुष्य का असली जीवन जीते हैं,

हम परमेश्वर की इच्छा पूरी करने के लिये कड़ी मेहनत करते हैं।

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