01किस तरह के लोग स्वर्ग के राज्य में प्रवेश कर सकते हैं?
बहुत से लोगों को लगता है कि प्रभु में विश्वास करके और अपने पापों की माफ़ी पाकर, वे पहले ही अनुग्रह के माध्यम से बचाये जा चुके हैं। उन्हें लगता है कि प्रभु के लिए कड़ी मेहनत करने, त्याग करने और खुद को खपाने से, भले ही वे पाप के बंधनों से मुक्त नहीं हुए हों, मगर जब प्रभु आयेगा तो उन्हें स्वर्ग के राज्य में आरोहित किया जाएगा। लेकिन क्या यह बात सच है? परमेश्वर कहते हैं, "इसलिये तुम पवित्र बनो, क्योंकि मैं पवित्र हूँ" (लैव्यव्यवस्था 11:45)। परमेश्वर धार्मिक और पवित्र है, तो वह ऐसे लोगों को अपने राज्य में कैसे प्रवेश करने दे सकता है जो लगातार पाप कर रहे हैं? किस तरह के लोग वास्तव में स्वर्ग के राज्य में प्रवेश कर सकते हैं?
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02स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करने का एकमात्र मार्ग
प्रभु यीशु के छुटकारे का कार्य केवल लोगों के पापों को क्षमा करता है, लेकिन इससे मनुष्य के भ्रष्ट स्वभावों का समाधान नहीं हुआ। मनुष्य की पापी प्रकृति आज भी गहराई तक समायी हुई है, बार-बार प्रार्थना करने और प्रभु के सामने अपने पापों को स्वीकार करने और प्रभु की सेवा में कड़ी मेहनत करने के बावजूद, हम पाप के बंधनों को तोड़ने में असमर्थ हैं, हम शुद्ध होने और स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करने में असमर्थ हैं। तो, अंत के दिनों में जब प्रभु वापस लौटेगा, तब वह मनुष्य की पापी प्रकृति और भ्रष्ट स्वाभावों को पूरी तरह से ठीक करने के लिए सत्य व्यक्त करेगा और परमेश्वर के घर से शुरू होने वाला न्याय का कार्य करेगा, ताकि लोग पाप को छोड़ सकें और शुद्ध हो सकें। साफ़ तौर पर, परमेश्वर के वचनों के न्याय और ताड़ना को स्वीकार करना और इसका अनुभव करना ही पूर्ण उद्धार और स्वर्ग के राज्य में प्रवेश पाने का एकमात्र मार्ग है।
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03स्वर्ग के राज्य की ख़ूबसूरती
अंत के दिनों का मसीह सत्य व्यक्त करता है, न्याय का कार्य करता है और विजेताओं का एक समूह बनाता है, जिसके बाद वह अच्छाई को पुरस्कार देने और बुराई को दंड देने के लिए हर तरह की आपदाएं बरसाएगा। वे सभी लोग जो परमेश्वर द्वारा शुद्ध और पूर्ण किये जा चुके हैं, जो आपदाओं के बीच उसके द्वारा बचाये और सुरक्षित किये जा चुके हैं, वे ही उसके राज्य में प्रवेश करेंगे। वे सभी परमेश्वर के वादे और आशीष पाने वाले लोग हैं। इस प्रकार, प्रकाशितवाक्य की पुस्तक की यह भविष्यवाणी पूरी तरह पूरी हो गयी है: "देख, परमेश्वर का डेरा मनुष्यों के बीच में है। वह उनके साथ डेरा करेगा, और वे उसके लोग होंगे, और परमेश्वर आप उनके साथ रहेगा और उनका परमेश्वर होगा। वह उनकी आँखों से सब आँसू पोंछ डालेगा; और इसके बाद मृत्यु न रहेगी, और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी; पहली बातें जाती रहीं" (प्रकाशितवाक्य 21:3-4)।