जब कभी पास हो समय तुम्हारे, बैठो ख़ामोशी से परमेश्वर के सामने तुम।
वचन पढ़ो उनका, सत्य जानो उनके, सुधारो अपने अतिक्रमण तुम।
इम्तहान आते हैं, सामना करो उनका,
जानो परमेश्वर की इच्छा को, पाओगे शक्ति तुम।
बताओ उन्हें क्या हैं ख़ामियाँ तुम्हारी, उनके सत्य को बांटो सदा तुम।
गर्वित होगी आत्मा तुम्हारी, करोगे जब उनकी आराधना तुम।
आते रहो अक्सर सामने परमेश्वर के, और विरोध न करो उनका तुम।
चोट पहुंचती है उन्हें, जब करते हो देह की चिंता तुम।
वचन पढ़ो उनका, सत्य को उनके समझो तुम।
आते रहो अक्सर सामने परमेश्वर के,
आते रहो अक्सर सामने परमेश्वर के।
इसलिये जियो पुनीत बने इंसान की तरह तुम!
कोई भी इम्तहान या न्याय आये, करेंगे काम उनकी तृप्ति के लिए हम।
आते रहो अक्सर सामने परमेश्वर के तुम।
आते रहो अक्सर सामने परमेश्वर के, जियो उनके सत्य के अनुसार तुम।हद पार कर जाएं भले ही,
प्रयास करना चाहिये कि परमेश्वर को प्रेम करें हमें।
अगर हम प्रेम करेंगे उन्हें, तो यकीनन उनकी स्वीकृति मिलेगी हमें।
करना चाहिए सत्य का अनुसरण हमें,
देनी चाहिए परमेश्वर की गवाही हमें।
यही है फ़र्ज़ हमारा जिसे निभाना चाहिए हमें।
गर्वित होगी आत्मा तुम्हारी, करोगे जब उनकी आराधना तुम।
आते रहो अक्सर सामने परमेश्वर के, और विरोध न करो उनका तुम।
चोट पहुंचती है उन्हें, जब करते हो देह की चिंता तुम।
वचन पढ़ो उनका, सत्य को उनके समझो तुम।
आते रहो अक्सर सामने परमेश्वर के, आते रहो अक्सर सामने परमेश्वर के।
इसलिये जियो पुनीत बने इंसान की तरह तुम!
कोई भी इम्तहान या न्याय आये, करेंगे काम उनकी तृप्ति के लिए हम।
आते रहो अक्सर सामने परमेश्वर के तुम।
आते रहो अक्सर सामने परमेश्वर के, जियो उनके सत्य के अनुसार तुम। इसलिये जियो पुनीत बने इंसान की तरह तुम!
कोई भी इम्तहान या न्याय आये, करेंगे काम उनकी तृप्ति के लिए हम।
आते रहो अक्सर सामने परमेश्वर के तुम।
आते रहो अक्सर सामने परमेश्वर के, जियो उनके सत्य के अनुसार तुम,
जियो उनके सत्य के अनुसार तुम, जियो उनके सत्य के अनुसार तुम।
आते रहो अक्सर सामने परमेश्वर के, जियो उनके सत्य के अनुसार तुम।