मैं ईश्वर के परिवार में लौट आया, जोश और खुशियों से भरकर।
नाज़ है सच्चे प्रभु जाना तुझे, दिल अपना मैंने किया तुझे अर्पण।
आँसुओं की घाटी से गुज़रा मगर, देखा है मैंने प्रेम प्रभु का।
दिन-ब दिन बढ़ता प्रभु में प्रेम मेरा, है प्रभु मेरी खुशियों का खज़ाना।
उसकी सुंदरता पे मोहित मेरा दिल, जुड़ा है बस प्रभु से।
कितना भी चाहूँ प्रेम पूरा ना होगा, प्रभु महिमा के गीत दिल में मेरे। कनान की पावन धरती पर, सब निर्मल है सब सजीव।
सर्वशक्तिमान परमेश्वर सत्य वचन कहता है,
राज्य के युग मे हमें ले जाता है।
उसके वचनों में है मिलती नयी राह, चलना जिस पर चाहिए हम सब को।
स्वर्ग का सपना बना सच्चाई, ना अब कुछ खोजना हमको।
रूबरू ईश्वर से मिल ख़ुश होते, वचनों में उसकी इच्छा पहचानते हैं।
परमेश्वर है धर्मी और सच्चा मैंने जाना,
इतना प्यारा है ना हो सके बयाँ।
कितना सुन्दर प्रियतम मेरा, उसकी शोभा दिलों को हर ले।
खींचे यूँ हमको उसकी सुगंध, उस से दूर जाने ना दे।
आकाश के तारे मुझे देख मुस्कुराते, सूरज भी मुझे देख झूमता।
बढ़ता है धूप और बरसात संग, फल जीवन का पकता रहता।
परमेश्वर के असंख्य वचन, हमें भर देते मधु उत्सव से।
परमेश्वर की पूर्ण व्यवस्था देती है संतोष हमें।
है कनान की धरती ही, परमेश्वर के वचनों का संसार;
देता है हमको प्रेम उसका, ख़ुशियां अपार।
बहती यहाँ फलों की खुशबु।
अगर गुजारो तुम कुछ दिन यहाँ पे, प्यारा ना इस से कुछ भी लगे।
तुम चाहोगे ना जाना यहां से।
चांदी से दमके चांदनी, खुशियों से भर गयी ज़िन्दगी।
परमेश्वर मेरे दिल में बसे, तुम्हारी सुंदरता है शब्दों से परे।
झूम कर नाचे दिल मेरा प्रेम में तेरे खोया सा।
तू रहे सदा मेरे दिल में, मैं रहूँगा संग जीवन भर तेरे।
हर दिन हर पल चाहतें तेरी, मेरे दिल को खुशियों से भरे।
ईश्वर तुझे चाहूँ दिल से प्रेम सारा मेरा अर्पण तुझे।
हर दिन हर पल चाहतें तेरी, मेरे दिल को खुशियों से भरे।
ईश्वर तुझे चाहूँ दिल से प्रेम सारा मेरा अर्पण तुझे।