कुछ लोग स्वर्ग के राज्य में आरोहित होने के लिए प्रभु की प्रतीक्षा करने के मामले पर पौलुस के कथन पर चलते हैं: "और यह क्षण भर में, पलक मारते ही अन्तिम तुरही फूँकते ही होगा, क्योंकि तुरही फूँकी जाएगी और मुर्दे अविनाशी दशा में उठाये जाएँगे, और हम बदल जाएँगे।" (1 कुरिन्थियों 15:52)। वे मानते हैं कि हालांकि पापी प्रवृत्ति के बंधन को तोड़े बिना हम अब भी निरंतर पाप करते रहते हैं, फिर भी प्रभु अपने आने पर हमारी छवियों को उसी पल बदल कर हमें स्वर्ग के राज्य में ले आयेंगे। और ऐसे लोग भी हैं, जो परमेश्वर के वचन पर चलते हैं: "जो मुझ से, 'हे प्रभु! हे प्रभु!' कहता है, उनमें से हर एक स्वर्ग के राज्य में प्रवेश न करेगा, परन्तु वही जो मेरे स्वर्गीय पिता की इच्छा पर चलता है" (मत्ती 7:21)। "इसलिये तुम पवित्र बनो, क्योंकि मैं पवित्र हूँ" (लैव्यव्यवस्था 11:45)। वे मानते हैं कि जो लोग अब भी निरंतर पाप करते हैं, वे पवित्रता प्राप्त करने से कोसों दूर हैं, और स्वर्ग के राज्य में आरोहित होने के निहायत अयोग्य हैं। इस प्रकार एक जबरदस्त वाद-विवाद शुरू हो गया ... तो किस प्रकार के लोग स्वर्ग के राज्य में आरोहित होने योग्य हैं? हम आपको यह छोटा सा वीडियो देखने को आमंत्रित करते हैं।
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