जब से चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी सत्ता में आई है, तब से यह लगातार ईसाई धर्म और कैथोलिक धर्म को मानने वाले लोगों का दमन कर रही है और उन्हें यातनाएँ दे रही है। इसकी मंशा चीन से तमाम धार्मिक आस्थाओं का पूरी तरह से उन्मूलन करके, इसे नास्तिकता का गढ़ बना देना है। ख़ास तौर से जब से शी जिनपिंग राष्ट्रपति बना है, तब से तो आस्था पर आक्रमण अपने चरम पर पहुँच गये हैं। यहाँ तक कि आधिकारिक तौर पर स्वीकृत थ्री-सेल्फ़ कलीसिया को भी ध्वस्त किया जा रहा है, क्रूस उखाड़ फेंके जा रहे हैं।
तथ्यों और परमेश्वर के वचनों से जो प्रकट हुआ है उसे देखते हुए, चेन सोंगेन और थ्री-सेल्फ चर्च के अन्य सदस्यों को परमेश्वर का विरोध करने और सत्य से घृणा करने वाले सीसीपी के शैतानी सार के विषय में कुछ विवेक ज्ञान प्राप्त होता है, परन्तु इससे कुछ भ्रम भी उत्पन्न होता है। सीसीपी इतने पागलपन से धार्मिक विश्वासों का दमन और शमन करती है, तो फिर पादरी और एल्डर्स सदा सीसीपी सरकार को आशीषें दिलाने के लिए विश्वासियों से प्रार्थना क्यों करवाते हैं? क्या यह इसलिए है कि वे सीसीपी के पैशाचिक सार को जान नहीं पाते? परमेश्वर के वचनों पर सहभागिता के माध्यम से, हर कोई अंतत: समस्या की जड़ को और साथ ही थ्री-सेल्फ चर्च के पादरियों के मार्ग पर चलने और शैतानी सत्ता के हाथों स्वयं को बेच देने के खतरनाक नतीज़ों को देख पाता है। पादरियों और एल्डर्स के मसीह विरोधी स्वभाव के विषय में भी उनमें विवेक उत्पन्न होता है तथा वे इन धार्मिक फरीसियों का त्याग करने तथा प्रभु के प्रकटन और कार्य को ठीक से देख पाने के लिए भी राज़ी होते हैं।