ईश्वर पुराने को न थामे, न आम राह पर चले;
उसके काम और वचनों पर कोई रोक नहीं।
ईश्वर में सब मुक्त है, आज़ाद है, कोई बंधन नहीं।
वो इंसान को मुक्ति और आज़ादी दे।
वो जीवित ईश्वर है, जो सच में मौजूद है।
न कठपुतली है, न मूर्ति है, वो इनसे अलग है।
वो सजीव, ऊर्जावान है, उसके वचन और कार्य
इंसान के लिए जीवन, प्रकाश और मुक्ति लाएँ।
अपने काम और वचनों में वो बँधा नहीं है,
क्योंकि उसमें सत्य, मार्ग और जीवन है।
उसके काम और वचनों पर कोई रोक नहीं है,
क्योंकि उसमें सत्य, मार्ग और जीवन है।
इंसान कुछ भी कहे, उसके नए काम को कैसे भी देखे,
मगर वो बे-रोकटोक अपना काम करता रहेगा।
उसे इंसान की धारणाओं की, आलोचना की चिंता नहीं।
इंसान के प्रबल विरोध से भी वो रुकता नहीं।
कोई इंसानी तर्क, कल्पना, ज्ञान या नैतिकता
ईश्वर के काम को न तो माप सके, न बयाँ कर सके।
कोई रचना उसके काम का अपमान न कर सके,
कोई उसके काम में दखल न दे सके।
कोई उसके काम को न रोके,
किसी चीज़, किसी इंसान से ये बाधित न हो।
कोई विरोधी ताकत कुछ न बिगाड़ सके।
चिर-विजयी राजा है वो।
सारी विरोधी ताकतें, इंसान के सारे पाखंड,
कुचले जाते उसके पैरों तले।
वो अपने काम का जो भी नया चरण करे,
इंसानों के बीच उसे फैलना और बढ़ना चाहिए,
अपने महान कार्य को वो पूरा न कर ले तब तक,
पूरी कायनात में वो काम बिना रुकावट चलना चाहिए।
ये ईश्वर की सर्वशक्तिमत्ता, बुद्धिमत्ता और सामर्थ्य है।
ईश्वर पर कोई रोक नहीं है।
उसके काम में सिद्धांत तो हैं, मगर कोई निषेध नहीं,
क्योंकि ईश्वर स्वयं सत्य, मार्ग और जीवन है।