शू शिन एक कलीसिया-कर्मी है जो हमेशा पूरे उत्साह से प्रभु की वापसी की खोज करती और उसके लिए तरसती है। एक दिन, उसकी भांजी गवाही देती है कि प्रभु जब आएगा, तो वह अपना नया नाम रखेगा और केवल वही लोग परमेश्वर के सिंहासन के सामने उन्नत किए जाएँगे जो उसके नए नाम को स्वीकार करेंगे। उसकी गवाही प्रकाशित-वाक्य की इस भविष्यवाणी पर आधारित थी: "जो जय पाए उसे मैं अपने परमेश्वर के मन्दिर में एक खंभा बनाऊँगा, और वह फिर कभी बाहर न निकलेगा; और मैं अपने परमेश्वर का नाम और अपने परमेश्वर के नगर ... का नाम ... और अपना नया नाम उस पर लिखूँगा" (प्रकाशितवाक्य 3:12)। (© BSI) लेकिन शू शिन को लगता है कि यीशु का नाम कभी नहीं बदलेगा और जब प्रभु आएगा तो उसका नाम यीशु ही होगा। इस बात को लेकर दोनों में बहस छिड़ जाती है। उनकी बहस का परिणाम क्या रहा? क्या प्रभु अपनी वापसी पर सचमुच अपना नया नाम रखेगा? यह जानने के लिए देखें नाट्य-प्रस्तुति 'परमेश्वर का नया नाम'।
परमेश्वर का राज्य पृथ्वी पर आ गया है! क्या आप इसमें प्रवेश करना चाहते हैं?
WhatsApp पर हमसे संपर्क करेंहमारे बारे में | सम्पर्क करें | खंडन | गोपनीयता नीति | साभार
Copyright © 2024 यीशु मसीह का अनुसरण करते हुए