इस दुनिया की हर चीज़ तेज़ी से सर्वशक्तिमान के विचारों और उसकी नज़रों तले बदलती है। मानवजाति ने जिन चीज़ों के बारे में कभी नहीं सुना है वो अचानक आ जाती हैं, जबकि मनुष्य के पास जो कुछ लंबे समय से रहा है वो अनजाने में उसके हाथ से फिसल जाता है। सर्वशक्तिमान के ठौर-ठिकाने की थाह कोई नहीं पा सकता, सर्वशक्तिमान की जीवन शक्ति की उत्कृष्टता और महानता का एहसास करने की तो बात ही दूर है। वह इसलिए उत्कृष्ट है कि वह वो समझ सकता है जो मनुष्य नहीं समझ सकता। वह महान इसलिए है कि वह मानवजाति द्वारा त्यागे जाने के बाद भी उसे बचाता है। वह जीवन और मृत्यु का अर्थ जानता है, इसके अतिरिक्त, वह जानता है कि सृजित मानवजाति को अस्तित्व में रहने के किन नियमों का पालन करना चाहिए। वह मानव अस्तित्व की नींव है, वह मानवजाति को फिर से जीवित करने वाला मुक्तिदाता है। वह प्रसन्नचित्त दिलों को दु:ख देकर नीचे लाता है और दुखी दिलों को खुशी देकर ऊपर उठाता है, ये सब उसके कार्य के लिए है, उसकी योजना के लिए है।
सर्वशक्तिमान के जीवन के प्रावधान से भटके हुए मनुष्य, अस्तित्व के उद्देश्य से अनभिज्ञ हैं, लेकिन फिर भी मृत्यु से डरते हैं। उनके पास मदद या सहारा नहीं है, लेकिन फिर भी वे अपनी आंखों को बंद करने के अनिच्छुक हैं, इस दुनिया में एक अधम अस्तित्व को घसीटने के लिए खुद को मजबूत बनाते हैं, जो अपनी आत्मा के बोध के बगैर बस माँस के बोरे हैं। तुम अन्य लोगों की तरह ही, आशारहित और उद्देश्यहीन होकर जीते हो। केवल पौराणिक कथा का पवित्र जन ही उन लोगों को बचाएगा, जो अपने दु:ख में कराहते हुए उसके आगमन के लिए बहुत ही बेताब हैं। अभी तक, चेतनाविहीन लोगों को इस तरह के विश्वास का एहसास नहीं हुआ है। फिर भी, लोग अभी भी इसके लिए तरस रहे हैं। सर्वशक्तिमान ने बुरी तरह से पीड़ित इन लोगों पर दया की है; साथ ही, वह उन लोगों से तंग आ गया है, जिनमें चेतना की कमी है, क्योंकि उसे मनुष्य से जवाब पाने के लिए बहुत लंबा इंतजार करना पड़ा है। वह तुम्हारे हृदय की, तुम्हारी आत्मा की तलाश करना चाहता है, तुम्हें पानी और भोजन देना और तुम्हें जगाना चाहता है, ताकि अब तुम भूखे और प्यासे न रहो। जब तुम थक जाओ और तुम्हें इस दुनिया के बेरंग उजड़ेपन का कुछ-कुछ अहसास होने लगे, तो तुम हारना मत, रोना मत। द्रष्टा, सर्वशक्तिमान परमेश्वर, किसी भी समय तुम्हारे आगमन को गले लगा लेगा। वह तुम्हारी बगल में पहरा दे रहा है, तुम्हारे लौट आने का इंतजार कर रहा है। वह उस दिन की प्रतीक्षा कर रहा है जिस दिन तुम अचानक अपनी याददाश्त फिर से पा लोगे: जब तुम्हें यह एहसास होगा कि तुम परमेश्वर से आए हो लेकिन किसी अज्ञात समय में तुमने अपनी दिशा खो दी थी, किसी अज्ञात समय में तुम सड़क पर होश खो बैठे थे, और किसी अज्ञात समय में तुमने एक "पिता" को पा लिया था; इसके अलावा, जब तुम्हें एहसास होगा कि सर्वशक्तिमान तो हमेशा से ही तुम पर नज़र रखे हुए है, तुम्हारी वापसी के लिए बहुत लंबे समय से इंतजार कर रहा है। वह हताश लालसा लिए देखता रहा है, जवाब के बिना, एक प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा करता रहा है। उसका नज़र रखना और प्रतीक्षा करना बहुत ही अनमोल है, और यह मानवीय हृदय और मानवीय आत्मा के लिए है। शायद ऐसे नज़र रखना और प्रतीक्षा करना अनिश्चितकालीन है, या शायद इनका अंत होने वाला है। लेकिन तुम्हें पता होना चाहिए कि तुम्हारा दिल और तुम्हारी आत्मा इस वक्त कहाँ हैं।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, सर्वशक्तिमान की आह
परमेश्वर तुम्हारे हृदय और रूह को खोज रहा
1
मानव, जिन्होंने त्यागा है सर्वशक्तिमान का दिया जीवन, अस्तित्व में क्यों वे हैं जानें ना, फिर भी डरते हैं मृत्यु से। न कोई सहारा, न मदद, फिर भी मानव आँखों को बंद करने में अनिच्छुक है, ज़ुर्रत कर, दिखाता है एक अशोभनीय अस्तित्व, इस जहां में, बिन आत्माओं की चेतना के शरीरों में। जीते हो तुम आशा के बिन। जैसे जीता है वो लक्ष्य के बिन। रिवायत में एक ही बस पवित्र जन है, रिवायत में एक ही बस पवित्र जन है, आएगा जो बचाने उन्हें रोएं जो कष्ट से और हताश हो तड़पते हैं उसके आगमन के लिए। इन लोगों में जो हैं अभी अचेत, यह विश्वास नहीं है जगाया जा सकता। फिर भी लोगों में इसे प्राप्त करने की इच्छा है।
2
सर्वशक्तिमान को है करुणा उनपे जो पीड़ा में हैं। और साथ ही वो ऊब चुका है इनसे जो हैं बेहोश, क्योंकि करना होता है उसको बहुत इंतज़ार मनुष्य से पाने को जवाब। वो चाहता है ढूंढना तुम्हारे दिल और रूह को। वो देना चाहता है भोजन और पानी तुम्हें। जगाना चाहता है, वो तुम्हें ताकि तुम भूखे और प्यासे न रहो। और जब तुम थक जाते हो, और जब तुम खुद को अकेला पाते हो, अपने इस संसार में, न घबराना तुम, न रोना तुम। सर्वशक्तिमान ईश्वर, किसी भी समय तुम्हारे आगमन को गले लगा लेगा।
3
निगरानी वो कर रहा, इंतज़ार में तुम्हारे लौटने के। तुम्हारे याददाश्त लौटने का इंतज़ार वो कर रहा, तुम्हारे जान जाने का कि तुम परमेश्वर से ही आये हो, यह सत्य कि आये हो तुम परमेश्वर से ही। एक दिन तुम राह खो कर, किसी तरह कहीं पे, पड़े थे बेहोश किनारे एक सड़क के, और फिर अनजाने में मिला तुमको "पिता"। तुम्हें हो एहसास कि सर्वशक्तिमान वहां पहरे पर है। इंतज़ार कर रहा है तुम्हारे वापस लौट आने का, एक अरसे से।
4
वो बेहद चाहता है। वो करता इंतज़ार प्रत्युत्तर के लिए बिन किसी जवाब के। उसका इंतज़ार है अनमोल और यह है दिल के लिए, मानव के रूह और दिल के लिए। ये इंतज़ार शायद सदा ही रहेगा, या शायद ये इंतज़ार अब अंत होने को है। पर जानना तुम्हें है चाहिए, कहाँ है तुम्हारा दिल और रूह? कहाँ हैं वे?
— 'मेमने का अनुसरण करो और नए गीत गाओ' से