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परमेश्वर सभी चीज़ों की सृष्टि करने के लिए वचनों को उपयोग करता है

छठे दिन, सृष्टिकर्ता ने बोला और हर प्रकार के जीवित प्राणी जो उसके मस्तिष्क में थे एक के बाद एक प्रगट होने लगे

अलक्षित रूप से, सब वस्तुओं को बनाने का सृष्टिकर्ता का कार्य लगातार पाँचवे दिन तक चलता रहा, उसके तुरन्त बाद सृष्टिकर्ता ने सब वस्तुओं की सृष्टि के छठे दिन का स्वागत किया। यह दिन एक और नई शुरूआत थी तथा ...

सृष्टिकर्ता के अधिकार के अधीन, सभी चीज़ें पूर्ण हैं

परमेश्वर के द्वारा सचल और अचल समेत सब वस्तुओं की सृष्टि की गई, जैसे पक्षी और मछलियाँ, जैसे वृक्ष और फूल, जिसमें मवेशी, कीड़े-मकौड़े, और छठे दिन बनाए गए जंगली जानवर भी शामिल थे—वे सभी परमेश्वर की निगाह म...

पाँचवे दिन, जीवन के विविध और विभिन्न रूप अलग-अलग तरीकों से सृष्टिकर्ता के अधिकार को प्रदर्शित करते हैं

पवित्र-शास्त्र कहता है, "फिर परमेश्‍वर ने कहा, 'जल जीवित प्राणियों से बहुत ही भर जाए, और पक्षी पृथ्वी के ऊपर आकाश के अन्तर में उड़ें।' इसलिये परमेश्‍वर ने जाति जाति के बड़े बड़े जल-जन्तुओं की, और उन स...

चौथे दिन, जब परमेश्वर एक बार फिर से अपने अधिकार का उपयोग करता है तो मानवजाति के लिए मौसम, दिन, और वर्ष अस्तित्व में आते हैं

सृष्टिकर्ता ने अपनी योजना को पूरा करने के लिए अपने वचनों का इस्तेमाल किया और इस तरह से उसने अपनी योजना के पहले तीन दिन गुज़ारे। इन तीन दिनों के दौरान, परमेश्वर व्यस्त, या खुद को थकाता हुआ दिखाई नहीं दि...

तीसरे दिन परमेश्वर के वचनों ने पृथ्वी और समुद्रों की उत्पत्ति की, और परमेश्वर के अधिकार ने संसार को जीवन से लबालब भर दिया

आओ, हम उत्पत्ति 1:9–11 का पहला वाक्य पढ़ें : "फिर परमेश्‍वर ने कहा, 'आकाश के नीचे का जल एक स्थान में इकट्ठा हो जाए और सूखी भूमि दिखाई दे।'" परमेश्वर बस इतना कहने के बाद कि, "आकाश के नीचे का जल एक स्थान...

दूसरे दिन परमेश्वर के अधिकार ने जल का प्रबंध किया और आसमान बनाया तथा मनुष्य के जीवित रहने के लिए जगह बनाई

आओ, हम बाइबल के दूसरे अंश को पढ़ें : "फिर परमेश्‍वर ने कहा, 'जल के बीच एक ऐसा अन्तर हो कि जल दो भाग हो जाए।' तब परमेश्‍वर ने एक अन्तर बनाकर उसके नीचे के जल और उसके ऊपर के जल को अलग अलग किया; और वैसा ही...

पहले दिन, परमेश्वर के अधिकार के कारण, मानव-जाति के दिन और रात उत्पन्न हुए और स्थिर बने हुए हैं

आओ, हम पहले अंश को देखें : "जब परमेश्‍वर ने कहा, 'उजियाला हो,' तो उजियाला हो गया। और परमेश्‍वर ने उजियाले को देखा कि अच्छा है; और परमेश्‍वर ने उजियाले को अन्धियारे से अलग किया। और परमेश्‍वर ने उजियाले...