ऑनलाइन बैठक

मेन्‍यू

एक मनुष्य के जीवन में छ: घटनाक्रम

पहला मोड़ : जन्म

किसी व्यक्ति का कहाँ जन्म होता है, वह किस परिवार में जन्म लेता या लेती है, उसका लिंग, रंग-रूप, और जन्म का समय: ये किसी व्यक्ति के जीवन के प्रथम मोड़ के विवरण हैं। इस मोड़ के विवरण कोई चुन नहीं सकता...

दूसरा मोड़ : बड़ा होना

लोगों ने किस प्रकार के परिवार में जन्म लिया है, इस आधार पर वे भिन्न-भिन्न पारिवारिक परिवेशों में बड़े होते हैं और अपने माता-पिता से भिन्न-भिन्न पाठ सीखते हैं। ये कारण उन स्थितियों को निर्धारित करते है...

छठा मोड़ : मृत्यु

इतनी हलचल, भाग-दौड़, इतनी कुंठाओं और निराशाओं के पश्चात्, इतने सारे सुख-दुःख और उतार-चढ़ावों के पश्चात्, इतने सारे अविस्मरणीय वर्षों के पश्चात्, बार-बार ऋतुओं को परिवर्तित होते हुए देखने के पश्चात्, व्...

परमेश्वर के मनुष्य के भाग्य के प्रबंधन के तथ्य को समझना और बूझना

कोई भी इस सच्चाई को नहीं बदल सकता है कि परमेश्वर मनुष्य के भाग्य पर संप्रभुता रखता है जो कुछ मैंने अभी-अभी कहा है उसे सुनने के बाद, क्या भाग्य के बारे में तुम लोगों का विचार बदला है? तुम लोग मनुष्य...

परमेश्वर को अपने अद्वितीय स्वामी के रूप में स्वीकार करना उद्धार पाने का पहला कदम है

परमेश्वर के अधिकार से संबंधित सत्य ऐसे सत्य हैं जिन्हें प्रत्येक व्यक्ति को गंभीरता से लेना चाहिए, अपने हृदय से अनुभव करना और समझना चाहिए; क्योंकि ये सत्य प्रत्येक व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करते...

सृष्टिकर्ता की संप्रभुता से मानवजाति का भाग्य और विश्व का भाग्य अविभाज्य हैं

तुम सब वयस्क हो। तुम लोगों में से कुछ अधेड़-उम्र के हैं; कुछ लोग वृद्धावस्था में कदम रख चुके हैं। तुम लोग परमेश्वर पर विश्वास न करने से लेकर, उस पर विश्वास करने और परमेश्वर पर विश्वास करना शुरू करने से...

तीसरा मोड़ : स्वावलंबन

बचपन और किशोरावस्था पार करने के बाद जब कोई व्यक्ति धीरे-धीरे तथा परिपक्वता प्राप्त करता है, तो उसके लिए अगला कदम अपनी किशोरावस्था को पूरी तरह से अलविदा कहना, अपने माता-पिता को अलविदा कहना, और आगे के म...

चौथा मोड़ : विवाह

जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है और परिपक्वता आती है, तो व्यक्ति अपने माता-पिता से एवं उस परिवेश से और भी अधिक दूर हो जाता है जिसमें वह जन्मा और पला-बढ़ा था। इसके बजाय वह जीवन में एक दिशा खोजने और अपने माता-पिता...