शिओचेन एक पवित्र, दयालु ईसाई हुआ करती थी, जिसने हमेशा अपने दोस्तों से ईमानदारी से व्यवहार किया है। हालांकि, लेकिन जब उसके पुराने दोस्तों के अपने फायदे की बात आई, तो उसके पुराने दोस्त उसके दुश्मन बन गए। इस त्रासदी को झेलने के बाद, शिओचेन अपने सच्चे दिल और अपने पुराने सिद्धांतों को छोड़ने पर मजबूर हो गई। वह अपने खुद के अच्छे अंतःकरण और और अच्छी आत्मा को धोखा देने लगी, और बुरी दुनिया के कीचड़ में धँस गई...जैसे कि वह नैतिकता के मार्ग से गिर गई जैसे वह अनुग्रह से गिर और अनैतिकता के मार्ग पर चलने लगी, वह दुनिया द्वारा कुचली गई और वह निशानों और घावों से छलनी हो गई थी। जब वह चरमान्त पर पहुंची और मायूसी की हालत में उसने सारी उम्मीदे छोड़ दी, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की ईमानदारी भरी पुकार ने आखिरकार शिओचेन के हृदय और आत्मा को जागृत कर दिया...
नवीनतम आध्यात्मिक भक्तिपूर्ण संसाधनों की एक ही क्लिक में सदस्यता पाएं। ये प्रभु के करीब आने में आपकी मदद करती हैं!
Messenger के माध्यम से सदस्य बनेंहमारे बारे में | सम्पर्क करें | खंडन | गोपनीयता नीति | साभार
Copyright © 2023 यीशु मसीह का अनुसरण करते हुए