अंत के दिनों में, सभी विश्वासी, उद्धारकर्ता के बादल पर सवार होकर नीचे आने, और उससे मिलने के लिए स्वर्गारोहित किए जाने को लालायित हैं। लेकिन अब बड़ी आपदाएँ आ चुकी हैं, और वे अभी तक प्रभु के बादल पर आने का स्वागत नहीं कर पाए हैं। लोग डरा हुआ और शायद प्रभु द्वारा छोड़ा हुआ महसूस कर रहे हैं, यूं लग रहा है मानो किसी भी पल आपदा में वे मर सकते हैं। उन्हें अचरज है कि चमकती पूर्वी बिजली, प्रभु यीशु के देहधारी सर्वशक्तिमान परमेश्वर के रूप में वापस लौट आने और अंत के दिनों में सत्य व्यक्त करके न्याय-कार्य करने की गवाही दे रही है। सत्य के लिए लालायित बहुत-से लोग सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन पढ़ते हैं, परमेश्वर की वाणी को पहचानते हैं, और सर्वशक्तिमान परमेश्वर की ओर मुड़ जाते हैं। वे हर दिन परमेश्वर के वचनों का खान-पान करते हैं, उनसे भरण-पोषण पाते हैं, और मेमने के विवाह भोज में शामिल होते हैं। ये वे लोग हैं, जो आपदाओं से पहले, परमेश्वर के सिंहासन के सामने स्वर्गारोहित किए जा चुके हैं। बहुत-से धार्मिक लोग पशोपेश में हैं, सोच रहे हैं, "क्या प्रभु यीशु को लोगों को उससे मिलने के लिए आकाश में नहीं ले जाना था? चमकती पूर्वी बिजली के विश्वासी साफ तौर पर अब भी पृथ्वी पर हैं, तो फिर वे कैसे स्वर्गारोहित हुए होंगे?" बहुत-से लोग स्वर्गारोहण के सच्चे अर्थ को नहीं समझते, बल्कि सोचते हैं कि इसका अर्थ आकाश में ले जाया जाना है, यानी कोई भी इंसान जो अभी पृथ्वी पर है, वह स्वर्गारोहित नहीं किया गया है। क्या यह सही है? स्वर्गारोहित होने का वास्तव में क्या अर्थ है? सच्ची आस्था की खोज की यह कड़ी, सत्य खोजने और जवाब पाने की राह दिखाएगा।