“यहोवा” और “यीशु” व्यवस्था के युग और अनुग्रह के युग में परमेश्वर के नाम थे, और प्रकाशितवाक्य में यह भविष्यवाणी की गयी है कि अंत के दिनों में परमेश्वर एक नया नाम अपनायेंगे। परमेश्वर को अलग-अलग युगों में विभिन्न नामों से क्यों पुकारा जाता है? इन दो नामों “यहोवा” और “यीशु” का क्या महत्व है? यह लघु वीडियो आपके लिए इस रहस्य पर से परदा उठायेगा।
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