धार्मिक मण्डलियों में कई आस्थावान लोग, पादरियों और एल्डरों की कही ऐसी बातों पर विश्वास करते हैं, कि "परमेश्वर के सभी वचन और कार्य बाइबल में हैं। परमेश्वर के किसी भी वचन का बाइबल के बाहर दिखाई होना असंभव है।" मगर, क्या इस दावे के पीछे कोई बाइबल संबंधी कोई आधार है? क्या प्रभु यीशु ने ये वचन कहे थे? प्रकाशितवाक्य में कई बार यह भविष्यवाणी की गई है, "जिसके कान हों वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है।" प्रभु के वचन इसे बहुत स्पष्टता से कहते हैं: जब अंत के दिनों में प्रभु लौटेगा, तो वह फिर से बोलेगा। प्रभु के आगमन का स्वागत करने के मामले में यदि हम बाइबल से दूर नहीं जाते हैं और उस बात की खोज नहीं करते हैं जो पवित्रात्मा कलीसियाओं से कहता है, तो क्या हम प्रभु का स्वागत कर पाएँगे?
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