ईश्वर बहुत क्रोधित था नीनवे के लोगों से
जब ऐलान किया उसने
तबाह कर देगा वो उनके शहर को।
मगर उपवास घोषित करके,
राख मल ली, टाट ओढ़ लिया उन्होंने,
और ईश्वर का दिल पिघल गया,
उसका दिल बदल गया।
पाप को स्वीकारने से,
प्रायश्चित करने से,
नीनवे के लोगों के लिए ईश्वर का क्रोध
करुणा और सब्र में बदल गया।
ईश्वर जब क्रोधित हो इंसान पे,
तो उम्मीद करे उससे सच्चे प्रायश्चित की,
तब वो दया करेगा उस पर।
इंसान की बुराई के कारण वो क्रोध करे उसपर।
जो सुनें ईश्वर की बात, करें पश्चाताप,
छोड़ें रास्ता बुराई का,
और त्यागें अपनी सारी हिंसा, तो
दया-सहनशीलता दिखाए ईश्वर उन पर।
ईश्वर के स्वभाव के इस प्रकाशन में
विसंगति नहीं है कोई।
नीनवे के लोगों के प्रायश्चित से पहले और बाद में,
व्यक्त किए ईश्वर ने ये अलग सार;
अभिव्यक्त हुआ ईश्वर का सार;
इसलिए देख सकते हैं लोग
ईश्वर का सार और उसका खरापन,
कभी अपमानित न किया
जा सकने वाला सार।
ईश्वर ने अपने रवैये से ये बातें बतायीं इंसान को:
ऐसा नहीं कि ईश्वर नहीं चाहता दया दिखाना,
मगर कुछ लोग ही, सचमुच प्रायश्चित करते हैं
हिंसा की राह छोड़ के,
बिरले ही बुराई से मुँह मोड़ते हैं।
नीनवे के लोगों से ईश्वर का बर्ताव दिखाता
पायी जा सकती है करुणा उसकी।
गर प्रायश्चित करे, बुराई छोड़ दे इंसान,
तो बदलेगा उसके प्रति दिल ईश्वर का।
ईश्वर जब क्रोधित हो इंसान पे,
तो उम्मीद करे उससे सच्चे प्रायश्चित की,
तब वो दया करेगा उस पर।
इंसान की बुराई के कारण वो क्रोध करे उसपर।
जो सुनें ईश्वर की बात, करें पश्चाताप,
छोड़ें रास्ता बुराई का,
और त्यागें अपनी सारी हिंसा, तो
दया-सहनशीलता दिखाए ईश्वर उन पर, उन पर।