कुछ लोग सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़कर यह समझते हैं कि उनमें कुछ कठोर बातें कही गई हैं जैसे कि मानवजाति का न्याय, निंदा और शाप। उनका मानना है कि अगर परमेश्वर लोगों का न्याय करते या उन्हें शाप देते हैं, तो क्या वे निंदित या दंडित न होंगे? यह कैसे कहा जा सकता है कि ऐसा न्याय मनुष्य को शुद्ध करने और बचाने के लिये है? अंत के दिनों मे परमेश्वर के न्याय के कार्य को समझने का सही तरीका क्या है? जवाब इस वीडियो में जानिए।
परमेश्वर का राज्य पृथ्वी पर आ गया है! क्या आप इसमें प्रवेश करना चाहते हैं?
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