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परमेश्वर के दैनिक वचन

आज के लिए परमेश्वर का वचन

शनिवार अगस्त 2, 2025

परमेश्वर के दैनिक वचन : परमेश्वर के कार्य को जानना | अंश 143

अंत के दिनों में परमेश्वर मुख्य रूप से अपने वचन बोलने के लिए आया है। वह आत्मा के दृष्टिकोण से, मनुष्य के दृष्टिकोण से, और तीसरे व्यक्ति के दृष्टिकोण से कहता है; वह, कुछ समय के लिए एक प्रकार का उपयोग करते हुए, भिन्न-भिन्न तरीकों से कहता है, और बोलने के तरीकों का मनुष्य की अवधारणाओं को बदलने और मनुष्य के हृदय से अस्पष्ट परमेश्वर की छवि को हटाने के लि...

परमेश्वर के दैनिक वचन : परमेश्वर को जानना | अंश 161

परमेश्वर मनुष्य के साथ जो करता है उससे परमेश्वर की पवित्रता को समझना (चुना हुआ अंश) अब अंत के दिनों में परमेश्वर के कार्य के साथ, वह मनुष्य को सिर्फ अनुग्रह एवं आशीषें ही नहीं देता है जैसा उसने शुरुआत में किया था, न ही वह लोगों को आगे बढ़ने के लिए फुसलाता है—यह अनुग्रह के युग में कार्य की उस नींव के कारण है। इन अंत के दिनों के कार्य के दौरान, परमेश... और देखें

परमेश्वर के दैनिक वचन : मंज़िलें और परिणाम | अंश 592

जब मनुष्य पृथ्वी पर मनुष्य का असली जीवन प्राप्त कर लेगा और शैतान की सभी ताक़तों को बंधन में डाल दिया जाएगा, तब मनुष्य आसानी से पृथ्वी पर जीवन-यापन करेगा। चीज़ें उतनी जटिल नहीं होंगी, जितनी आज हैं : मानवीय रिश्ते, सामाजिक रिश्ते, जटिल पारिवारिक रिश्ते—वे इतनी परेशानी, इतना दर्द लेकर आते हैं! यहाँ मनुष्य का जीवन कितना दयनीय है! एक बार मनुष्य पर विजय ... और देखें

परमेश्वर के दैनिक वचन : मंज़िलें और परिणाम | अंश 591

एक बार जब विजय का कार्य पूरा कर लिया जाएगा, तब मनुष्य को एक सुंदर संसार में लाया जाएगा। निस्संदेह, यह जीवन तब भी पृथ्वी पर ही होगा, किंतु यह मनुष्य के आज के जीवन के बिलकुल विपरीत होगा। यह वह जीवन है, जो संपूर्ण मानव-जाति पर विजय प्राप्त कर लिए जाने के बाद मानव-जाति के पास होगा, यह पृथ्वी पर मनुष्य के लिए एक नई शुरुआत होगी, और मनुष्य के पास इस प्रका... और देखें

परमेश्वर के दैनिक वचन : मंज़िलें और परिणाम | अंश 590

एक बार जब विजय का कार्य पूरा कर लिया जाएगा, तब मनुष्य को एक सुंदर संसार में लाया जाएगा। निस्संदेह, यह जीवन तब भी पृथ्वी पर ही होगा, किंतु यह मनुष्य के आज के जीवन के बिलकुल विपरीत होगा। यह वह जीवन है, जो संपूर्ण मानव-जाति पर विजय प्राप्त कर लिए जाने के बाद मानव-जाति के पास होगा, यह पृथ्वी पर मनुष्य के लिए एक नई शुरुआत होगी, और मनुष्य के पास इस प्रका... और देखें

परमेश्वर के दैनिक वचन : मंज़िलें और परिणाम | अंश 589

सृजनकर्ता सृष्टि के सभी प्राणियों का आयोजन करने का इरादा रखता है। तुम्हें उसके द्वारा की जाने वाली किसी भी चीज़ को ठुकराना या उसकी अवज्ञा नहीं करनी चाहिए, न ही तुम्हें उसके प्रति विद्रोही होना चाहिए। जब उसके द्वारा किया जाने वाला कार्य अंततः उसके लक्ष्य हासिल करेगा, तो वह इसमें महिमा प्राप्त करेगा। आज ऐसा क्यों नहीं कहा जाता कि तुम मोआब के वंशज हो, ... और देखें

परमेश्वर के दैनिक वचन : मंज़िलें और परिणाम | अंश 588

मनुष्य आज के कार्य और भविष्य के कार्य को तो थोड़ा समझता है, किंतु वह उस मंज़िल को नहीं समझता, जिसमें मानव-जाति प्रवेश करेगी। एक प्राणी के रूप में मनुष्य को प्राणी का कर्तव्य निभाना चाहिए : जो कुछ भी परमेश्वर करता है, उसमें मनुष्य को उसका अनुसरण करना चाहिए; जैसे मैं तुम लोगों को बताता हूँ, वैसे ही तुम्हें आगे बढ़ना चाहिए। तुम्हारे पास अपने लिए चीज़ों क... और देखें

परमेश्वर के दैनिक वचन : देहधारण | अंश 140

परमेश्वर देहधारी हुआ और मसीह कहलाया, और इसलिए वह मसीह, जो लोगों को सत्य दे सकता है, परमेश्वर कहलाता है। इसके बारे में और कुछ भी अधिक कहने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि वह परमेश्वर के तत्व को स्वयं में धारण किए रहता है, और अपने कार्य में परमेश्वर के स्वभाव और बुद्धि को धारण करता है, और ये चीजें मनुष्य के लिये अप्राप्य हैं। जो अपने आप को मसीह कहते हैं... और देखें

परमेश्वर के दैनिक वचन : अंत के दिनों में न्याय | अंश 83

मनुष्य की देह की भ्रष्टता का न्याय करने के लिए देह में प्रकट परमेश्वर से अधिक उपयुक्त और कोई योग्य नहीं है। यदि न्याय सीधे तौर पर परमेश्वर के आत्मा के द्वारा किया जाए, तो यह सर्वव्यापी नहीं होता। इसके अतिरिक्त, ऐसे कार्य को स्वीकार करना मनुष्य के लिए कठिन होता है, क्योंकि पवित्रात्मा मनुष्य के रूबरू आने में असमर्थ है, और इस वजह से, प्रभाव तत्काल नह... और देखें

परमेश्वर के दैनिक वचन : अंत के दिनों में न्याय | अंश 82

देह में उसका कार्य बहुत सार्थक है, यह कार्य के सम्बन्ध में कहा जाता है, और अंततः देहधारी परमेश्वर ही कार्य का समापन करता है, पवित्रात्मा नहीं। कुछ लोग मानते हैं कि परमेश्वर किसी अनजान समय पृथ्वी पर आकर लोगों को दिखाई दे सकता है, जिसके बाद वह व्यक्तिगत रूप से संपूर्ण मनुष्यजाति का न्याय करेगा, एक-एक करके सबकी परीक्षा लेगा, कोई भी नहीं छूटेगा। जो लोग... और देखें