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मसीह के कथन

भ्रष्ट मनुष्यजाति को देहधारी परमेश्वर द्वारा उद्धार की अधिक आवश्यकता है

परमेश्वर इसलिए देहधारी बना क्योंकि उसके कार्य का लक्ष्य शैतान की आत्मा, या कोई अमूर्त चीज़ नहीं, बल्कि मनुष्य है, जो हाड़-माँस का बना है और जिसे शैतान ने भ्रष्ट कर दिया है। चूँकि इंसान की देह को भ्रष्ट ...

दो देहधारण पूरा करते हैं देहधारण के मायने

परमेश्वर द्वारा किए गए कार्य के प्रत्येक चरण के अपने व्यवहारिक मायने हैं। जब यीशु का आगमन हुआ, तो वह पुरुष रूप में आया, लेकिन इस बार के आगमन में परमेश्वर, स्त्री रूप में आता है। इससे तुम देख सकते हो क...

देहधारी परमेश्वर और परमेश्वर द्वारा उपयोग किए जाने वाले लोगों के बीच अनिवार्य अंतर

बहुत वर्षों तक परमेश्वर का आत्मा पृथ्वी पर कार्य करते हुए खोजता रहा है, और बहुत लोगों का परमेश्वर ने युगों-युगों के दौरान अपना कार्य करने के लिए उपयोग किया है। फिर भी, इस सारे समय में, परमेश्वर का आत्...

देहधारी परमेश्वर की सेवकाई और मनुष्य के कर्तव्य के बीच अंतर

तुम लोगों को परमेश्वर के कार्य के दर्शनों को जानना और उसके कार्य के सामान्य निर्देशों को समझना होगा। यह सकारात्मक प्रवेश है। एक बार जब तुम दर्शनों के सत्य में सही ढंग से महारत हासिल कर लोगे, तो तुम्हा...

क्या त्रित्व का अस्तित्व है?

यीशु के देहधारी होने का सत्य अस्तित्व में आने के बाद, मनुष्य ने विश्वास कर लिया कि स्वर्ग में न केवल पिता है, बल्कि पुत्र भी है और यहां तक कि आत्मा भी है। यह पारंपरिक धारणा है, जिसे मनुष्य धारण किए है...

जो मसीह के साथ असंगत हैं वे निश्चित ही परमेश्वर के विरोधी हैं

सभी मनुष्य यीशु का सच्चा रूप देखना चाहते हैं, और सभी उसके साथ रहने की इच्छा करते हैं। मुझे नहीं लगता कि कोई भाई-बहन यह कहेगा कि वह यीशु को देखना या उसके साथ रहना नहीं चाहता। यीशु को देखने से पहले—देहध...

बुलाए बहुत जाते हैं, पर चुने कुछ ही जाते हैं

मैंने अपने अनुयायी बनाने के लिए पृथ्वी पर बहुत लोगों की तलाश की है। इन सभी अनुयायियों में वे लोग हैं जो याजकों की तरह सेवा करते हैं, जो अगुआई करते हैं, जो परमेश्‍वर के पुत्र हैं, जो परमेश्‍वर के लोग ह...

तुम्हें मसीह के साथ अनुकूलता का तरीका खोजना चाहिए

मैं मनुष्यों के मध्य बहुत कार्य कर चुका हूँ और इस दौरान मैंने कई वचन भी व्यक्त किए हैं। ये समस्त वचन मनुष्य के उद्धार के लिए हैं, और इसलिए व्यक्त किए गए थे, ताकि मनुष्य मेरे अनुकूल बन सके। फिर भी, पृथ...

क्या तुम परमेश्वर के सच्चे विश्वासी हो?

हो सकता है, तुम परमेश्वर में आस्था के पथ पर एक या दो वर्ष से अधिक चले हो, और शायद इन वर्षों में तुमने अपने जीवन में बहुत कठिनाई झेली हो; या शायद तुमने ज्यादा कठिनाई न झेली हो और उसके बजाय तुमने अत्यधि...

अपनी मंजिल के लिए पर्याप्त अच्छे कर्म तैयार करो

मैंने तुम लोगों के बीच बहुत काम किया है और निस्संदेह, बहुत-से कथन भी कहे हैं। फिर भी मुझे महसूस हुए बिना नहीं रहता कि मेरे वचनों और कार्य ने अंत के दिनों में मेरे कार्य का उद्देश्य अच्छी तरह पूरा नहीं...

जो परमेश्वर के आज के कार्य को जानते हैं केवल वे ही परमेश्वर की सेवा कर सकते हैं

परमेश्वर की गवाही देने के लिए और विशाल लाल अजगर को शर्मिंदा करने के लिए व्यक्ति के पास एक सिद्धांत का होना जरूरी है, और जरूरी है एक शर्त को पूरा करना : उसे परमेश्वर को दिल से प्रेम करना चाहिए और परमेश...

व्यवस्था के युग का कार्य

यहोवा ने जो कार्य इस्राएलियों पर किया, उसने मानव-जाति के बीच पृथ्वी पर परमेश्वर के मूल स्थान को स्थापित किया, जो कि ऐसा पवित्र स्थान भी था जहाँ वह उपस्थित रहता था। उसने अपने कार्य को इस्राएल के लोगों ...

छुटकारे के युग के कार्य के पीछे की सच्ची कहानी

मेरी संपूर्ण प्रबंधन योजना, छह-हज़ार-वर्षीय प्रबंधन योजना, के तीन चरण या तीन युग हैं : आरंभ में व्यवस्था का युग; अनुग्रह का युग (जो छुटकारे का युग भी है); और अंत के दिनों का राज्य का युग। इन तीनों युगो...

देहधारण का रहस्य (4)

तुम लोगों को बाइबल और उसके बनने के पीछे की कहानी के बारे में जानना चाहिए। यह ज्ञान उन लोगों से संबंध नहीं रखता, जिन्होंने परमेश्वर के नए कार्य को स्वीकार नहीं किया है। वे इसे नहीं जानते। अगर तुम उनसे ...

जो परमेश्वर को और उसके कार्य को जानते हैं, केवल वे ही परमेश्वर को संतुष्ट कर सकते हैं

देहधारी परमेश्वर के कार्य में दो भाग शामिल हैं। जब वह पहली बार देह बना, तो लोगों ने उस पर विश्वास नहीं किया या उसे नहीं पहचाना, और उन्होंने यीशु को सलीब पर चढ़ा दिया। फिर, जब वह दूसरी बार देह बना, तो ...

वो मनुष्य, जिसने परमेश्वर को अपनी ही धारणाओं में सीमित कर दिया है, किस प्रकार उसके प्रकटनों को प्राप्त कर सकता है?

परमेश्वर का कार्य निरंतर आगे बढ़ता रहता है। यद्यपि उसके कार्य का प्रयोजन नहीं बदलता, लेकिन जिन तरीकों से वह कार्य करता है, वे निरंतर बदलते रहते हैं, जिसका अर्थ यह हुआ कि जो लोग परमेश्वर का अनुसरण करते ...

परमेश्वर में सचमुच विश्वास करने का क्या अर्थ है

यद्यपि बहुत सारे लोग परमेश्वर में विश्वास करते हैं, लेकिन कुछ ही लोग समझते हैं कि परमेश्वर में विश्वास करने का क्या अर्थ है, और परमेश्वर की इच्छा के अनुरूप बनने के लिए उन्हें क्या करना चाहिए। ऐसा इसलि...

परमेश्वर के प्रकटन को उसके न्याय और ताड़ना में देखना

प्रभु यीशु मसीह के करोड़ों अन्य अनुयायियों के समान हम बाइबल की व्यवस्थाओं और आज्ञाओं का पालन करते हैं, प्रभु यीशु मसीह के विपुल अनुग्रह का आनंद लेते हैं, और प्रभु यीशु मसीह के नाम पर एक-साथ इकट्ठे होते...