सर्वशक्तिमान परमेश्वर, अनन्तकाल का पिता, शांति का राजकुमार, हमारा परमेश्वर राजा है! सर्वशक्तिमान परमेश्वर अपने चरण जैतून के पर्वत पर रखता है। यह कितना खूबसूरत है! सुनो! हम पहरूए पुकार रहे हैं; एक साथ जयजयकार कर रहे हैं, क्योंकि परमेश्वर सिय्योन में लौट आया है। हम अपनी आँखों से यरूशलेम को खंडहर होता देख रहे हैं। उमंग में सामने आओ और साथ में गाओ, क्योंकि परमेश्वर ने हमें शान्ति दी है और यरूशलेम को छुड़ा लिया है। परमेश्वर ने सारी जातियों के सामने अपनी पवित्र भुजा प्रकट की है, परमेश्वर का वास्तविक स्वरूप प्रकट हुआ है! पृथ्वी के दूर-दूर देशों के सब लोग हमारे परमेश्वर का किया हुआ उद्धार देख लेंगे।
ओ, सर्वशक्तिमान परमेश्वर! तेरे सिंहासन से सात आत्माओं को सभी कलीसियाओं में भेजा गया है ताकि तेरे सभी रहस्यों को उजागर किया जा सके। अपनी महिमा की राजगद्दी पर बैठकर, तूने अपने राज्य का संचालन किया है और इसे न्याय और धर्म के द्वारा मजबूत और स्थिर किया है, तूने सभी जातियों को अपने सामने दबा दिया है। ओ, सर्वशक्तिमान परमेश्वर! तूने राजाओं के कमरबंद को ढीला कर दिया है, अपने सामने फाटकों को ऐसा खोल दिया है कि वे फाटक बन्द न किए जाएँ। क्योंकि तेरा प्रकाश आ गया है और तेरा तेज़ उदित हुआ है, और अपनी कान्ति चम का रहा है। पृथ्वी पर तो अन्धियारा और राज्य—राज्य के लोगों पर घोर अन्धकार छाया हुआ है। हे परमेश्वर! परन्तु तू हम पर प्रकट हुआ है, तूने अपना प्रकाश हम पर चमकाया है और तेरी महिमा हम पर प्रगट होगी; जाति-जाति तेरे पास प्रकाश के लिये और राजा तेरे आरोहण के प्रताप की ओर आएँगे। तू अपनी आँखें उठाकर चारों ओर देखता है: वे सब-के-सब इकट्ठे होकर तेरे पास आ रहे हैं, तेरे पुत्र दूर से आ रहे हैं और तेरी पुत्रियाँ हाथों-हाथ पहुँचाई जा रही हैं। हे सर्वशक्तिमान परमेश्वर, तेरा महान प्रेम हमें थाम लेता है; यह तू ही है, जो हमें तेरे राज्य को जाते मार्ग पर आगे बढ़ाता है और ये तेरे पवित्र वचन ही हैं जो हमें भेदते हैं।
ओ, सर्वशक्तिमान परमेश्वर! हम तुझे धन्यवाद देते हैं और हम तेरी प्रशंसा करते हैं! हम तेरी ओर देखें, तेरे दर्शन करें, तुझे ऊंचा उठाएं, और एक नेक, प्रशांत और एकचित्त ह्रदय के साथ तेरे लिए गाएँ। हमारा बस एक ही मन हो और हम एक साथ मिलकर निर्मित हों और तू जल्द ही, हमें वैसा बनाए जो तेरे दिल का अनुसरण करते हैं, जो तेरे द्वारा काम में लाए जाते हैं। हम चाहते हैं कि तेरी इच्छा पूरी पृथ्वी पर अबाधित रूप से पूरी हो।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, आरंभ में मसीह के कथन, अध्याय 25