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Hindi Sermon Series: Seeking True Faith | क्या सर्वशक्तिमान परमेश्वर में आस्था प्रभु यीशु से विश्वासघात है?

5,520 17/01/2022

सर्वशक्तिमान परमेश्वर, अंत के दिनों का मसीह, प्रकट होकर कार्य कर चुका है और मानवजाति को बचाने के लिए सत्यों को व्यक्त करने का कार्य कर चुका है। वचन देह में प्रकट होता है के ऑनलाइन उपलब्ध लाखों वचन, पूर्व से पश्चिम तक एक महान प्रकाश की तरह जगमगा रहे हैं और पूरे विश्व को झकझोर रहे हैं। सभी देशों, क्षेत्रों और संप्रदायों के सत्य से प्रेम करने वाले अधिकाधिक लोग सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़ चुके हैं, परमेश्वर की वाणी को सुनकर तत्परता से उसे स्वीकार कर चुके हैं। राज्य का सुसमाचार तूफानी रफ्तार और ताकत से फैलता और विस्तार करता चला जा रहा है, और बाइबल की इन भविष्यवाणियों को साकार कर रहा है : "अन्त के दिनों में ऐसा होगा कि यहोवा के भवन का पर्वत सब पहाड़ों पर दृढ़ किया जाएगा, और सब पहाड़ियों से अधिक ऊँचा किया जाएगा; और हर जाति के लोग धारा के समान उसकी ओर चलेंगे" (यशायाह 2:2)। (© BSI) "क्योंकि जैसे बिजली पूर्व से निकलकर पश्‍चिम तक चमकती है, वैसे ही मनुष्य के पुत्र का भी आना होगा" (मत्ती 24:27)। (© BSI) फिर भी, अभी भी बहुत-से ऐसे विश्वासी हैं जो सर्वशक्तिमान परमेश्वर को स्वीकार नहीं करते, क्योंकि वह एक आम मनुष्य जैसा दिखता है और प्रभु यीशु की छवि में बादलों पर सवार होकर नहीं आता, या क्योंकि सर्वशक्तिमान परमेश्वर को यीशु नहीं कहा जाता और बाइबल में कहीं भी "सर्वशक्तिमान परमेश्वर" का जिक्र नहीं है। बल्कि वे निंदा करते हुए कहते हैं कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर में विश्वास करना प्रभु यीशु के साथ विश्वासघात है। इसका नतीजा यह हुआ है कि उन्होंने अभी तक प्रभु का स्वागत नहीं किया और वे आपदाओं के शिकार हो गए हैं। तो क्या सर्वशक्तिमान परमेश्वर को स्वीकार करना सचमुच ही प्रभु यीशु के साथ गद्दारी है? सच्ची आस्था की खोज के इस एपिसोड में हम परमेश्वर के प्रकटन और कार्य के बारे में अधिक जान सकते हैं और इस प्रश्न का उत्तर खोजने की कोशिश कर सकते हैं।

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