कुछ विश्वासियों का मानना है कि धार्मिक जगत के सभी पादरियों और एल्डर्स को प्रभु द्वारा चुना गया और नियुक्त किया गया है, और यह कि ये सभी वे लोग हैं जो प्रभु की सेवा करते हैं। इसलिए वे मानते हैं कि केवल पादरियों और एल्डर्स की आज्ञा मानना ही प्रभु की आज्ञा मानना है, और यह कि पादरियों और एल्डर्स की निंदा या उल्लंघन करना प्रभु की निंदा करना है। वे यह भी मानते हैं कि, कलीसियाओं में, केवल पादरी और एल्डर्स ही बाइबल का अर्थ समझते हैं और बाइबल की व्याख्या कर सकते हैं, और जब तक पादरियों और एल्डर्स द्वारा दिए जाने वाले उपदेश या किए जाने वाले कर्म, बाइबल के अनुसार हैं और बाइबल पर आधारित हैं, तब तक लोगों को उनकी आज्ञा मान कर उनका अनुसरण करना चाहिए। तो क्या पादरियों और एल्डर्स के प्रति इस प्रकार की आज्ञाकारिता सत्य के अनुसार है? क्या बाइबल के ज्ञान की समझ सत्य की समझ और परमेश्वर के ज्ञान का प्रतिनिधित्व करती है? पादरियों और एल्डर्स के प्रति हमें किस प्रकार का दृष्टिकोण रखना चाहिए जो कि परमेश्वर की इच्छा के अनुसार हो?
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