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मेन्‍यू

प्रभु यीशु के कार्य और वचन

फरीसियों द्वारा यीशु की आलोचना और प्रभु यीशु की उन्हें डाँट

फरीसियों द्वारा यीशु की आलोचना मरकुस 3:21-22 जब उसके कुटुम्बियों ने यह सुना, तो वे उसे पकड़ने के लिए निकले; क्योंकि वे कहते थे कि उसका चित ठिकाने नहीं है। शास्त्री भी जो यरूशलेम से आए थे, यह कहते थे,...

यीशु चमत्कार करता है

1. यीशु पाँच हज़ार लोगों को खिलाता है यूहन्ना 6:8-13 उसके चेलों में से शमौन पतरस के भाई अन्द्रियास ने उससे कहा, “यहाँ एक लड़का है जिसके पास जौ की पाँच रोटी और दो मछलियाँ हैं; परन्तु इतने लोगों के लिये...

खोई हुई भेड़ का दृष्टांत

मत्ती 18:12-14 तुम क्या सोचते हो? यदि किसी मनुष्य की सौ भेड़ें हों, और उनमें से एक भटक जाए, तो क्या वह निन्यानबे को छोड़कर, और पहाड़ों पर जाकर, उस भटकी हुई को न ढूँढ़ेगा? और यदि ऐसा हो कि उसे पाए, तो ...

अपने पुनरुत्थान के बाद यीशु रोटी खाता है और पवित्रशास्त्र समझाता है और चेलों ने यीशु को खाने के लिए भुनी हुई मछली दी

अपने पुनरुत्थान के बाद यीशु रोटी खाता है और पवित्रशास्त्र समझाता है लूका 24:30-32 जब वह उनके साथ भोजन करने बैठा, तो उसने रोटी लेकर धन्यवाद किया और उसे तोड़कर उनको देने लगा। तब उनकी आँखें खुल गईं; और ...

अपने पुनरुत्थान के बाद अपने चेलों के लिए यीशु के वचन

यूहन्ना 20:26-29 आठ दिन के बाद उसके चेले फिर घर के भीतर थे, और थोमा उनके साथ था; और द्वार बन्द थे, तब यीशु आया और उनके बीच में खड़े होकर कहा, “तुम्हें शान्ति मिले।” तब उसने थोमा से कहा, “अपनी उँगली यह...

यीशु का पहाड़ी उपदेश, प्रभु यीशु के दृष्टान्त और आज्ञाएँ

यीशु का पहाड़ी उपदेश धन्य वचन (मत्ती 5:3-12) नमक और ज्योति (मत्ती 5:13-16) व्यवस्था की शिक्षा (मत्ती 5:17-20) क्रोध और हत्या (मत्ती 5:21-26) व्यभिचार (मत्ती 5:27-30) तलाक (मत्ती 5:31-32) शपथ (मत...

सात बार के सत्तर गुने तक क्षमा करो और प्रभु का प्रेम

सात बार के सत्तर गुने तक क्षमा करो मत्ती 18:21-22 तब पतरस ने पास आकर उस से कहा, “हे प्रभु, यदि मेरा भाई अपराध करता रहे, तो मैं कितनी बार उसे क्षमा करूँ? क्या सात बार तक?” यीशु ने उससे कहा, “मैं तुझ स...

मनुष्य का पुत्र सब्त का प्रभु है (I)

1. यीशु द्वारा सब्त के दिन खाने के लिए मकई की बालें तोड़ना मत्ती 12:1 उस समय यीशु सब्त के दिन खेतों में से होकर जा रहा था, और उसके चेलों को भूख लगी तो वे बालें तोड़-तोड़कर खाने लगे। 2. मनुष्य का पुत...