चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की पुलिस, 2006 में, कलीसिया की एक अगुआ चेन शिन्जी का, उसके कर्तव्य के दौरान पीछा कर उसकी निगरानी करती है। आखिर कलीसिया की एक उपयाजिका झाओ गाइलन के साथ वह गिरफ्तार हो जाती है। कलीसिया के अगुआओं के बारे में और कलीसिया के पैसे कहाँ रखे हैं, इसकी जानकारी हासिल करने की कोशिश में, पुलिसवाले एक-एक करके उनसे पूछताछ कर सवालों के जवाब देने के लिए उन पर दबाव डालते हैं, और उन्हें पीटने और हथकड़ियों से लटकाने जैसी चालें भी चलते हैं। यह देखकर कि चेन शिन्जी मुँह नहीं खोल रही है, वे उसे एक गुप्त पूछताछ स्थल में ले जाते हैं, उसे नीचा दिखाने के लिए उसके सारे कपड़े उतरवा देते हैं, और बेहोश होने तक उसे बिजली के झटके देते हैं। जब उसे लगता है कि वह जिंदगी और मौत के बीच झूल रही है, वह अपनी ताकत का आखिरी जोर लगाकर परमेश्वर से प्रार्थना कर उसे पुकारती है। बेहोशी की हालत में, वह देखती है कि स्वर्गदूत परमेश्वर के वचनों का एक समूहगान गाकर उसे प्रोत्साहित कर रहे हैं, और इस तरह उसे मौत के कगार से वापस ले आते हैं। वह अपनी आस्था में दृढ़ता से लगी रहती है और शैतान को नीचा दिखाने के लिए परमेश्वर की गवाही देने की शपथ लेती है। यह देखकर कि यातना देने के उनके क्रूर तरीके उस पर कारगर नहीं हैं, पुलिस उसके पति को लाने की कोशिश करती है ताकि वह उसके दिल को मजबूर कर उससे परमेश्वर को धोखा दिलवाए और कलीसिया के साथ विश्वासघात करवाए। उन्होंने चेन शिन्जी के करीब होकर उससे कलीसिया की जानकारी हासिल करने के लिए दो बार जासूस भी भेजे। परमेश्वर का सहारा लेकर, वह शैतान की चालों में नहीं फंसती, मगर पुलिस अभी भी हार नहीं मानती। फिर एक बर्फीले दिन, वे चेन शिन्जी और झाओ गाइलन को एक सश्रम पुनर्शिक्षा शिविर में ले जाते हैं, जहां सैकड़ों कैदियों के सामने जबरन उनके कपड़े उतरवाए जाते हैं, और उनके नंगे शरीरों का सबके सामने प्रदर्शन किया जाता है। ...