ऑनलाइन बैठक

मेन्‍यू

अंत के दिन आ गये हैं: यीशु के द्वितीय आगमन की भविष्यवाणियाँ कैसे पूरी हो रही हैं?

एक दिन मैंने ऑनलाइन एक जानदार चर्चा होते देखी; लोग कह रहे थे कि पश्चिमी गोलार्ध में रात में दिखाई दे रहे चार रक्तिम चंद्रमा अंत समय की चेतावनी है, और बड़े भूकंप पूरे विश्व में अक्सर हो रहे हैं। मैंने मन में सोचा, "चार रक्तिम चन्द्रमा पहले ही दिख चुके हैं, खगोलीय घटनाएँ सामने आई हैं, पूरी दुनिया में अक्सर आपदाएँ हो रही हैं, आतंकवादी घटनाएं बढ़ रही हैं, युद्ध लगातार हो रहे हैं...। सभी संकेत बताते हैं कि प्रभु की वापसी की भविष्यवाणियां मूल रूप से पूरी हो चुकी हैं, तो मैंने उन्हें हमसे मिलने के लिए एक बादल पर नीचे आते हुए क्यों नहीं देखा? क्या प्रभु अभी तक वापस नहीं आये या वे वापस आ गये हैं, लेकिन मैंने उन्हें नहीं देखा है? मैं उनकी वापसी का स्वागत कैसे कर सकती हूँ?" इस उलझन ने मेरे दिल को चारों ओर से घेर लिया और मैं चकरा-सी गयी। इस मुद्दे पर कुछ स्पष्टता प्राप्त करने की कोशिश करते हुए, मैं प्रभु से प्रार्थना करने लगी, मैंने उनसे मुझे प्रबोधन देने और मार्गदर्शन करने के लिए कहा ताकि मैं उनकी वापसी का स्वागत करने में सक्षम हो जाऊं और उनके द्वारा दरकिनार न की जाऊं।

कुछ समय के बाद, बहन गान, जिन्हें मैंने कुछ महीनों से नहीं देखा था, वे मुझसे मिलने आयीं; मुझे पता था कि यह प्रभु द्वारा व्यवस्थित किया गया है। बहन गान कई वर्षों से प्रभु के लिए काम कर रहीं थीं और वह एक विचारशील, व्यावहारिक महिला थीं। मैंने सोचा कि वह मेरी इस समस्या को हल करने में सक्षम हो सकती हैं, इसलिए मैंने कहा, "बहन गान, मैं किसी बात को लेकर उलझन में हूँ जिसे मैं समझना चाहूंगी। बाइबल में लिखा है, 'तब वे मनुष्य के पुत्र को सामर्थ्य और बड़ी महिमा के साथ बादल पर आते देखेंगे' (लूका 21:27)। 'देखो, वह बादलों के साथ आनेवाला है, और हर एक आँख उसे देखेगी, वरन् जिन्होंने उसे बेधा था वे भी उसे देखेंगे, और पृथ्वी के सारे कुल उसके कारण छाती पीटेंगे। हाँ। आमीन' (प्रकाशितवाक्य 1:7)। यह कहा गया है कि जब प्रभु आयेंगे, तो वह बड़ी महिमा और सामर्थ्य के साथ बादल पर सवार होकर नीचे आएंगे; वह खुलकर प्रकट होंगे और हर कोई उन्हें देख सकेगा। इसलिए, स्वर्ग में ले जाए जाने के लिए हम हमेशा से प्रतीक्षा करते रहे हैं कि वे एक बादल पर सवार होकर आयेंगे। दुनिया भर में अब लगातार आपदाएं, भूकंप, अकाल और युद्धों के लगातार प्रकोप के साथ ही बहुत सी खगोलीय घटनाएं हो रही हैं। सभी संकेत बताते हैं कि प्रभु की वापसी की भविष्यवाणियां मूल रूप से पूरी हो चुकी हैं, तो ऐसा क्यों है कि हमने अभी भी उन्हें हमसे मिलने के लिए एक बादल पर नीचे आते हुए नहीं देखा है? आखिर बात क्या है?"

बहन गान ने मेरी बात सुनी और थोड़ा सोचने के बाद कहा, "आपका यह सवाल कुछ ऐसा है जिसे प्रभु के दूसरे आगमन का स्वागत करने की आशा रखने वाले हम सभी लोग समझना चाहते हैं। अगर हम उनकी वापसी का स्वागत करना चाहते हैं, तो पहले हमें यह जानना होगा कि अंत के दिनों में प्रभु वास्तव में कैसे आएंगे—यह महत्वपूर्ण है! वास्तव में, बाइबल में प्रभु के आने के एक और तरीके के बारे में भी भविष्यवाणियां हैं, वे केवल एक बादल पर नहीं आयेंगे जैसा कि आपने उल्लेख किया है। उदाहरण के लिए, प्रकाशितवाक्य 16:15 में लिखा है: 'देख, मैं चोर के समान आता हूँ।' और प्रकाशितवाक्य 3:3 में यह कहा गया है 'यदि तू जागृत न रहेगा तो मैं चोर के समान आ जाऊँगा, और तू कदापि न जान सकेगा कि मैं किस घड़ी तुझ पर आ पड़ूँगा।' तथा मत्ती 24:44: 'इसलिये तुम भी तैयार रहो, क्योंकि जिस घड़ी के विषय में तुम सोचते भी नहीं हो, उसी घड़ी मनुष्य का पुत्र आ जाएगा।' यह भविष्यवाणियाँ बताती है कि वह एक चोर के समान गुप्त रूप से आयेंगे और किसी को पता नहीं चलेगा। बहन, उन शास्त्रों पर एक नज़र डालें, जिनके बारे में हमने अभी बात की है: कुछ स्थानों पर यह कहा गया है कि प्रभु एक बादल पर खुले आम लौटेंगे, कुछ स्थानों पर यह कहा गया है कि वह गुप्त रूप से आयेंगे और किसी को पता नहीं चलेगा। क्या हमने कभी इस बारे में सोचा है? प्रभु की वापसी, इस एक ही चीज़ के बारे में भविष्यवाणियाँ अलग-अलग बातें क्यों कहेंगी?"

जो कुछ उन्होंने कहा, वह मैं अच्छे से समझ नहीं पाई और मैंने मन में सोचा, "बात तो सही है। प्रकाशितवाक्य 1:7 कहा गया है 'देखो, वह बादलों के साथ आनेवाला है, और हर एक आँख उसे देखेगी, वरन् जिन्होंने उसे बेधा था वे भी उसे देखेंगे,' लेकिन प्रकाशितवाक्य 16:15 कहता है 'देख, मैं चोर के समान आता हूँ।' इसका क्या मतलब है? प्रभु वास्तव में कैसे आएंगे?"

प्रभु यीशु के पुनरागमन के दो तरीके हैं

उलझन में, मैंने बहन गान को जवाब दिया, "इनमें से कुछ भविष्यवाणियों का कहना है कि प्रभु सबके सामने नीचे आएंगे, जबकि कुछ का कहना है कि वह गुप्त रूप से आएंगे। ये विरोधाभासी प्रतीत होते हैं, लेकिन मुझे पता है कि परमेश्वर के वचनों में कोई गलती नहीं होती, बात बस ये है कि मैं अभी ये समझती नहीं हूँ। कृपया इस पर मेरे साथ थोड़ी संगति करें।"

मुस्कुराते हुए, बहन गान ने कहा, "परमेश्वर विश्वासयोग्य हैं और ये भविष्यवाणियां पूरी होंगी—वे घटित होंगी। हालांकि वे संघर्ष करती हुई दिखाई देती हैं, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं हैं। 'एक चोर के समान' का मतलब है कि प्रभु गुप्त रूप से वापस आयेंगे, और 'बादलों के साथ' आनेवाला का मतलब है कि वे खुले तौर पर आयेंगे। अर्थात, जब वह लौटेंगे तो पहली बार वे गुप्त रूप से आयेंगे और उसके बाद वह खुलकर प्रकट होंगे।"

मैंने चकित होकर कहा "पहले गुप्त रूप से, फिर खुलकर!"

उन्होंने मुझे धीरज के साथ समझाया, "हाँ, जब प्रभु आयेंगे, तो पहले वे मनुष्य के पुत्र के रूप में देहधारण करके आयेंगे और एक बार कार्य खत्म कर लेने के बाद वे बादलों पर सवार होकर आयेंगे और सभी राष्ट्र के लोगों के सामने प्रकट होंगे।"

मैंने उत्सुकता से कहा, "तो वे गुप्त रूप से आकर पहले मनुष्य के पुत्र के रूप में देहधारण करेंगे, फिर बादल पर प्रकट होंगे? मैंने ऐसा पहली बार सुना है!"

बहन गान में मुस्कुराकर कहा, "आइये बाइबल के इन पदों पर नज़र डालें फिर आप समझ जाएँगी! प्रभु यीशु ने कहा है, 'क्योंकि जैसे बिजली पूर्व से निकलकर पश्‍चिम तक चमकती है, वैसे ही मनुष्य के पुत्र का भी आना होगा' (मत्ती 24:27)। 'क्योंकि जैसे बिजली आकाश के एक छोर से कौंध कर आकाश के दूसरे छोर तक चमकती है, वैसे ही मनुष्य का पुत्र भी अपने दिन में प्रगट होगा। परन्तु पहले अवश्य है कि वह बहुत दु:ख उठाए, और इस युग के लोग उसे तुच्छ ठहराएँ' (लूका 17:24-25)। इन पदों में 'मनुष्य के पुत्र' और 'मनुष्य के पुत्र के आने’ का उल्लेख किया गया है। 'मनुष्य का पुत्र' एक इन्सान से पैदा होता है, उसके पास सामान्य मानवता होती है, और वह कपड़े पहनता है, खाता है, जीवन जीता है, और एक साधारण व्यक्ति की तरह कार्य करता है; वह बाहर से औसत व्यक्ति की तरह ही दिखता है। हालाँकि, उसके पास एक दिव्य सार होता है, जो सत्य को व्यक्त करने और मानवजाति को बचाने के लिए कार्य करने में सक्षम है। यह वैसा ही है जैसे प्रभु यीशु को ‘मनुष्य का पुत्र’ कहा जाता था क्योंकि वह देह में अवतरित हुए परमेश्वर का आत्मा थे, भले ही बाहर से वह सामान्य, साधारण दिखते थे, लेकिन वो देह सार रूप से परमेश्वर था और उसमें पूर्ण दिव्यता थी। यही कारण है कि प्रभु यीशु मसीह थे, स्वयं परमेश्वर थे। इसीलिए प्रभु यीशु ने 'मनुष्य के पुत्र' और 'मनुष्य के पुत्र के आने' का उल्लेख किया। यह सब परमेश्वर के अंत के दिनों में देह में लौटने का जिक्र था। बाइबल यह भी कहती है, 'परन्तु पहले अवश्य है कि वह बहुत दु:ख उठाए, और इस युग के लोग उसे तुच्छ ठहराएँ।' हम सभी जानते हैं कि जब परमेश्वर खुद को मनुष्य के पुत्र का चोला पहनाते हैं और गुप्त रूप से मानवजाति के बीच आते हैं, तो लोग उन्हें परमेश्वर के रूप में पहचानने में असफल होते हैं; वे मनुष्य के पुत्र को एक साधारण व्यक्ति समझते हैं, और इसीलिए वे परमेश्वर को अस्वीकार करते, उनकी निंदा और आलोचना करते हैं, यहां तक कि देहधारी परमेश्वर के खिलाफ विद्रोह करते हैं और विरोध करते हैं। इसलिए परमेश्वर 'बहुत से दुःख उठाएंगे।' ठीक वैसे ही जब प्रभु यीशु देह में प्रकट हुए थे और उन्होंने कार्य किया था, तब उन्हें मनुष्यों की अस्वीकृति, अपमान, मज़ाक, ईशनिन्दा और आलोचना का सामना करना पड़ा था और अंततः उन्हें सूली पर चढ़ा दिया गया था। यदि प्रभु अपनी वापसी पर एक बादल पर सवार होकर आते और लोगों के सामने खुलकर प्रकट होते, तो हर कोई इसे देखता, भय से कांपता, और आराधना में परमेश्वर के सामने दंडवत हो जाता। कोई भी परमेश्वर के खिलाफ विद्रोह करने या विरोध करने की हिम्मत नहीं करता। तो फिर 'परन्तु पहले अवश्य है कि वह बहुत दु:ख उठाए, और इस युग के लोग उसे तुच्छ ठहराएँ' यह कैसे पूरा होगा? इसलिए हम निश्चित हो सकते हैं कि प्रभु की वापसी पहले गुप्त रूप से देह में होगी और उसके बाद वह खुले तौर पर एक बादल पर प्रकट होंगे।"

उनकी बातें सुनने के बाद मैंने उन पर सोच-विचार किया। "तो जब प्रभु वापस आयेंगे, तो वह पहली बार गुप्त रूप से आयेंगे, और उसके बाद वह खुले तौर पर एक बादल पर प्रकट होंगे इस दावे का एक बाइबल सम्बन्धी आधार है। यह कैसे हो गया कि मैं इतने वर्षों में बाइबल पढ़ रही हूँ लेकिन कभी भी मुझे यह नहीं पता लगा कि वह दो अलग-अलग तरीकों से वापस आयेंगे? अद्भुत! लेकिन ऐसा क्यों है कि वह पहले देह बनकर गुप्त रूप से आयेंगे, और फिर खुले तौर पर प्रकट होंगे? आखिर मामला क्या है? मुझे पूछना ही होगा।" फिर मैंने कहा, "बहन गान, आपकी संगति से मुझे समझ में आ गया है कि प्रभु की वापसी पहले गुप्त रूप से होगी और फिर वह खुले तौर पर प्रकट होंगे, और इसे इस तरह से मानते हुए, बाइबल की भविष्यवाणियाँ अब आपस में टकराती हुई नहीं दिखाई देती हैं। लेकिन मुझे वास्तव में समझ नहीं आया कि क्यों वह पहले गुप्त रूप से आएंगे और फिर खुलकर प्रकट होंगे। इसमें प्रभु की इच्छा क्या है?"

बहन गान ने जवाब दिया, "सत्य यह है कि अंत के दिनों में परमेश्वर का पहले देह बनना, गुप्त रूप से कार्य करना और फिर खुले तौर पर दिखाई देना, पूरी तरह से वही है जो उनके कार्य के लिए आवश्यक है, यह कुछ ऐसा भी है जो हम भ्रष्ट मानवों को चाहिए। हम प्रभु में विश्वास करते हैं और हमें प्रभु यीशु द्वारा छुटकारा दिया गया है; हमारे पापों को क्षमा कर दिया गया है। लेकिन, हमारी पापी प्रकृति अभी भी गहरी जड़ें जमाये हुए है और हम बार-बार पाप किये बिना नहीं रह पाते, यहाँ तक कि परमेश्वर की खिलाफत या विरोध करने वाली बातें भी कर बैठते हैं। यह एक निर्विवाद तथ्य है। यहोवा परमेश्वर ने कहा, 'पवित्र बने रहो, क्योंकि मैं पवित्र हूँ' (लैव्यव्यवस्था 11:45)। और इब्रानियों 12:14 में कहा गया है, '... पवित्रता के खोजी हो जिसके बिना कोई प्रभु को कदापि न देखेगा।' हमारे जैसे लोग जो लगातार पाप करते फिर उसे कबूल करते हैं, वे प्रभु के चेहरे को देखने के बिल्कुल अयोग्य हैं, और हम स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करने के योग्य नहीं हैं। इसलिए प्रभु यीशु ने बहुत समय पहले ये भविष्यवाणियाँ की थीं: 'मुझे तुम से और भी बहुत सी बातें कहनी हैं, परन्तु अभी तुम उन्हें सह नहीं सकते। परन्तु जब वह अर्थात् सत्य का आत्मा आएगा, तो तुम्हें सब सत्य का मार्ग बताएगा, क्योंकि वह अपनी ओर से न कहेगा परन्तु जो कुछ सुनेगा वही कहेगा, और आनेवाली बातें तुम्हें बताएगा' (यूहन्ना 16:12-13)। 'जो मुझे तुच्छ जानता है और मेरी बातें ग्रहण नहीं करता है उसको दोषी ठहरानेवाला तो एक है: अर्थात् जो वचन मैं ने कहा है, वही पिछले दिन में उसे दोषी ठहराएगा' (यूहन्ना 12:48)। प्रकाशितवाक्य 2:7 में भी कहा गया है, 'जिसके कान हों वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है। जो जय पाए, मैं उसे उस जीवन के पेड़ में से जो परमेश्‍वर के स्वर्गलोक में है, फल खाने को दूँगा।' इन भविष्यवाणियों से मुझे जो समझ में आया वह यह है कि जब प्रभु अंत के दिनों में आयेंगे तो वे अधिक वचनों को व्यक्त करने और परमेश्वर के घर से शुरू होने वाले न्याय का कार्य करने वाले हैं। वह मानवजाति को बदलने, शुद्ध करने और बचाने के लिए आएंगे और हमें शैतान के प्रभुत्व से पूरी तरह से बचायेंगे। अंत के दिनों के उनके कार्य में, लोगों को उनकी किस्म के अनुसार अलग करना भी शामिल होगा—वह सच्चे विश्वासियों को झूठों से, गेहूँ को जंगली पौधों से, भेड़ों को बकरियों से उजागर करेंगे, सभी को उनकी किस्म के अनुसार अलग करते हुए वे भले को इनाम देंगे और बुरे को सज़ा देंगे। जब परमेश्वर गुप्त रूप से कार्य करेंगे, उस समय के दौरान जो लोग परमेश्वर के न्याय के कार्य को स्वीकारेंगे, उन्हें परमेश्वर के सिंहासन के समक्ष स्वर्गारोहित किया जाएगा। वे परमेश्वर के वचनों के न्याय और ताड़ना का अनुभव करेंगे और अपनी शैतानी प्रकृति और परमेश्वर के प्रति उनके प्रतिरोध की सच्ची समझ प्राप्त करेंगे। उन्हें परमेश्वर के धर्मी स्वभाव की समझ भी प्राप्त होगी जो कोई भी अपराध को बर्दाश्त नहीं करता। उनके भ्रष्ट स्वभाव धीरे-धीरे शुद्ध और रूपांतरित हो जाएंगे; वे सत्य की तलाश और परमेश्वर द्वारा पूरी तरह से बचाए जाने के मार्ग पर कदम रखेंगे। हालांकि, जो लोग परमेश्वर के गुप्त रूप से कार्य करने की अवधि के दौरान कभी भी उनकी की उपस्थिति की तलाश नहीं करते हैं या परमेश्वर के कार्यों और वचनों को अस्वीकार तक कर देते हैं, उसकी निंदा तक करते हैं, वे परमेश्वर के अंत के दिनों के कार्य में अविश्वासियों और बुरे लोगों के रूप में उजागर किये जायेंगे। जब परमेश्वर का गुप्त कार्य समाप्त हो चुका होगा, तो वह अच्छों को पुरस्कार देने और बुरों को दंड देने के लिए बड़ी आपदाओं को बरसाएंगे, और फिर इन आपदाओं के बाद वह सभी लोगों को दिखाई देंगे। जब परमेश्वर को अस्वीकार करने और उनका विरोध करने वाले लोग देखेंगे कि वे वास्तव में जिसे अस्वीकार कर रहे थे और जिसका विरोध कर रहे थे, वे लौटे हुए प्रभु यीशु हैं, तो वे अपनी छाती पीटेंगे, रोएँगे और अपने दांत पीसेंगे। यह प्रभु के इन वचनों को पूरा करता है: 'देखो, वह बादलों के साथ आनेवाला है, और हर एक आँख उसे देखेगी, वरन् जिन्होंने उसे बेधा था वे भी उसे देखेंगे, और पृथ्वी के सारे कुल उसके कारण छाती पीटेंगे। हाँ। आमीन' (प्रकाशितवाक्य 1:7)। इससे हम देख सकते हैं कि प्रभु का कार्य बुद्धि से भरा है, और यह परमेश्वर के धर्मी स्वभाव की अभिव्यक्ति भी है।"

बहन गान से इस संगति को सुनकर मुझे दिल से बहुत खुशी हुई; मुझे महसूस हुआ कि प्रभु की वापसी की भविष्यवाणियां इसी तरह पूरी होंगी। जब प्रभु वापस लौटेंगे, तो वे पहले देहधारण करेंगे और सत्य को व्यक्त करने के लिए गुप्त रूप से आयेंगे, न्याय का कार्य करेंगे, और विजेताओं का एक समूह बनायेंगे; उसके बाद ही वह खुले तौर पर मानवजाति के सामने आयेंगे। जो कोई भी परमेश्वर के गुप्त रूप से कार्य करने की अवधि के दौरान उनके कार्य को स्वीकार नहीं करता है, बल्कि लापरवाही से परमेश्वर के कार्यों और वचनों की आलोचना और निंदा करता है, वह कोई ऐसा है जो सत्य से नफरत करता है और परमेश्वर खुले तौर पर प्रकट होने पर आपदा में ही गिर सकता है और दंडित किया जा सकता है। परमेश्वर इस विधि का उपयोग गेहूँ से जंगली पौधों को, भेड़ों से बकरियों को, अच्छे सेवकों से बुरे सेवकों को उजागर करने के लिए करेंगे, सभी लोगों को उनकी किस्म के अनुसार अलग-अलग करेंगे। परमेश्वर वास्तव में बहुत बुद्धिमान हैं, बहुत सर्वशक्तिमान हैं! मैं पहले कभी नहीं समझ पाई कि प्रभु वास्तव में कैसे आने वाले हैं, बस मूर्खतापूर्वक आकाश में बादलों पर टकटकी लगाये रखना जानती थी, प्रतीक्षा करती थी कि प्रभु उनमें से एक पर सवार होकर नीचे आयेंगे। मैंने वास्तव में कभी भी उनके दूसरे आगमन की भविष्यवाणियों के बारे में सोच-विचार नहीं किया इसलिए मैंने गुप्त रूप से उनके आने की भविष्यवाणियों की अनदेखी की। यह कितना इतना खतरनाक था! अगर मैं इस तरह इंतजार करटी रहती तो न केवल मैं प्रभु का स्वागत करने में असमर्थ होती, बल्कि मैं परमेश्वर द्वारा पूरी तरह से बचाए जाने और स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करने का मौका भी खो देती! इससे मैं थोड़ा चिंतित महसूस करने लगी, इसलिए मैंने फौरन पूछा, "बहन गान, तो जब प्रभु गुप्त रूप से आयेंगे तो हमें प्रभु के कार्य को खोजने और उनकी वापसी का स्वागत करने के लिए क्या करना चाहिए?"

उसने मुस्कुराते हुए कहा, "हमने अभी-अभी बाइबल में बताई गई बातों से देखा है कि जब परमेश्वर अंत के दिनों में लौटेंगे तो वे अधिक वचनों को कहेंगे और मानवजाति का न्याय करने और उसे शुद्ध करने का कार्य करेंगे। इसलिए उनके दूसरे आगमन का स्वागत करने की कुंजी अंत के दिनों के उनके वचनों को स्वीकार करने और परमेश्वर के नए कार्य के साथ बने रहने में है। प्रभु यीशु ने कहा है, 'आधी रात को धूम मची: देखो, दूल्हा आ रहा है! उससे भेंट करने के लिये चलो' (मत्ती 25:6)। 'मेरी भेड़ें मेरा वचन सुनती हैं; मैं उन्हें जानता हूँ, और वे मेरे पीछे पीछे चलती हैं' (यूहन्ना 10:27)। परमेश्वर की भेड़ें उनकी वाणी सुनने में सक्षम हैं। वे सभी जो परमेश्वर के कथनों को सुनते हैं और उनसे उनकी वाणी को पहचानने में सक्षम होते हैं, वे प्रभु के प्रकटन का स्वागत करने में सक्षम होंगे। यह प्रभु यीशु के शिष्यों, पतरस, यूहन्ना, मत्ती आदि के जैसा ही है। जब उन्होंने स्वर्ग के राज्य के सुसमाचार पर प्रभु यीशु के उपदेशों को सुना, तो वे उनके कार्य और वचनों से यह निर्धारित करने में सक्षम थे कि वह वही मसीहा थे जिसकी उन्होंने प्रतीक्षा की थी, और इसलिए उन्होंने बिना किसी हिचकिचाहट के उनका अनुसरण किया। वे समझदार कुंवारियां थे। यदि हम प्रभु के दूसरे आगमन का स्वागत करना चाहते हैं, तो हमें भी उनकी वाणी सुनने पर ध्यान केंद्रित करते हुए, समझदार कुंवारी बनना चाहिए। यदि हम किसी को यह कहते हुए सुनते हैं कि प्रभु पहले ही लौट आए हैं, और उन्होंने नए वचनों को कहा है और मानवजाति का न्याय करने और उसे शुद्ध करने का कार्य कर रहे हैं, तो हम इसकी जाँच-पड़ताल में समय बर्बाद नहीं कर सकते हैं। जब तक हम यह पुष्टि कर सकते हैं कि यह परमेश्वर के कार्य और वचन हैं, हमें इसे स्वीकार करना चाहिए और इसे समर्पित होना चाहिए। इस तरह हम प्रभु की वापसी का स्वागत करने और उनके साथ भोज में शामिल होने में सक्षम हो सकेंगे।"

बहन गान की संगति सुनकर, मैंने उत्साह से जवाब दिया, "प्रभु का धन्यवाद! आखिरकार अब मैं जानती हूँ कि प्रभु के दूसरे आगमन का स्वागत करने की कुंजी एक समझदार कुंवारी बनना और परमेश्वर की वाणी सुनने के लिए सावधान रहना है। जब तक मैं इस बात की पुष्टि कर सकती हूँ कि वचन परमेश्वर द्वारा कहे गए हैं, मुझे यह स्वीकार करने में तत्परता दिखानी चाहिए—यह उनकी वापसी का स्वागत करने का एकमात्र तरीका है। ओह, बहन गान, मुझे आपसे मिले हुए कुछ महीने ही हुए हैं। आप इतनी जल्दी इतन कुछ कैसे समझ गईं?"

उसने खुशी से कहा, "प्रभु का धन्यवाद! आज के बारे में मैंने जो कुछ भी कहा है, वो सब मैं केवल एक पुस्तक पढ़ने के बाद ही समझ सकी हूँ। मैं आज अपने साथ एक प्रति लायी हूँ। क्यों न हम इसे साथ में पढ़ें?"

उत्सुक होकर मैंने सिर हिलाया और कहा, "बहुत बढ़िया रहेगा!"

……

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