क्या कोई आसमान को तक कर प्रभु का स्वागत कर सकता है?
नाश्ते के बाद, विवाहित दम्पति झोंग शेंग और शेन हुआ एक पहाड़ी पगडंडी पर चहलकदमी करने गए। शेन हुआ ने आकाश में श्वेत बादलों को नज़र उठा कर देखा और आह भरते हुए कहा, "हम इस पहाड़ी पर वर्षों से आसमान को तकते हुए सैर करते रहे हैं, लेकिन हमने कभी भी प्रभु यीशु को किसी भी बादल पर नहीं देखा। अब हम अंत के दिनों में हैं, आपदाओं का अनुपात बढ़ता जा रहा है, और हम अभी भी प्रभु का स्वागत नहीं कर पाए हैं। इससे मुझे चिंता होती है।"
झोंग शेंग ने इस पर थोड़ा अरसा गौर करने के बाद कहा, "बरसों से हमने सुबह और शाम प्रार्थना की है, और कलीसिया 24 घंटों की पाली में चौकसी और प्रार्थना करती है। कलीसिया ने एक बुर्ज भी बनाया है ताकि लोग आसमान को ताक कर प्रभु के वापिस लौटने की आशापूर्वक प्रतीक्षा कर सकें, लेकिन हमने अभी तक प्रभु का स्वागत नहीं किया है। मुझे तो अब संदेह हो रहा है कि हमारी प्रथा कहीं गलत तो नहीं। हाल ही में मैंने दूसरे शहर में सहकर्मियों की एक बैठक में शिरकत की थी और मैंने एक बहुत बढ़िया खबर सुनी। सहकर्मी लियू ने कहा कि प्रभु पहले ही लौट आए हैं और मनुष्य को बचाने के लिए कई सत्य व्यक्त कर रहे हैं। उन्होंने हमें परमेश्वर के कुछ वचन भी पढ़ कर सुनाए, और मैंने यह महसूस किया कि उन वचनों में बल और सामर्थ्य था, मानो कि सृजनकर्ता स्वयं ही हमसे बात कर रहे हों, और मैंने सोचा...।"
उन्हें उनकी बात पूरी करने दिए बिना, शेन हुआ ने ठिठक कर टोका, "क्या? प्रभु यीशु लौट आए हैं? बाइबल में यह साफ तौर पर कहा गया है, 'हे गलीली पुरुषों, तुम क्यों खड़े स्वर्ग की ओर देख रहे हो? यही यीशु, जो तुम्हारे पास से स्वर्ग पर उठा लिया गया है, जिस रीति से तुम ने उसे स्वर्ग को जाते देखा है उसी रीति से वह फिर आएगा' (प्रेरितों के काम 1:11)। 'तब मनुष्य के पुत्र का चिन्ह आकाश में दिखाई देगा, और तब पृथ्वी के सब कुलों के लोग छाती पीटेंगे; और मनुष्य के पुत्र को बड़ी सामर्थ्य और ऐश्वर्य के साथ आकाश के बादलों पर आते देखेंगे' (मत्ती 24:30)। जब प्रभु आएंगे तो वे बादलों पर महान शोभा के साथ आएँगे और सभी उन्हें देख सकेंगे। हमने उन्हें अभी तक बादलों पर आते हुए नहीं देखा है, तो आप कैसे कह सकते हैं कि वे लौट आए हैं?"
"मैंने भी उसी तरह सोचा था, लेकिन सभी की सहभागिता और इस विषय पर चर्चा से, मैं अंतत: यह समझ गया कि बाइबल में न केवल इस बात की भविष्यवाणी है कि प्रभु बादलों पर खुले तौर पर आएंगे, लेकिन उसमें प्रभु के गुप्त रूप से आने की भविष्यवाणियाँ भी हैं। उदाहरण के लिए: 'यदि तू जागृत न रहेगा तो मैं चोर के समान आ जाऊँगा और तू कदापि न जान सकेगा, कि मैं किस घड़ी तुझ पर आ पड़ूँगा' (प्रकाशितवाक्य 3:3)। 'तुम भी तैयार रहो; क्योंकि जिस घड़ी तुम सोचते भी नहीं, उस घड़ी मनुष्य का पुत्र आ जाएगा' (लूका 12:40)। 'क्योंकि जैसे बिजली आकाश की एक छोर से कौंधकर आकाश की दूसरी छोर तक चमकती है, वैसे ही मनुष्य का पुत्र भी अपने दिन में प्रगट होगा। परन्तु पहले अवश्य है, कि वह बहुत दुःख उठाए, और इस युग के लोग उसे तुच्छ ठहराएँ' (लूका 17:24–25)। इस भविष्यवाणी में ये वचन 'चोर की तरह' का अर्थ है कि प्रभु गुप्त रूप से और चुपचाप आएँगे। और फिर ये वचन भी हैं 'मनुष्य का पुत्र' और 'इस युग के लोग उसे तुच्छ ठहराएँ'। 'मनुष्य का पुत्र' का अर्थ है कोई ऐसा जो मनुष्य से जन्मा हो, जो सामान्य मानवता धारण करता हो लेकिन जो स्वयं परमेश्वर का देहधारण हो। परमेश्वर की आत्मा को मनुष्य का पुत्र नहीं कहा जा सकता, न ही आत्मा को इस युग के लोग तुच्छ ठहरा सकते हैं। केवल परमेश्वर के देहधारण करने और बाहरी तौर पर सामान्य और आम प्रतीत होते हुए काम करने और अपने वचन पृथ्वी पर कहने के लिए आने पर ही मनुष्य मसीह के साथ ऐसा व्यवहार करेगा मानो वे एक सामान्य व्यक्ति हों, इस हद तक कि वे मसीह को नकार सकें और उनकी निंदा कर सकें। उदाहरण के तौर पर, जब प्रभु यीशु अपना कार्य करने के लिए आए, तो वे पवित्र आत्मा द्वारा गर्भित किए गए, और एक मनुष्य द्वारा जन्म दिए गए थे, एक सामान्य जीवन जीते हुए उन्होंने मनुष्य के मध्य खानपान किया और रहे। उनका सार, हालाँकि, स्वयं परमेश्वर का था, वे परमेश्वर का सार धारण करते थे, उनके स्वभाव को व्यक्त कर सकते थे, वे व्यवस्था के युग का समापन कर अनुग्रह के युग का सूत्रपात कर सकते थे, और वे मनुष्य को पश्चाताप का मार्ग देने के लिए सत्य व्यक्त करते हुए, समूची मानवजाति को छुटकारा दिला सकते थे। लेकिन फरीसियों, शास्त्रियों और आम यहूदी लोग यीशु के साथ इस प्रकार पेश आए मानो वे एक सामान्य मनुष्य हों। न केवल उन्होंने प्रभु यीशु द्वारा कहा गया सत्य स्वीकार नहीं किया, बल्कि उन्होंने उन्हें अपमानित और निंदित भी किया और उन्हें क्रूस पर चढ़ा दिया। केवल अंत के दिनों में परमेश्वर द्वारा अपना कार्य करने और अपने वचन कहने के लिए मनुष्य का पुत्र बनने पर ही यह युग उन्हें तुच्छ ठहरा सकता है। इन भविष्यवाणियों से हम यह देख सकते हैं कि प्रभु का आगमन दो भागो में विभक्त है—उनका गुप्त रूप से आना और उनका खुले तौर पर आना। इससे अधिक बात यह है, कि प्रभु के वचन कभी भी असफल नहीं होते, और इसलिए ये दोनों अलग-अलग भविष्यवाणियाँ पूरी हो जाएँगी। अंत के दिनों में, विजेताओं का एक समूह बनाने के लिए परमेश्वर पहले गोपनीय तरीके से उन्हें बचाने के लिए आएँगे जो बचाए जा सकते हैं। एक बार परमेश्वर का गोपनीय कार्य पूरा हो जाने पर, परमेश्वर उसके बाद सभी लोगों के समक्ष खुले तौर पर प्रकट होंगे, और उस समय उनके खुले तौर आने की सभी भविष्यवाणियाँ पूरी हो जाएँगी," झोंग शेंग ने समझाया।
शेन हुआ गहरी सोच में डूब गईं: "मनुष्य का पुत्र" और "इस युग के लोग उसे तुच्छ ठहराएँ"। हाँ, मनुष्य के पुत्र का अर्थ होता है ऐसा कोई जो मनुष्य से उत्पन्न हुआ हो, और परमेश्वर की आत्मा को मनुष्य का पुत्र नहीं कहा जा सकता, और न ही आत्मा को यह युग तुच्छ ठहरा सकता है। ऐसा लगता है कि प्रभु के आगमन की बाइबल की भविष्यवाणियाँ उनके बादलों पर आने को लेकर सीमित नहीं हैं, बल्कि ऐसी भविष्यवाणियाँ भी हैं जो यह कहती हैं कि प्रभु गुप्त तरीके से आएँगे। ऐसा कैसे है कि इतने वर्षों के अपने बाइबल अध्ययन में मुझे इसका पता नहीं चला?
चलते-चलते, झोंग शेंग ने कहा, "जब सहकर्मी लियू और मैंने इस विषय पर और सभी लोगों से सहभागिता करते हुए चर्चा की, तो मैं अंतत: समझ गया कि प्रभु दो तरीके से आएंगे, गोपनीय रूप से और खुले आम, कि गुप्त तरीके का उनका कार्य लोगों को बचाना होगा, और जब वे खुले आम प्रकट होंगे, तो परमेश्वर का मनुष्य को बचाने का कार्य तब समाप्त हो जाएगा, ठीक वैसे ही जैसा कि प्रकाशितवाक्य 1:7 में जब यह कहा गया है: 'देखो, वह बादलों के साथ आनेवाला है; और हर एक आँख उसे देखेगी, वरन् जिन्होंने उसे बेधा था, वे भी उसे देखेंगे, और पृथ्वी के सारे कुल उसके कारण छाती पीटेंगे। हाँ। आमीन।' आओ इस बारे में सोचते हैं। यह कहना उचित है कि जब लोग प्रभु को बादलों के साथ आते हुए देखेंगे तो बहुत हर्षित होंगे लेकिन यह पद कहता है कि पृथ्वी के सभी कुल जब प्रभु को बादलों के साथ आते हुए देखेंगे तो उसके कारण छाती पीटेंगे। यह इसलिए होगा क्योंकि उन्होंने गोपनीय रूप से आए प्रभु यीशु को स्वीकार नहीं किया होगा, क्योंकि उन्होंने प्रभु यीशु के वापिस आने का विरोध और अस्वीकार किया होगा और इस प्रकार अंत के दिनों में प्रभु यीशु का उद्धार खो चुके होंगे।
"प्रभु यीशु ने अपने दूसरे आगमन की तुलना नूह के दिनों के साथ भी की थी। प्रभु यीशु ने कहा था, 'जैसा नूह के दिनों में हुआ था, वैसा ही मनुष्य के पुत्र के दिनों में भी होगा। जिस दिन तक नूह जहाज पर न चढ़ा, उस दिन तक लोग खाते-पीते थे, और उनमें विवाह-शादी होती थी; तब जल-प्रलय ने आकर उन सब को नाश किया' (लूका 17:26–27)। जैसा कि हम सभी जानते हैं, जब नूह ने यह संदेश फैलाया कि संसार को समाप्त करने वाली एक बड़ी जल-प्रलय आने वाली है, तो उस समय के लोगों ने उसका विश्वास नहीं किया क्योंकि उन्होंने आसमान से कोई बारिश होते हुए नहीं देखी थी, और अंत में, किसी एक व्यक्ति ने भी उस सुसमाचार पर विश्वास नहीं किया जिसका नूह सौ से अधिक सालों से उपदेश दे रहा था। जब जहाज पूरी तरह बन गया, तब परमेश्वर के धैर्य और मनुष्य के पश्चाताप के लिए उनकी प्रतीक्षा पूरी हो गई, तो आसमान से मूसलाधार बारिश गिरने लगी और जल-प्रलय आ गई। लोगों ने इसे अपने आसपास प्रकट होते हुए देखा, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी—अनुग्रह के द्वार बंद हो चुके थे। इसी प्रकार, परमेश्वर अंत के दिनों में हमें बचाने के लिए आते हैं, और जब परमेश्वर खुले आम आएँगे, तो उनका उद्धार का कार्य पूरा हो चुका होगा एवं अच्छों को पुरस्कृत करने और दुष्टों को दण्ड देने का समय आ चुका होगा।"
अपने पति की सहभागिता सुनने के बाद, शेन हुआ ने अपने मन में सोचा: हाँ, यह कहना उचित है कि प्रभु के आगमन का वह दृश्य वाकई लोगों के अति उल्लासित और सतत हर्ष का होगा, और हममें से ऐसे जो प्रभु में विश्वास करते हैं वे घंटानाद करेंगे और ढोल बजाते हुए प्रभु के आगमन का स्वागत गीत और नृत्य के साथ करेंगे। तो वह पद फिर ऐसा क्यों कहता है कि सभी लोग छाती पीटेंगे? आख़िरकार मैं समझ गई कि यह इसलिए होगा क्योंकि लोग परमेश्वर के गोपनीय कार्य का विरोध और अस्वीकार करेंगे और इस प्रकार लोगों का उद्धार खो देंगे।
झोंग शेंग ने आगे कहना जारी रखा, "जब मैं सहकर्मी लियू से मिला, तो उन्होंने परमेश्वर के वचनों का एक अंश हमें पढ़ कर सुनाया जो बहुत ही मर्मस्पर्शी था।" ऐसा कहते हुए, झोंग शेंग ने अपनी जेब से एक नोटपैड निकाला और पढ़ा: "बहुत से लोगों को शायद इसकी परवाह न हो कि मैं क्या कहता हूँ, किंतु मैं ऐसे हर तथाकथित संत को, जो यीशु का अनुसरण करते हैं, बताना चाहता हूँ कि जब तुम लोग यीशु को एक श्वेत बादल पर स्वर्ग से उतरते अपनी आँखों से देखोगे, तो यह धार्मिकता के सूर्य का सार्वजनिक प्रकटन होगा। शायद वह तुम्हारे लिए एक बड़ी उत्तेजना का समय होगा, मगर तुम्हें पता होना चाहिए कि जिस समय तुम यीशु को स्वर्ग से उतरते देखोगे, यही वह समय भी होगा जब तुम दंडित किए जाने के लिए नीचे नरक में जाओगे। वह परमेश्वर की प्रबंधन योजना की समाप्ति का समय होगा, और वह समय होगा, जब परमेश्वर सज्जन को पुरस्कार और दुष्ट को दंड देगा। क्योंकि परमेश्वर का न्याय मनुष्य के देखने से पहले ही समाप्त हो चुका होगा, जब सिर्फ़ सत्य की अभिव्यक्ति होगी" ('जब तक तुम यीशु के आध्यात्मिक शरीर को देखोगे, परमेश्वर स्वर्ग और पृथ्वी को नया बना चुका होगा')।
भावनाओं से अभिभूत होते हुए, झोंग शेंग ने कहा, "जब मैंने ये शब्द सुनें, तो मैंने उन्हें प्रताप, सामर्थ्य और शक्ति से ओतप्रोत पाया, मानो कि वे स्वयं परमेश्वर द्वारा कहे गए हों। इन वचनों ने आख़िरकार मुझे समझाया कि, मनुष्य को सत्य और जीवन देने के लिए ताकि वह पाप के बंधनों से मुक्त होकर अंतत: सच्चा उद्धार पाकर शुद्ध हो सके, परमेश्वर पहले गुप्त रूप से परमेश्वर के आवास से आरंभ होने वाला अपना न्याय-कार्य करने आते हैं। उसके बाद ही परमेश्वर खुले आम बादलों पर अच्छों को पुरस्कृत और दुष्टों को दण्ड देने आएँगे। मैंने हमेशा ही आसमान को ताका है, यह विश्वास करते हुए कि अगर मैंने प्रभु यीशु को बादलों पर आते हुए नहीं देखा तो इससे यह सिद्ध होता है कि वे अभी वापिस नहीं आए हैं। अंत में, मैंने जब किसी को प्रभु के आने के सुसमाचार का प्रचार करते हुए सुना, तो मैंने उसकी खोज करने या जाँच करने की पहल नहीं की, मैंने देहधारी परमेश्वर द्वारा व्यक्त किए गए सत्य को स्वीकार नहीं किया और मैंने वापिस लौटे प्रभु को बाहर ही रखा। उसकी जगह, मैंने अपने सभी दिन यह सोचते हुए गुज़ारे कि प्रभु बादलों के साथ हमें स्वर्ग में आरोहित करने के लिए आएँगे, लेकिन यह सिर्फ़ काल्पनिक सोच ही थी और प्रभु की इच्छा के साथ बिल्कुल तालमेल नहीं रखती थी। उन पुराने दिनों में फरीसी मसीहा के आगमन की तीव्र अभिलाषा रखते थे, लेकिन जब प्रभु यीशु वाकई आए, तो वे अपनी ही अवधारणाओं से इस विश्वास के साथ चिपके रहे कि प्रभु यीशु के मसीह या प्रभु होने की संभावना नहीं है क्योंकि वे एक दौलतमंद परिवार में पैदा नहीं हुए, क्योंकि वे कुलीन और ओजस्वी नहीं लगते थे और क्योंकि उनका नाम मसीह नहीं था। और इसलिए उन्होंने उनका विरोध किया और उनकी निंदा की, उन्होंने उनके द्वारा कहा गया सत्य स्वीकार करने से इंकार कर दिया, और अंतत: उन्होंने उन्हें क्रूस पर चढ़ा कर एक ऐसा जघन्य पाप किया जिस कारणवश वे परमेश्वर के श्राप और दण्ड के भागी बनें। अब जब प्रभु के पुनरागमन के स्वागत की बारी आती है, तो हमें फरीसियों की तरह उसी पथ पर चल कर परमेश्वर के विरोध में स्वयं को नहीं करना चाहिए।"
शेन हुआ अपने पति के वचनों से बहुत प्रभावित हुईं, और उन्होंने कहा, "इतने सालों से, मैं शास्त्रों से लगातार चिपकी रही जो ये कहते थे कि प्रभु बादलों पर खुले आम आएंगे और मैं हमेशा आसमान को तकती रहती थी। क्योंकि मैंने कभी भी प्रभु को बादलों के साथ आते हुए नहीं देखा, मैंने यह विश्वास नहीं किया कि प्रभु लौट आए हैं। जब मैंने यह सुना कि प्रभु लौट आए हैं, तब भी मैंने उसकी खोज या जाँच करने की पहल नहीं की। अब चूंकि आपने मेरे साथ आज सहभागिता की है, मैं समझती हूँ कि हमें सच्चा उद्धार देने का परमेश्वर का गुप्त कार्य पूरा हो चुका है, और जब परमेश्वर खुले तौर पर प्रकट होंगे, अनुग्रह के द्वार तब बंद हो जाएँगे और फिर कोई अवसर नहीं रहेगा। हमें अंत के दिनों के प्रभु के सुसमाचार को हमारी सर्वप्रथम प्राथमिकता बनाना चाहिए!"
झोंग शेंग ने कहा, "तुम सही हो! प्रभु यीशु ने कहा था, 'माँगो, तो तुम्हें दिया जाएगा; ढूँढ़ो, तो तुम पाओगे; खटखटाओ, तो तुम्हारे लिये खोला जाएगा' (मत्ती 7:7)। यह प्रभु की इच्छा है कि हम उनका मार्ग खोजने की पहल करें। उन्होंने यह भी कहा था: 'आधी रात को धूम मची, कि देखो, दूल्हा आ रहा है, उससे भेंट करने के लिये चलो' (मत्ती 25:6)। 'देख, मैं द्वार पर खड़ा हुआ खटखटाता हूँ; यदि कोई मेरा शब्द सुनकर द्वार खोलेगा, तो मैं उसके पास भीतर आकर उसके साथ भोजन करूँगा, और वह मेरे साथ' (प्रकाशितवाक्य 3:20)। प्रकाशितवाक्य में कई बार यह कहा गया है कि 'जिसके कान हों वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है' (प्रकाशितवाक्य 2, 3)। ये भविष्यवाणियाँ बिल्कुल स्पष्ट हैं: अंत के दिनों में जब प्रभु लौटेंगे, तो वे अपने वचन कहेंगे, और हमें बुद्धिमान कुवाँरियाँ बन कर परमेश्वर के वचन पर ध्यान देना चाहिए। केवल तभी हम प्रभु के आगमन का स्वागत कर पाएँगे।"
पहाड़ी से उतरते हुए, उन दोनों ने कहा, "प्रभु का धन्यवाद कि अब हमारे पास उनके आने का स्वागत करने का एक मार्ग है। अब हमें पहाड़ियों पर चढ़ कर आसमान को और नहीं ताकना होगा...।"
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