पहला भाग : परमेश्वर द्वारा हर तरह के भूभाग के लिए सीमाएँ निर्धारित करना
आज मैं इस विषय पर बात करने जा रहा हूँ कि परमेश्वर द्वारा समस्त चीजों के लिए लाई गई इस तरह की व्यवस्थाएँ कैसे पूरी मानवजाति का पालन-पोषण करती हैं। यह अपेक्षाकृत एक बड़ा विषय है, इसलिए हम इसे कई हिस्सों ...दूसरा भाग : परमेश्वर द्वारा जीवन के हर रूप के लिए सीमाएँ निर्धारित करना
परमेश्वर द्वारा खींची गई इन सीमाओं के कारण विभिन्न भूभागों ने अस्तित्व के लिए विभिन्न परिवेश तैयार किए हैं, और अस्तित्व के लिए ये परिवेश विभिन्न प्रकार के पशु-पक्षियों के लिए सुविधाजनक रहे हैं, और उन्...तीसरा भाग : परमेश्वर द्वारा मानवजाति के पालन-पोषण के लिए परिवेश और पारिस्थितिकी बनाए रखना
परमेश्वर ने सभी चीजों की रचना की और उनके लिए सीमाएँ निर्धारित कीं; उनके मध्य उसने सभी प्रकार के जीवों का पालन-पोषण किया। इसी दौरान उसने मनुष्यों के जीवित रहने के लिए विभिन्न साधन भी तैयार किए, इसलिए त...चौथा भाग : परमेश्वर द्वारा विभिन्न नस्लों के बीच सीमाएँ खींचना
चौथे, परमेश्वर ने विभिन्न नस्लों के बीच सीमाएँ खींचीं। पृथ्वी पर गोरे लोग, काले लोग, भूरे लोग और पीले लोग हैं। ये विभिन्न प्रकार के लोग हैं। परमेश्वर ने इन विभिन्न प्रकार के लोगों के जीवन के लिए भी दा...सच्चे पश्चात्ताप के जरिये मनुष्य परमेश्वर की दया और सहनशीलता प्राप्त करता है (III)
परमेश्वर की करुणा और सहनशीलता दुर्लभ नहीं है—बल्कि मनुष्य का सच्चा पश्चात्ताप दुर्लभ है परमेश्वर नीनवे के लोगों से चाहे जितना भी क्रोधित रहा हो, लेकिन जैसे ही उन्होंने उपवास की घोषणा की और टाट ओढ़कर र...सृष्टिकर्ता की संप्रभुता से मानवजाति का भाग्य और विश्व का भाग्य अविभाज्य हैं
तुम सब वयस्क हो। तुम लोगों में से कुछ अधेड़-उम्र के हैं; कुछ लोग वृद्धावस्था में कदम रख चुके हैं। तुम लोग परमेश्वर पर विश्वास न करने से लेकर, उस पर विश्वास करने और परमेश्वर पर विश्वास करना शुरू करने से...सच्चे पश्चात्ताप के जरिये मनुष्य परमेश्वर की दया और सहनशीलता प्राप्त करता है (I)
आगे बाइबल की “परमेश्वर द्वारा नीनवे के उद्धार” की कहानी दी गई है। योना 1:1-2 यहोवा का यह वचन अमित्तै के पुत्र योना के पास पहुँचा : “उठकर उस बड़े नगर नीनवे को जा, और उसके विरुद्ध प्रचार कर; क्योंकि उस...यीशु का पहाड़ी उपदेश, प्रभु यीशु के दृष्टान्त और आज्ञाएँ
यीशु का पहाड़ी उपदेश धन्य वचन (मत्ती 5:3-12) नमक और ज्योति (मत्ती 5:13-16) व्यवस्था की शिक्षा (मत्ती 5:17-20) क्रोध और हत्या (मत्ती 5:21-26) व्यभिचार (मत्ती 5:27-30) तलाक (मत्ती 5:31-32) शपथ (मत...सात बार के सत्तर गुने तक क्षमा करो और प्रभु का प्रेम
सात बार के सत्तर गुने तक क्षमा करो मत्ती 18:21-22 तब पतरस ने पास आकर उस से कहा, “हे प्रभु, यदि मेरा भाई अपराध करता रहे, तो मैं कितनी बार उसे क्षमा करूँ? क्या सात बार तक?” यीशु ने उससे कहा, “मैं तुझ स...पहले दिन, परमेश्वर के अधिकार के कारण, मानव-जाति के दिन और रात उत्पन्न हुए और स्थिर बने हुए हैं
आओ, हम पहले अंश को देखें : “जब परमेश्वर ने कहा, ‘उजियाला हो,’ तो उजियाला हो गया। और परमेश्वर ने उजियाले को देखा कि अच्छा है; और परमेश्वर ने उजियाले को अन्धियारे से अलग किया। और परमेश्वर ने उजियाले को ...