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परमेश्वर के दैनिक वचन : जीवन में प्रवेश | अंश 504

810 19/09/2020

यदि लोग परमेश्वर का आदर करने वाले हृदय के साथ परमेश्वर में विश्वास करते हैं और उसके वचनों को अनुभव करते हैं, तो ऐसे लोगों में परमेश्वर का उद्धार और परमेश्वर का प्रेम देखा जा सकता है। ये लोग परमेश्वर की गवाही दे पाते हैं; वे सत्य को जीते हैं, और जिसकी वे गवाही देते हैं, वह भी सत्य, परमेश्वर का स्वरूप और परमेश्वर का स्वभाव ही होता है। वे परमेश्वर के प्रेम के मध्य में रहते हैं और वे परमेश्वर का प्रेम देख चुके हैं। यदि लोग परमेश्वर से प्रेम करना चाहते हैं, तो उन्हें परमेश्वर की सुंदरता का स्वाद चखना चाहिए और परमेश्वर की सुंदरता को देखना चाहिए; केवल तभी उनमें परमेश्वर से प्रेम करने वाला हृदय जागृत हो सकता है, एक ऐसा हृदय जो लोगों को अपना सर्वस्व निष्ठापूर्वक परमेश्वर के लिए देने को प्रेरित करता है। परमेश्वर लोगों को वचनों और अभिव्यक्तियों के माध्यम से, या उनकी कल्पना के माध्यम से अपने से प्रेम नहीं कराता, और न ही वह अपने से प्रेम करने के लिए उन्हें बाध्य करता है। इसकी बजाय वह उन्हें उनकी इच्छा से अपने से प्रेम करने देता है, और वह अपने कार्य और कथनों में उन्हें अपनी सुंदरता को देखने देता है, जिसके बाद उनमें परमेश्वर के प्रति प्रेम जन्म लेता है। केवल इसी तरह लोग सच्चे अर्थों में परमेश्वर की गवाही दे सकते हैं। लोग परमेश्वर से प्रेम करते हैं तो इसलिए नहीं कि दूसरों ने उनसे ऐसा करने का आग्रह किया है, न ही यह कोई क्षणिक भावनात्मक आवेग होता है। वे परमेश्वर से इसलिए प्रेम करते हैं, क्योंकि उन्होंने उसकी सुंदरता देखी है, उन्होंने देखा है कि उसमें कितना कुछ है जो लोगों के प्रेम के योग्य है, क्योंकि उन्होंने परमेश्वर का उद्धार, बुद्धि और आश्चर्यजनक कर्म देखे हैं—और परिणामस्वरूप, वे सचमुच परमेश्वर का गुणगान करते हैं, और सचमुच उसके लिए तड़पते हैं, और उनमें ऐसा जुनून उत्पन्न हो जाता है कि वे परमेश्वर को प्राप्त किए बिना जीवित नहीं रह सकते। जो सच्चे अर्थों में परमेश्वर की गवाही देते हैं, वे उसकी शानदार गवाही इसलिए दे पाते हैं क्योंकि उनकी गवाही परमेश्वर के सच्चे ज्ञान और उसके लिए सच्ची तड़प की नींव पर टिकी होती है। ऐसी गवाही किसी भावनात्मक आवेग के अनुसार नहीं, बल्कि परमेश्वर और उसके स्वभाव के उनके ज्ञान के अनुसार दी जाती है। चूँकि वे परमेश्वर को जानने लगे हैं, इसलिए उन्हें लगता है कि उन्हें परमेश्वर की गवाही निश्चित रूप से देनी चाहिए, और उन सबको जो परमेश्वर के लिए तड़पते हैं, परमेश्वर को जानने, और परमेश्वर की सुंदरता एवं उसकी वास्तविकता से अवगत होने का अवसर मिलना चाहिए। परमेश्वर के प्रति लोगों के प्रेम की तरह उनकी गवाही भी स्वतः स्फूर्त होती है, वह वास्तविक होती है और उसका महत्व एवं मूल्य वास्तविक होता है। वह निष्क्रिय या खोखली और अर्थहीन नहीं होती। जो परमेश्वर से सचमुच प्रेम करते हैं केवल उन्हीं के जीवन में सर्वाधिक मूल्य और अर्थ होता है, और केवल वही लोग क्यों परमेश्वर में सचमुच विश्वास करते हैं, इसका कारण यह है कि ये लोग परमेश्वर के प्रकाश में रह पाते हैं और परमेश्वर के कार्य और प्रबंधन के लिए जी पाते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि वे अंधकार में नहीं जीते, बल्कि प्रकाश में जीते हैं; वे अर्थहीन जीवन नहीं जीते, बल्कि परमेश्वर द्वारा धन्य किया गया जीवन जीते हैं। केवल वे जो परमेश्वर से प्रेम करते हैं, परमेश्वर की गवाही दे पाते हैं, केवल वे ही परमेश्वर के गवाह हैं, केवल वे ही परमेश्वर द्वारा धन्य किए जाते हैं, और केवल वे ही परमेश्वर की प्रतिज्ञाएँ प्राप्त कर पाते हैं। वे जो परमेश्वर से प्रेम करते हैं, परमेश्वर के अंतरंग हैं; वे परमेश्वर के प्रिय लोग हैं, और वे परमेश्वर के साथ आशीषों का आनंद ले सकते हैं। केवल ऐसे लोग ही अनंत काल तक जीवित रहेंगे, और केवल वे ही हमेशा के लिए परमेश्वर की देखभाल और सुरक्षा में रहेंगे। परमेश्वर लोगों द्वारा प्रेम किए जाने के लिए है, और वह सभी लोगों द्वारा प्रेम किए जाने योग्य है, परंतु सभी लोग परमेश्वर से प्रेम करने में सक्षम नहीं हैं, और न ही सभी लोग परमेश्वर की गवाही दे सकते हैं और परमेश्वर के सामर्थ्य में सहभागी हो सकते हैं। चूँकि परमेश्वर से सचमुच प्रेम करने वाले लोग ही परमेश्वर की गवाही दे पाते हैं और परमेश्वर के कार्य के लिए अपने सभी प्रयास समर्पित कर पाते हैं, इसलिए वे स्वर्ग के नीचे कहीं भी घूम सकते हैं और कोई उनका विरोध करने की हिम्मत नहीं कर सकता, और वे पृथ्वी पर शक्ति का प्रयोग और परमेश्वर के सभी लोगों पर शासन कर सकते हैं। ये लोग दुनिया भर से एक-साथ आए हैं। वे अलग-अलग भाषाएँ बोलते हैं और उनकी त्वचा के रंग भिन्न-भिन्न हैं, परंतु उनके अस्तित्व का समान अर्थ है; उन सबके पास परमेश्वर से प्रेम करने वाला हृदय है, वे सब एक ही गवाही देते हैं, और उनका एक ही संकल्प और एक ही इच्छा है। जो परमेश्वर से प्रेम करते हैं, वे समूचे संसार में कहीं भी स्वतंत्रता से घूम सकते हैं; और जो परमेश्वर की गवाही देते हैं, वे संपूर्ण ब्रह्मांड में यात्रा कर सकते हैं। वे लोग परमेश्वर के प्रिय लोग हैं, वे परमेश्वर द्वारा धन्य किए गए लोग हैं, और वे सदैव उसके प्रकाश के भीतर रहेंगे।

—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, परमेश्वर से प्रेम करने वाले लोग सदैव उसके प्रकाश के भीतर रहेंगे

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