चूँकि तुम ईश्वर में करते हो विश्वास, सौंप दो उसे तुम दिल अपना।
अर्पित कर दो दिल अपना, शुद्ध किए जाने पर,
तुम ईश्वर को न नकारोगे, न छोड़ोगे।
ईश्वर से रिश्ता तुम्हारा
सामान्य हो जाएगा।
ईश्वर से समागम तुम्हारा बारंबार होगा, ज़्यादा करीब होगा।
अगर इस तरह सदा अभ्यास करोगे,
तो ईश्वर की रोशनी में ज़्यादा रहोगे,
उसके वचन तुम्हें ज़्यादा राह दिखाएँगे,
ज़्यादा बदलेगा स्वभाव तुम्हारा।
दिन-ब-दिन संचित होगा, ज्ञान तुम्हारा।
जब आएगा दिन और अचानक तुम ईश्वर के परीक्षणों से गुज़रोगे,
तो न सिर्फ ईश्वर के साथ खड़े होगे,
बल्कि उसकी गवाही दोगे तुम।
तब अय्यूब और पतरस जैसे
इंसान बन जाओगे तुम।
ईश्वर की गवाही देकर तुम उसे,
सच में प्यार करने वाले इंसान बन जाओगे।
उसके लिए तुम जान दे पाओगे,
तुम उसकी गवाही बन जाओगे।
तुम प्रिय हो जाओगे, तुम ईश्वर के प्रिय हो जाओगे।
शुद्धिकरण से गुज़रा हुआ प्यार, मज़बूत होता है, कमज़ोर नहीं।
ईश्वर तुम्हारा परीक्षण कभी भी, कैसे भी ले,
तुम मरोगे या जियोगे
ये विचार नहीं करोगे।
तुम ईश्वर के लिए खुशी से सब-कुछ त्याग दोगे,
खुशी से सब-कुछ सह लोगे।
इस तरह प्रेम शुद्ध होगा, आस्था असली होगी तुम्हारी,
तब प्रेम करेगा ईश्वर तुम्हें।
तभी तुम ईश्वर द्वारा पूर्ण बन पाओगे।