झेन चेंग एक उपकरण मरम्मत की दुकान का मालिक था। वह दयालु, ईमानदार था और कायदे से कारोबार करता था। वह कभी किसी की आँखों में धूल झोंकने की कोशिश नहीं करता था, बल्कि वह अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए मुश्किल से ही पैसा कमा पा रहा था। कुछ समय बाद, उसके परिवार के सदस्य और एक साथी व्यापारी ने उसे कारोबार के हथकंडों को आजमाने के लिए उकसाया, और झेन चेंग उस कहावत पर विश्वास करने लगा जो एक शैतानी सिद्धांत को दर्शाती है: "बिना दूसरी आमदनी के आदमी कभी अमीर नहीं बन सकता, जैसे कि घोड़ा अगर रात में अपने तबेले में भूखा रहेगा तो कभी उसका वजन नहीं बढ़ेगा।" "मजबूत आदमी खा-खा कर मरता है; और कमजोर आदमी भूख से," "पैसा सब कुछ नहीं है, लेकिन इसके बगैर तुम कुछ भी नहीं कर सकते।" और "पैसा सबसे पहले है।" झेन चेंग ने अपने उस अच्छे विवेक को खो दिया जिसने पहले उसका पथ-प्रदर्शन किया था और वह ज़्यादा से ज़्यादा पैसा कमाने के गलत तरीकों को इस्तेमाल करने लगा। यूँ तो उसने पहले से ज्यादा पैसा कमाया, और उसके जीवन स्तर में भी इजाफा भी हुआ, लेकिन झेन चेंग नाखुश था और खालीपन महसूस कर रहा था; जीवन खोखला और कष्टों से भरा हुआ था।
जब झेन चेंग ने सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अंत के दिनों के कार्य को स्वीकार किया, उसको परमेश्वर के वचन से यह समझ में आ गया कि परमेश्वर ईमानदार लोगों से प्रेम करते हैं और धोखा देने वालों से घृणा करते हैं। झेन चेंग को यह भी समझ आ गया कि सिर्फ ईमानदार व्यक्ति होना ही एक सच्चे इंसान की तरह व्यवहार करने का और परमेश्वर की प्रशंसा पाने का एकमात्र रास्ता है, इसलिए उसने एक ईमानदार व्यक्ति बनने की कसम खा ली। हालाँकि, असल जीवन में ईमानदार होना बहुत ही कठिन सिद्ध हुआ: कलीसिया में भाइयों और बहनों के साथ, वह साफ़-साफ़ कहने वाला व्यक्ति था जैसा कि उसको होना भी चाहिए था, लेकिन अगर ऐसा ही व्यवहार वह अपने कारोबार में भी करता, तो क्या वह ज्यादा पूंजी बना पायेगा? शायद वह सिर्फ कम पैसा ही नहीं बनाएगा, बल्कि कुछ और भी नुकसान उठा सकता है और शायद उसकी दुकान भी बंद हो सकती है......इन सब परेशानियों को झेलते हुए, क्या झेन चेंग अपने कारोबार को ईमानदारी के साथ चला सकेगा? क्या कुछ अनचाहे मोड़ और परिवर्तन इस प्रक्रिया में आयेंगे? उसका सबसे बड़ा इनाम क्या होगा?...
इस वीडियो की कुछ सामग्री इसमें से है:
Bernhard Vogl