अय्यूब की आस्था, आज्ञाकारिता, शैतान को हराने की गवाही
लोगों के लिए मदद और हौसले का स्रोत रहा है।
अय्यूब में उन्हें उद्धार की उम्मीद नज़र आती है,
वे शैतान को हरा सकते हैं
ईश्वर के प्रति सच्ची आस्था, आज्ञाकारिता से,
उसके प्रति सच्ची श्रद्धा से।
उन्हें लगता है, अगर वे ईश्वर की प्रभुता,
उसकी व्यवस्था का पालन करेंगे,
सब खोकर भी ईश्वर को नहीं त्यागेंगे,
तो वे शैतान को हराकर, उसे शर्मिंदा कर देंगे!
अगर अपनी गवाही पर टिके रहने की
इच्छा और संकल्प हो इंसान में,
भले ही उसे अपनी जान गँवानी पड़े,
तो शैतान डरेगा, तेज़ी से पीछे हटेगा।
अय्यूब की गवाही है चेतावनी आने वाली पीढ़ियों के लिए,
अगर वे शैतान को न हरा पाए,
तो वे बचेंगे नहीं
उसके आरोपों से, परेशानियों से,
न ही उसके बुरे बर्ताव से, या हमले से।
अय्यूब की गवाही बताए आने वाली पीढ़ियों को,
अगर वे सच्चे हैं, पूर्ण हैं,
तभी ईश्वर का भय मानकर बुराई से दूर रह सकेंगे,
शानदार गवाही दे सकेंगे।
वे शानदार गवाही से ही
शैतान के काबू से मुक्त हो सकेंगे।
वे ईश्वर के मार्गदर्शन और सुरक्षा में रहेंगे।
यही सच्चा उद्धार होगा।
अय्यूब की गवाही है चेतावनी आने वाली पीढ़ियों के लिए,
अगर वे शैतान को न हरा पाए,
तो वे बचेंगे नहीं
उसके आरोपों से, परेशानियों से,
न ही उसके बुरे बर्ताव से, या हमले से।
अय्यूब की गवाही है चेतावनी आने वाली पीढ़ियों के लिए,
अगर वे शैतान को न हरा पाए,
तो वे बचेंगे नहीं
उसके आरोपों से, परेशानियों से,
न ही उसके बुरे बर्ताव से, या हमले से।