यांग मिंगयुआन एक गृह कलीसिया का एल्डर है। एक दिन उसे पता चलता है कि एल्डर शु, जिसकी कलीसिया में बहुत इज्ज़त है, उसने चमकती पूर्वी बिजली को स्वीकार कर लिया है। इससे उसे प्रेरणा मिलती है और वह चमकती पूर्वी बिजली की खोज और छानबीन करने का फैसला करता है। सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन पढ़कर उसे उन सवालों का हल मिल जाता है जिन्होंने प्रभु में इतने बरसों की आस्था के बाद भी उसे उलझन में डाल रखा था। उसे यह पता चलता है कि बचाये जाने का मतलब केवल अपने पापों की माफी पाना है, यह पूर्ण उद्धार नहीं है। अंत के दिनों में परमेश्वर के न्याय और शुद्धिकरण को स्वीकार करके और अपनी पापी प्रकृति को पूरी तरह से ठीक करके ही वह स्वर्ग के राज्य में प्रवेश के काबिल बन पाएगा। वह सर्वशक्तिमान परमेश्वर के बहुत-से वचन पढ़ता है, जिनसे उसे पता चलता है कि यह सत्य और परमेश्वर की वाणी है। उसे यकीन हो जाता है कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर ही लौटकर आया प्रभु यीशु है, इसलिए वह ख़ुशी-ख़ुशी सर्वशक्तिमान परमेश्वर को स्वीकार कर लेता है। इसके बाद, वह अपनी अगुआई में विश्वासियों के बीच सुसमाचार का प्रचार करता है। कुछ ही महीनों में, पाँच से छह हजार लोग सुसमाचार को स्वीकार कर लेते हैं। उसे लगता है कि वह अगुआ बना रहेगा, लेकिन उसे हैरानी होती है जब कलीसिया उसके लिए सुसमाचार के प्रचार की व्यवस्था करती है जबकि उसके सहकर्मियों को अगुआ बना दिया जाता है। जब वह सुसमाचार का प्रचार करता है, तो सत्य पर उसकी सहभागिता उतनी स्पष्ट या व्यावहारिक नहीं होती जितनी कि उसके साथी भाई झोऊ की होती है। ... दूसरे स्थान पर रहने से असंतुष्ट होकर, अपनी काबिलियत साबित करने और दूसरों की प्रशंसा पाने के लिए, वह खुद को सत्य से परिपूर्ण करने के लिए कड़ी मेहनत करने लगता है, अक्सर लोगों के सामने अपनी बड़ाई और दिखावा करता है कि उसने कितना काम किया है और कितनी पीड़ा सही है। उसे हैरानी होती है जब इस वजह से उसके भाई-बहन उसकी काट-छाँट और निपटान करते हैं, परमेश्वर उसे कठोरता से ताड़ना देकर अनुशासित करता है...। परमेश्वर के न्याय और ताड़ना के साथ दंड और अनुशासन का अनुभव करने के बाद, यांग मिंगयुआन को वास्तव में क्या हासिल होता है? वह कैसे खुद को बदलता है? जानने के लिए देखिए यह फिल्म।