मुख्य किरदार एक धर्मनिष्ठ ईसाई महिला है, जो वर्षों तक ईमानदारी से प्रभु की सेवा करने के बाद, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अंत के दिनों के सुसमाचार को स्वीकार कर लेती है। उसकी पुरानी कलीसिया के पादरी बाइबल के बड़े जानकार हैं और सभा को अक्सर प्रभु के वापस आने के प्रति चौकस रहने की शिक्षा देते हैं; इसलिए उसे विश्वास है कि अगर वे सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन पढ़ें, तो यकीनन प्रभु की वाणी को पहचान लेंगे, सर्वशक्तिमान परमेश्वर को वापस आये हुए प्रभु यीशु के रूप में पहचान लेंगे, और खुशी-खुशी प्रभु का स्वागत करेंगे। मगर उसे यह देख कर हैरानी होती है जब पादरी प्रभु के आने का समाचार सुनने के बाद, न केवल उसके बारे में और अधिक जानने से इनकार कर देते हैं, बल्कि वे उसे सच्चे मार्ग को स्वीकार करने से रोकने की भी भरसक कोशिश करते हैं। वे कलीसिया के भाई-बहनों को सच्चे मार्ग की जांच-पड़ताल करने से रोकने की खातिर धोखा देने और परेशान करने के लिए धर्म-विरुद्ध बातें और भ्रांतियां फैलाते हैं। वे उसकी कलीसिया की सेवा बंद कर देने और उसे कलीसिया से निकाल बाहर करने की धमकी देकर उससे सर्वशक्तिमान परमेश्वर में उसकी आस्था को छुड़वाने की भी कोशिश करते हैं। मगर पादरी का व्यवहार स्पष्ट रूप से पादरियों और एल्डरों के असली—परमेश्वर-प्रतिरोधी पाखंडी—चेहरे को प्रकट करता है, और वह समझ जाती है कि वे वाकई आज के फरीसी हैं। वह उनके पिंजरे और नियंत्रण से आज़ाद होकर सर्वशक्तिमान परमेश्वर का अनुसरण करने के प्रति और अधिक दृढ़-संकल्प हो जाती है।