महामारी लगातार फैल रही है और भूकंप, बाढ़, कीटों का झुंड और अकाल आने शुरू हो गए हैं। बहुत लोग लगातार बेचैनी की स्थिति में जी रहे हैं, और विश्वासी उत्सुकता से बादल पर प्रभु के आने की प्रतीक्षा कर रहे हैं, ताकि उससे मिलने के लिए उन्हें आकाश में ले जाया जाए और वे आपदाओं की पीड़ा से बचकर परमेश्वर के राज्य में प्रवेश कर सकें। वे नहीं जानते कि उन्हें अभी तक प्रभु से मिलने के लिए क्यों नहीं ले जाया गया है। वे बेचैनी महसूस करते हैं कि प्रभु ने उन्हें अलग कर दिया है और वे आपदाओं में पड़ गए हैं। वे भ्रमित और खोया हुआ महसूस करते हैं। प्रकाशितवाक्य में भविष्यवाणी थी कि प्रभु यीशु आपदाओं से पहले आएगा और हमें उनसे बचाने के लिए आकाश में ले जाएगा। लेकिन आपदाएँ बरसनी शुरू हो गई है, फिर प्रभु विश्वासियों को लेने के लिए बादल पर क्यों नहीं आया है? हमारी आस्था द्वारा हमारे पाप क्षमा किए जाते हैं, हमें उद्धार का अनुग्रह मिलता है और हमें धार्मिकता प्रदान की जाती है। फिर हमें स्वर्ग के राज्य में क्यों नहीं ले जाया गया? बहुत-से विश्वासियों के ऐसे प्रश्न हैं। अच्छा, क्या आस्था के द्वारा उद्धार वास्तव में हमें स्वर्ग के राज्य में ले जा सकता है? सच्ची आस्था की खोज की इस कड़ी में हम इस पर एक-साथ विचार कर इसका जवाब ढूँढ़ सकते हैं।