अनुग्रह के युग में, देहधारी परमेश्वर को जब सूली पर चढ़ा दिया गया था, तब उन्होंने मनुष्य के पापों को अपने ऊपर लिया था और मानवजाति के छुटकारे का कार्य पूरा किया था। अंत के दिनों में, परमेश्वर ने सत्य व्यक्त करने और मनुष्य का पूरी तरह से शुद्धिकरण और बचाव करने के लिए एक बार फिर से देह धारण की है। परमेश्वर को मनुष्य के उद्धार का कार्य करने के लिए दो बार देहधारण करने की ज़रूरत आख़िर क्यों पड़ती है? सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं, "प्रथम देहधारण मनुष्य को पाप से छुटकारा देने के लिए था, उसे यीशु की देह के माध्यम से छुटकारा देने के लिए था, अर्थात् यीशु ने मनुष्य को सलीब से बचाया, किंतु भ्रष्ट शैतानी स्वभाव फिर भी मनुष्य के भीतर रह गया। दूसरा देहधारण अब पापबलि के रूप में कार्य करने के लिए नहीं है, अपितु उन लोगों को पूरी तरह से बचाने के लिए है, जिन्हें पाप से छुटकारा दिया गया था। इसे इसलिए किया जा रहा है, ताकि जिन्हें क्षमा किया गया था, उन्हें उनके पापों से मुक्त किया जा सके और पूरी तरह से शुद्ध बनाया जा सके, और वे एक परिवर्तित स्वभाव प्राप्त करके शैतान के अंधकार के प्रभाव को तोड़कर आज़ाद हो जाएँ और परमेश्वर के सिंहासन के सामने लौट आएँ। केवल इसी तरीके से मनुष्य को पूरी तरह से पवित्र किया जा सकता है" (वचन देह में प्रकट होता है)। यह वीडियो परमेश्वर के दो देहधारणों के रहस्य को उजागर करता है।