सबके पास नहीं हो सकता मार्ग जीवन का,
आसान नहीं इसे पाना।
क्योंकि जीवन आता है परमेश्वर से,
है इसका सार उसके पास।
उसके बिना न होगा मार्ग, जीवन का।
वही स्रोत और सोता,
जीवन जहाँ से बहता।
वही स्रोत और सोता, जीवन जहाँ से बहता।
दुनिया का आरंभ जब से हुआ
इंसान को जीवन देने का, बहुत कार्य किया है परमेश्वर ने
इंसान को जीवन देने का, बहुत कार्य किया है परमेश्वर ने
वो कीमत दी है परमेश्वर ने, जो चुकाई न इंसान ने
है परमेश्वर स्वयं अनंत जीवन
परमेश्वर स्वयं है पुनर्जीवन का मार्ग।
परमेश्वर मनुष्य के हृदय में हमेशा मौजूद है और हर समय उनके मध्य में रहता है।
जो जीवन-शक्ति, वो बुनियाद उनके श्वास की;
स्रोत समृद्धि का जो देता पोषण जीवन को।
वही कारण है इंसान के पुनर्जन्म का,
वही बनाता काबिल उसे हर किरदार में।
परमेश्वर के सामर्थ्य से, उसकी अमिट जीवन-शक्ति से,
युगयुगांतर से चला आ रहा है इंसान।
इंसान के जीवन का परमेश्वर ही आधार है,
वो कीमत दी है परमेश्वर ने, जो चुकाई न इंसान ने,
वो कीमत दी है परमेश्वर ने, जो चुकाई न इंसान ने।
उसकी जीवन-शक्ति हर ताकत को हराती है।
अनंत है जीवन उसका, असाधारण बल उसका।
कोई जीव, शत्रु उसकी जीवन-शक्ति को हरा नहीं सकता।
समय और स्थान से परे,
उसकी शक्ति मौजूद है और प्रकाशित है।
स्वर्ग और धरती बदल सकते हैं,
पर जीवन परमेश्वर का यूँ ही बना रहेगा।
भले मिट जाये हर चीज़, अनंत जीवन उसका बना रहेगा।
क्योंकि परमेश्वर ही स्रोत है हर चीज़ के अस्तित्व का।
क्योंकि परमेश्वर ही मूल है, उनके अस्तित्व का।
क्योंकि परमेश्वर ही मूल है, उनके अस्तित्व का।