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आस्था प्रश्न व उत्तर

सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया का स्थापना किसने किया?

प्रश्न: भले आप जिन पर विश्वास करते हैं वे सर्वशक्तिमान परमेश्वर हैं, आप जो पढ़ती हैं वे सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन हैं, और आप सर्वशक्तिमान परमेश्वर के नाम से प्रार्थना करती हैं, लेकिन हमारी जानकारी क...

क्या पादरी और प्राचीनों की आज्ञापालन करना परमेशवर की आज्ञापालन करना है?

प्रश्न: कि पादरी और एल्डर्स सभी प्रभु द्वारा चुने और नियुक्त किए गए हैं, और यह कि ये सब वे लोग हैं जो प्रभु की सेवा करते हैं। पादरियों और एल्डर्स का आज्ञापालन करना प्रभु का आज्ञापालन करना है। यदि हम प...

हम विश्वासी जिनके बाहरी सिर्फ दिखावटी अच्छे कर्म है। लेकिन अक्सर पाप करते हैं क्या ऐसे लोग स्वर्गीय राज्य में प्रवेश करते सकते हैं?

आप कहते हैं कि हमें अंतिम दिनों के परमेश्वर के न्याय के कार्य को स्वीकार करना चाहिए, क्योंकि केवल तभी हमारे भ्रष्ट शैतानी स्वभावों को शुद्ध और परिवर्तित किया जाएगा, और उसके बाद ही हम परमेश्वर के राज्य...

हमारी धारणाओं और कल्पनाओं के आधार पर परमेश्वर की वापसी का स्वागत करने का परिणाम!

प्रश्न: आप लोगों ने ये गवाही दी है कि जब प्रभु अंत के दिनों में लौटेंगे तब, पहले वो देहधारण करके गुप्त रूप में आएंगे, और विजेताओं का समूह बनाने के बाद, प्रत्यक्ष रूप से लोगों के सामने प्रकट होने के लि...

जो लोग अंतिम दिनों में परमेश्वर के कार्य को स्वीकार नहीं करते क्या वे स्वर्गीय राज्य में प्रवेश कर सकते हैं?

प्रश्न 8: जो लोग बरसों से प्रभु यीशु में विश्वास करते आए हैं और अपना पूरा जीवन उनके लिये समर्पित कर दिया, अगर वो सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अंत के दिनों के कार्य को स्वीकार नहीं करते हैं, तो वे वाकई स्व...

क्या हमारे ,जिनके पाप माफ कर दिए गए हैं स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करते हैं?

प्रश्न 4: लोग पापी होते हैं लेकिन प्रभु यीशु को अपने पाप अर्पित करना हमेशा कारगर सिद्ध होता है। अगर हम प्रभु यीशु के सामने अपने पाप स्वीकार कर लें तो वो हमें क्षमा कर देंगे। हम प्रभु की नज़रों में पापर...

परमेश्वर द्वारा प्रयुक्त लोगों के कार्य और धार्मिक अगुआओं के कार्य के बीच अंतर

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन: ऐसे लोगों के अतिरिक्त जिन्हें पवित्र आत्मा का विशेष निर्देश और अगुवाई प्राप्त है, कोई भी स्वतंत्र रूप से जीवन जीने में सक्षम नहीं है, क्योंकि उन्हें परमेश्वर द्वारा प...

विभिन्न युगों में परमेश्वर के अलग-अलग नाम क्यों हैं और उसके नामों का महत्व क्या है

संदर्भ के लिए बाइबल के पद: "फिर परमेश्‍वर ने मूसा से यह भी कहा, 'तू इस्राएलियों से यह कहना, "तुम्हारे पितरों का परमेश्‍वर, अर्थात् अब्राहम का परमेश्‍वर, इसहाक का परमेश्‍वर, और याक़ूब का परमेश्‍वर, ...

परमेश्वर का नाम क्यों बदलता है?

पुराने व्यवस्थान में लिखा है, "मैं ही यहोवा हूँ और मुझे छोड़ कोई उद्धारकर्ता नहीं" (यशायाह 43:11)। "यहोवा ... सदा तक मेरा नाम यही रहेगा, और पीढ़ी पीढ़ी में मेरा स्मरण इसी से हुआ करेगा" (निर्गमन 3:15)।...

स्वर्गारोहण के बारे में एक संक्षिप्त बात

जैसा कि हम कल्पना करते हैं, क्या हवा में उत्साह का अर्थ होता है? उत्साह का सही अर्थ जानने के लिए इस लेख को पढ़ें।...

बचाए जाने और पूर्ण उद्धार पाने के बीच मूलभूत अंतर

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन: अंत के दिनों का कार्य वचन बोलना है। वचनों के माध्यम से मनुष्य में बड़े परिवर्तन किए जा सकते हैं। इन वचनों को स्वीकार करने पर लोगों में अब जो परिवर्तन हुए हैं, वे उन परिवर्...

परमेश्वर के स्वभाव और सार को जानने पर वचन

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन: परमेश्वर वो है जो वो है और उसके पास वो है जो उसके पास है। जो कुछ वह प्रकट और उजागर करता है वह उसके सार और उसकी पहचान के निरूपण हैं। उसका स्वरूप, उसका सार और उसकी पहचान ऐस...

परमेश्वर की सर्वशक्तिमत्ता और बुद्धि के प्रकट होने के तरीके

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन: जब से उसने सब वस्तुओं की सृष्टि की शुरूआत की, परमेश्वर की सामर्थ्‍य प्रकट और प्रकाशित होने लगी थी, क्योंकि सब वस्तुओं को बनाने के लिए परमेश्वर ने अपने वचनों का इस्तेमाल किय...

परमेश्वर ने आज तक मानवजाति की अगुआई और भरण-पोषण कैसे किया है

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन: जीवन का मार्ग कोई ऐसी चीज नहीं है जो हर किसी के पास होता है, न ही यह कोई ऐसी चीज है जिसे हर कोई आसानी से प्राप्त कर सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि जीवन केवल परमेश्वर से ही आ...

परमेश्वर की भेड़ें उसकी वाणी सुनती हैं, और केवल परमेश्वर की वाणी सुनकर ही व्यक्ति लौटकर आए परमेश्वर से मिल सकता है

संदर्भ के लिए बाइबल के पद: "आधी रात को धूम मची : 'देखो, दूल्हा आ रहा है! उससे भेंट करने के लिये चलो'" (मत्ती 25:6)। "मेरी भेड़ें मेरा शब्द सुनती हैं; मैं उन्हें जानता हूँ, और वे मेरे पीछे पीछे च...

क्या बाइबल की गवाही देना और बाइबिल कि व्याख्यान करना परमेश्वर को संतुष्ट करना है?

यह जानने के लिए इस लेख को पढ़ें कि जो लोग अक्सर बाइबल की व्याख्या करते हैं और बाइबल के गवाह होते हैं, वे वे नहीं हैं जो परमेश्वर की गवाही देते हैं बल्कि पाखंडी फरीसियों की तरह है।...

प्रभु यीशु जब भी प्रार्थना करते थे तो वह परमेश्वर को स्वर्गीय पिता कहकर क्यों बुलाते थे?

प्रभु यीशु स्वयं परमेश्वर हैं, फिर उन्होंने स्वर्ग में परमेश्वर को पिता क्यों कहा? देह में मसीह को जानने के लिए इन प्रश्न और उत्तर को पढ़ें और परमेश्वर द्वारा अशिषित होने की आशा को प्राप्त करेंl...

आपदा से पहले स्वर्गारोहण क्या है? हम कैसे स्वर्गारोहित हो सकते हैं?

पिछले दिनों में, आपदाएँ अक्सर आ रही हैं। लेकिन आपदाओं से पहले हमारा स्वर्गारोहण क्यों नहीं हुआ है? हमारा स्वर्गारोहण कैसे हो सकता है? अधिक जानने के लिए अभी पढ़ें।...