जब मुख्य किरदार के बेटे के शरीर में एक ट्यूमर पाया जाता है, तो वह परमेश्वर से प्रार्थना करती हुई उस पर भरोसा करती है—उसके बेटे की पहली सर्जरी सफल साबित होती है औ अपनी आस्था को लेकर उसका उत्साह और भी बढ़ जाता है। लेकिन, दो वर्ष बाद अचानक ही बेटे का ट्यूमर फिर लौट आता है और उसकी तबीयत बहुत बिगड़ जाती है। यह देखकर वह क्षोभ की शिकार होने लगती है। पर परमेश्वर के वचनों के न्याय और खुलासे से उसे यह एहसास होता है कि उसने जो भी त्याग किए थे या खुद को खपाया था, वे सब परमेश्वर के आशीष पाने के लिए थे। वह परमेश्वर को धोखा दे रही थी और उसके साथ सौदेबाजी कर रही थी। उसे बहुत पछतावा होता है और वह परमेश्वर से प्रार्थना करके प्रायश्चित करती है। वह परमेश्वर के शासन और व्यवस्थाओं के सम्मुख समर्पण करने के लिए तैयार हो जाती है। कुछ समय बाद उसके बेटे की तबीयत चमत्कारिक ढंग से सुधरने लगती है और वह अपने दिल से परमेश्वर का धन्यवाद करती है।
नवीनतम आध्यात्मिक भक्तिपूर्ण संसाधनों की एक ही क्लिक में सदस्यता पाएं। ये प्रभु के करीब आने में आपकी मदद करती हैं!
Messenger के माध्यम से सदस्य बनेंहमारे बारे में | सम्पर्क करें | खंडन | गोपनीयता नीति | साभार
Copyright © 2022 यीशु मसीह का अनुसरण करते हुए