परमेश्वर के दैनिक वचन : परमेश्वर के कार्य को जानना | अंश 150
सबसे पहले, परमेश्वर ने आदम और हव्वा का सृजन किया, और उसने साँप का भी सृजन किया। सभी चीज़ों में साँप सर्वाधिक विषैला था; उसकी देह में विष था, और शैतान उस विष का उपयोग करता था। यह साँप ही था जिसने पाप क...परमेश्वर के दैनिक वचन : देहधारण | अंश 117
जो कुछ मनुष्यों ने अब प्राप्त किया है—आज की अपनी कद-काठी, ज्ञान, प्रेम, वफादारी, आज्ञाकारिता, और अंतर्दृष्टि—वे ऐसे परिणाम हैं जिन्हें वचन के न्याय के माध्यम से प्राप्त किया गया है। यह कि तुम वफादारी ...परमेश्वर के दैनिक वचन : देहधारण | अंश 116
परमेश्वर के द्वारा मनुष्य को, सीधे तौर पर पवित्रात्मा के साधनों के माध्यम से और आत्मा की पहचान से बचाया नहीं जाता है, क्योंकि उसके आत्मा को मनुष्य के द्वारा न तो देखा जा सकता है और न ही स्पर्श किया जा...परमेश्वर के दैनिक वचन : देहधारण | अंश 115
परमेश्वर इस आशय से देह धारण नहीं करता कि मनुष्य उसे जाने, या देहधारी परमेश्वर के देह और मनुष्य के देह के अंतर पहचाने; न ही वह मनुष्य के विवेक की शक्तियों को प्रशिक्षित करने के लिए देह बनता है, और इस अ...परमेश्वर के दैनिक वचन : देहधारण | अंश 113
जब परमेश्वर अपना कार्य करता है, तो वह किसी निर्माण या आंदोलनों में शामिल होने नहीं आता, बल्कि अपनी सेवकाई पूरी करने के लिए आता है। हर बार जब वह देह बनता है, तो यह केवल कार्य के किसी चरण को पूरा करने औ...परमेश्वर के दैनिक वचन : देहधारण | अंश 112
परमेश्वर इस पृथ्वी पर जिस कार्य को करने के लिए आता है, वह केवल युग की अगुआई करना, नए युग का आरंभ करना और पुराने युग को समाप्त करना है। वह पृथ्वी पर मनुष्य का जीवन जीने, स्वयं मानव-जगत के जीवन के सुख-द...परमेश्वर के दैनिक वचन : देहधारण | अंश 111
देहधारी बना परमेश्वर स्वयं को सभी प्राणियों के बजाय केवल लोगों के उस हिस्से पर ही अभिव्यक्त करता है, जो उस अवधि के दौरान उसका अनुसरण करते हैं, जब वह व्यक्तिगत रूप से अपना कार्य करता है। वह केवल अपने क...परमेश्वर के दैनिक वचन : देहधारण | अंश 104
मैं ऐसा क्यों कहता हूँ कि देहधारण का अर्थ यीशु के कार्य में पूर्ण नहीं हुआ था? क्योंकि वचन पूरी तरह से देह नहीं बना था। यीशु ने जो किया वह देह में परमेश्वर के कार्य का केवल एक अंश ही था; उसने केवल छुट...परमेश्वर के दैनिक वचन : देहधारण | अंश 103
इस चरण में देहधारी परमेश्वर चाहे कठिनाइयाँ सह रहा हो या सेवकाई कर रहा हो, वह ऐसा केवल देहधारण के अर्थ को पूरा करने के लिए करता है, क्योंकि यह परमेश्वर का अंतिम देहधारण है। परमेश्वर केवल दो बार देहधारण...परमेश्वर के दैनिक वचन : देहधारण | अंश 102
अपने पहले देहधारण में परमेश्वर ने देहधारण के कार्य को पूरा नहीं किया; उसने उस कार्य के पहले चरण को ही पूरा किया जिसे परमेश्वर के लिए देह में रहकर करना आवश्यक था। इसलिए, देहधारण के कार्य को समाप्त कर...परमेश्वर के दैनिक वचन : देहधारण | अंश 101
कार्य आरंभ करने से पहले, यीशु सामान्य मानवता में रहता था। कोई नहीं कह सकता था कि वह परमेश्वर है, किसी को भी पता नहीं चला कि वह देहधारी परमेश्वर है; लोग उसे पूरी तरह से एक साधारण व्यक्ति ही समझते थे। उ...परमेश्वर के दैनिक वचन : देहधारण | अंश 140
परमेश्वर देहधारी हुआ और मसीह कहलाया, और इसलिए वह मसीह, जो लोगों को सत्य दे सकता है, परमेश्वर कहलाता है। इसके बारे में और कुछ भी अधिक कहने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि वह परमेश्वर के तत्व को स्वयं में ...परमेश्वर के दैनिक वचन : देहधारण | अंश 133
परमेश्वर का कार्य ऐसा है जिसे तुम समझ नहीं सकते। यदि तुम न तो पूरी तरह से समझ सकते हो कि तुम्हारा निर्णय सही है या नहीं, और न ही तुम जान सकते हो कि परमेश्वर का कार्य सफल होगा या नहीं, तब तुम अपनी किस्...परमेश्वर के दैनिक वचन : देहधारण | अंश 132
इस बार, परमेश्वर कार्य करने आध्यात्मिक देह में नहीं, बल्कि एकदम साधारण देह में आया है। इसके अलावा, यह न केवल परमेश्वर के दूसरी बार देहधारण का देह है, बल्कि यह वही देह है जिसमें वह लौटकर आया है। यह बिल...