ऑनलाइन बैठक

मेन्‍यू

11 बाइबल छंद परमेश्वर के वचन के बारे में

परमेश्वर का वचन हमारे जीवन के लिए आत्मिक रोटी है। आध्यात्मिक भक्ति के दौरान परमेश्वर के वचन को पढ़ना विश्वासियों के लिए दैनिक आवश्यक है। परमेश्वर के वचन को पढ़कर, हम परमेश्वर की इच्छा को समझ सकते हैं, सभी चीज में अभ्यास का रास्ता खोज सकते हैं, और परमेश्वर का मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं। परमेश्वर के वचन और संबंधित सामग्री के बारे में निम्नलिखित चयनित बाइबल छंद हमें यह समझने में मदद करेंगे कि परमेश्वर के वचन हमारे लिए कितने महत्वपूर्ण हैं।

11 बाइबल छंद परमेश्वर के वचन के बारे में, Daily Bible Verses in Hindi

"तेरा वचन मेरे पाँव के लिये दीपक, और मेरे मार्ग के लिये उजियाला है" (भजन संहिता 119:105)

"मनुष्य केवल रोटी ही से नहीं, परन्तु हर एक वचन से जो परमेश्‍वर के मुख से निकलता है जीवित रहेगा" (मत्ती 4:4)

"आकाश और पृथ्वी टल जाएँगे, परन्तु मेरे शब्‍द कभी न टलेंगी" (मत्ती 24:35)

"तेरी बातों के खुलने से प्रकाश होता है; उससे निर्बुद्धि लोग समझ प्राप्त करते हैं" (भजन संहिता 119:130)

"घास तो सूख जाती, और फूल मुर्झा जाता है; परन्तु हमारे परमेश्‍वर का वचन सदैव अटल रहेगा" (यशायाह 40:8)

"जवान अपनी चाल को किस उपाय से शुद्ध रखे? तेरे वचन का पालन करने से" (भजन संहिता 119:9)

"आत्मा तो जीवनदायक है, शरीर से कुछ लाभ नहीं। जो बातें मैंने तुम से कहीं हैं वे आत्मा है, और जीवन भी हैं" (यूहन्ना 6:63)

"जिसके कान हों, वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है" (प्रकाशितवाक्य 2:29)

"क्योंकि परमेश्‍वर का वचन जीवित, प्रबल, और हर एक दोधारी तलवार से भी बहुत तेज है, प्राण, आत्मा को, गाँठ-गाँठ, और गूदे-गूदे को अलग करके, आर-पार छेदता है; और मन की भावनाओं और विचारों को जाँचता है" (इब्रानियों 4:12)

"क्योंकि तुम ने नाशवान नहीं पर अविनाशी बीज से परमेश्‍वर के जीविते और सदा ठहरनेवाले वचन के द्वारा नया जन्म पाया है" (1 पतरस 1:23)

"जब तेरे वचन मेरे पास पहुँचे, तब मैंने उन्हें मानो खा लिया, और तेरे वचन मेरे मन के हर्ष और आनन्द का कारण हुए; क्योंकि, हे सेनाओं के परमेश्‍वर यहोवा, मैं तेरा कहलाता हूँ" (यिर्मयाह 15:16)

परमेश्वर के वचन जीवन है। क्या आप परमेश्वर के करीब आने के लिए परमेश्वर के वचनों का अध्ययन करना चाहते हैं?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

इंसान के लिए आवश्यक सत्य परमेश्वर के वचनों में निहित है, और सत्य ही इंसान के लिए अत्यंत लाभदायक और सहायक होता है। तुम लोगों के शरीर को इस टॉनिक और पोषण की आवश्यकता है, इससे इंसान को अपनी सामान्य मानवीयता को फिर से प्राप्त करने में सहायता मिलती है। यह ऐसा सत्य है जो इंसान के अंदर होना चाहिए। तुम लोग परमेश्वर के वचनों का जितना अधिक अभ्यास करोगे, उतनी ही तेज़ी से तुम लोगों का जीवन विकसित होगा, और सत्य उतना ही अधिक स्पष्ट होता जाएगा। जैसे-जैसे तुम लोगों का आध्यात्मिक कद बढ़ेगा, तुम आध्यात्मिक जगत की चीज़ों को उतनी ही स्पष्टता से देखोगे, और शैतान पर विजय पाने के लिए तुम्हारे अंदर उतनी ही ज़्यादा शक्ति होगी।

— 'सत्य को समझने के बाद, तुम्हें उस पर अमल करना चाहिए' से उद्धृत

परमेश्‍वर द्वारा बोले गए वचन दिखने में भले ही सीधे-सादे या गहन हों, लेकिन वे सभी सत्य हैं, और जीवन में प्रवेश करने वाले मनुष्य के लिए अपरिहार्य हैं; वे जीवन-जल के ऐसे झरने हैं, जो मनुष्य को आत्मा और देह दोनों से जीवित रहने में सक्षम बनाते हैं। वे मनुष्‍य को जीवित रहने के लिए हर ज़रूरी चीज़ मुहैया कराते हैं; उसके दैनिक जीवन के लिए सिद्धांत और मत; उद्धार पाने के लिए जो मार्ग उसे अपनाना आवश्‍यक है साथ ही उस मार्ग के लक्ष्य और दिशा; उसके अंदर परमेश्वर के समक्ष एक सृजित प्राणी के रूप में हर सत्‍य होना चाहिए; तथा हर वह सत्य होना चाहिए कि मनुष्‍य परमेश्‍वर की आज्ञाकारिता और आराधना कैसे करता है। वे मनुष्य का अस्तित्व सुनिश्चित करने वाली गारंटी हैं, वे मनुष्य का दैनिक आहार हैं, और ऐसा मजबूत सहारा भी हैं, जो मनुष्य को सशक्त और अटल रहने में सक्षम बनाते हैं। वे उस सत्य-वास्तविकता से संपन्‍न हैं जिससे सृजित मनुष्य सामान्य मानवता को जीता है, वे उस सत्य से संपन्‍न हैं, जिससे मनुष्य भ्रष्टता से मुक्त होता है और शैतान के जाल से बचता है, वे उस अथक शिक्षा, उपदेश, प्रोत्साहन और सांत्वना से संपन्‍न हैं, जो स्रष्टा सृजित मानवजाति को देता है। वे ऐसे प्रकाश-स्तंभ हैं, जो मनुष्य को सभी सकारात्‍मक बातों को समझने के लिए मार्गदर्शन और प्रबुद्धता देते हैं, ऐसी गारंटी हैं जो यह सुनिश्चित करती है कि मनुष्य उस सबको जो धार्मिक और अच्‍छा है, उन मापदंडों को जिन पर सभी लोगों, घटनाओं और वस्‍तुओं को मापा जाता है, तथा ऐसे सभी दिशानिर्देशों को जिए और प्राप्त करे, जो मनुष्‍य को उद्धार और प्रकाश के मार्ग पर ले जाते हैं। केवल परमेश्वर के वचनों के वास्तविक अनुभवों में ही मनुष्य को सत्य और जीवन की आपूर्ति की जा सकती है; केवल इनसे ही मनुष्य की समझ में आ सकता है कि सामान्य मानवता क्‍या है, सार्थक जीवन क्या है, वास्तविक सृजित प्राणी क्या है, परमेश्वर के प्रति वास्तविक आज्ञाकारिता क्या है; केवल इनसे ही मनुष्य को समझ में आ सकता है कि उसे परमेश्वर की परवाह किस तरह करनी चाहिए, सृजित प्राणी का कर्तव्य कैसे पूरा करना चाहिए, और एक वास्तविक मनुष्य की समानता कैसे प्राप्त करनी चाहिए; केवल इनसे ही मनुष्य को समझ में आ सकता है कि सच्ची आस्था और सच्ची आराधना क्या है; केवल इनसे ही मनुष्य समझ पाता है कि स्वर्ग, पृथ्वी और सभी चीजों का शासक कौन है; केवल इनसे ही मनुष्य समझ सकता है कि वह जो समस्त सृष्टि का स्वामी है, किन साधनों से सृष्टि पर शासन करता है, उसकी अगुआई करता है और उसका पोषण करता है; और केवल इनसे ही मनुष्य समझ-बूझ सकता है कि वह, जो समस्त सृष्टि का स्वामी है, किन साधनों के ज़रिये मौजूद रहता है, स्‍वयं को अभिव्‍यक्‍त करता है और कार्य करता है। परमेश्वर के वचनों के वास्तविक अनुभवों से अलग, मनुष्य के पास परमेश्‍वर के वचनों और सत्‍य का कोई वास्तविक ज्ञान या अंतदृष्टि नहीं होती। ऐसा व्यक्ति पूरी तरह से एक ज़िंदा लाश, पूरा घोंघा होता है, और स्रष्टा से संबंधित किसी भी ज्ञान का उससे कोई वास्‍ता नहीं होता। परमेश्वर की दृष्टि में, ऐसे व्यक्ति ने कभी उस पर विश्वास नहीं किया है, न कभी उसका अनुसरण किया है, और इसलिए परमेश्वर न तो उसे अपना विश्वासी मानता है और न ही अपना अनुयायी, एक सच्‍चा सृजित प्राणी मानना तो दूर की बात रही।

— 'परमेश्वर को जानना परमेश्वर का भय मानने और बुराई से दूर रहने का मार्ग है' से उद्धृत

आज के भक्तिमय अध्यन के द्वारा, शायद आप परमेश्वर के वचन के महत्व को समझ गए हैं। प्रभु यीशु ने भविष्यवाणी की, "मुझे तुम से और भी बहुत सी बातें कहनी हैं, परन्तु अभी तुम उन्हें सह नहीं सकते। परन्तु जब वह अर्थात् सत्य का आत्मा आएगा, तो तुम्हें सब सत्य का मार्ग बताएगा, क्योंकि वह अपनी ओर से न कहेगा, परन्तु जो कुछ सुनेगा, वही कहेगा, और आनेवाली बातें तुम्हें बताएगा" (यूहन्ना 16:12-13)। जब वें अंत के दिनों में वापस आएंगे, तो प्रभु अधिक वचन व्यक्त करेंगे हमें सभी सत्यों को समझने के लिए हमारा मार्गदर्शन करेंगे। अब प्रभु वापस आ गए हैं और उन्होंने परमेश्वर के कार्य के सभी रहस्यों को प्रकट करते हुए, मानव जाति को शुद्ध करने और बचाने के लिए बहुत से सत्य व्यक्त किए हैं। प्रभु की वापसी के बारे में अधिक रहस्यों को जानने के लिए अभी हमसे संपर्क करें। हम आपको परमेश्वर की वाणी सुनने, उनके पदचिन्हों पर चलने और शीघ्र ही प्रभु की वापसी का स्वागत करने में सहायता करेंगे।

उत्तर यहाँ दें