1तब दाऊद ने दाऊदपुर में भवन बनवाए, और परमेश्वर के सन्दूक के लिये एक स्थान तैयार करके एक तम्बू खड़ा किया*।
2तब दाऊद ने कहा, "लेवियों को छोड़ और किसी को परमेश्वर का सन्दूक उठाना नहीं चाहिये*, क्योंकि यहोवा ने उनको इसलिए चुना है कि वे परमेश्वर का सन्दूक उठाए और उसकी सेवा टहल सदा किया करें।"
3तब दाऊद ने सब इस्राएलियों को यरूशलेम में इसलिए इकट्ठा किया कि यहोवा का सन्दूक उस स्थान पर पहुँचाए, जिसे उसने उसके लिये तैयार किया था।
4इसलिए दाऊद ने हारून के सन्तानों और लेवियों को इकट्ठा किया:
5अर्थात् कहातियों में से ऊरीएल नामक प्रधान को और उसके एक सौ बीस भाइयों को;
6मरारियों में से असायाह नामक प्रधान को और उसके दो सौ बीस भाइयों को;
7गेर्शोमियों में से योएल नामक प्रधान को और उसके एक सौ तीस भाइयों को;
8एलीसापानियों में से शमायाह नामक प्रधान को और उसके दो सौ भाइयों को;
9हेब्रोनियों में से एलीएल नामक प्रधान को और उसके अस्सी भाइयों को;
10और उज्जीएलियों में से अम्मीनादाब नामक प्रधान को और उसके एक सौ बारह भाइयों को।
11तब दाऊद ने सादोक और एब्यातार नामक याजकों को, और ऊरीएल, असायाह, योएल, शमायाह, एलीएल और अम्मीनादाब नामक लेवियों को बुलवाकर उनसे कहा,
12"तुम तो लेवीय पितरों के घरानों में मुख्य पुरुष हो; इसलिए अपने भाइयों समेत अपने-अपने को पवित्र करो, कि तुम इस्राएल के परमेश्वर यहोवा का सन्दूक उस स्थान पर पहुँचा सको जिसको मैंने उसके लिये तैयार किया है।
13क्योंकि पिछली बार तुम ने उसको न उठाया था इस कारण हमारा परमेश्वर यहोवा हम पर टूट पड़ा, क्योंकि हम उसकी खोज में नियम के अनुसार न लगे थे।"
14तब याजकों और लेवियों ने अपने-अपने को पवित्र किया, कि इस्राएल के परमेश्वर यहोवा का सन्दूक ले जा सके।
15तब उस आज्ञा के अनुसार जो मूसा ने यहोवा का वचन सुनकर दी थी, लेवियों ने सन्दूक को डंडों के बल अपने कंधों पर उठा लिया।
16तब दाऊद ने प्रधान लेवियों को आज्ञा दी कि अपने भाई गवैयों* को बाजे अर्थात् सारंगी, वीणा और झाँझ देकर बजाने और आनन्द के साथ ऊँचे स्वर से गाने के लिये नियुक्त करें।
17तब लेवियों ने योएल के पुत्र हेमान को, और उसके भाइयों में से बेरेक्याह के पुत्र आसाप को, और अपने भाई मरारियों में से कूशायाह के पुत्र एतान को ठहराया।
18उनके साथ उन्होंने दूसरे पद के अपने भाइयों को अर्थात् जकर्याह, बेन, याजीएल, शमीरामोत, यहीएल, उन्नी, एलीआब, बनायाह, मासेयाह, मत्तित्याह, एलीपलेह, मिकनेयाह, और ओबेदेदोम और यीएल को जो द्वारपाल थे ठहराया।
19यों हेमान, आसाप और एतान नाम के गवैये तो पीतल की झाँझ बजा-बजाकर राग चलाने को;
20और जकर्याह, अजीएल, शमीरामोत, यहीएल, उन्नी, एलीआब, मासेयाह, और बनायाह, अलामोत, नामक राग में सारंगी बजाने को;
21और मत्तित्याह, एलीपलेह, मिकनेयाह ओबेदेदोम, यीएल और अजज्याह वीणा खर्ज में छेड़ने को ठहराए गए।
22और राग उठाने का अधिकारी कनन्याह नामक लेवियों का प्रधान था, वह राग उठाने के विषय शिक्षा देता था, क्योंकि वह निपुण था।
23और बेरेक्याह और एल्काना सन्दूक के द्वारपाल थे।
24और शबन्याह, योशापात, नतनेल, अमासै, जकर्याह, बनायाह और एलीएजेर नामक याजक परमेश्वर के सन्दूक के आगे-आगे तुरहियां बजाते हुए चले और ओबेदेदोम और यहिय्याह उसके द्वारपाल थे;
25दाऊद और इस्राएलियों के पुरनिये और सहस्त्रपति सब मिलकर यहोवा की वाचा का सन्दूक ओबेदेदोम के घर से आनन्द के साथ ले आने के लिए गए।
26जब परमेश्वर ने लेवियों की सहायता की जो यहोवा की वाचा का सन्दूक उठानेवाले थे, तब उन्होंने सात बैल और सात मेढ़े बलि किए।
27दाऊद, और यहोवा की वाचा का सन्दूक उठानेवाले सब लेवीय और गानेवाले और गानेवालों के साथ राग उठानेवाले का प्रधान कनन्याह, ये सब तो सन के कपड़े के बागे पहने थे, और दाऊद सन के कपड़े का एपोद पहने था।
28इस प्रकार सब इस्राएली यहोवा की वाचा के सन्दूक को जयजयकार करते, और नरसिंगे, तुरहियां और झाँझ बजाते और सारंगियाँ और वीणा बजाते हुए ले चले।
29जब यहोवा की वाचा का सन्दूक दाऊदपुर में पहुँचा तब शाऊल की बेटी मीकल ने खिड़की में से झाँककर दाऊद राजा को कूदते और खेलते हुए देखा, और उसे मन ही मन तुच्छ जाना।