जीवन से पूर्ण होते हैं परमेश्वर के वचन, दिखाते हैं वो राह जिस पर चलना चाहिये हमें,
कराते हैं सत्य का बोध हमें।
खिंचने लगते हैं उसके वचनों की ओर हम।
गौर करने लगते हैं, उसके लहजे और बोलने के अंदाज़ पर हम,
और ख़्याल करने लगते हैं जान-बूझकर,
इस सामान्य व्यक्ति की भीतरी आवाज़ का हम।
हमारे लिये दिलो-जान से काम करता है परमेश्वर,
हमारे लिये न सो पाता है, न खा पाता है परमेश्वर;
हमारे लिये आँसू बहाता है, आहें भरता है, हमारे लिये रोग में कराहता है परमेश्वर।
हमारी मंज़िल और उद्धार के लिये, अपमान सहता है परमेश्वर,
हमारे विद्रोहीपन और संवेदनहीनता पर, उसका दिल दुखी होता है, आँसू बहाता है।
उसका स्वरूप और स्वभाव किसी सामान्य इंसान में नहीं होता है।
न ही उन्हें कोई दूषित इंसान धारण या हासिल कर सकता है।
उसकी सहनशीलता और धीरज, किसी सामान्य इंसान में नहीं होता है,
उसकी सहनशीलता और धीरज, किसी सामान्य इंसान में नहीं होता है,
और उसके जैसा प्रेम, किसी सृजित प्राणी में नहीं होता है।
उसकी सहनशीलता और धीरज, किसी सामान्य इंसान में नहीं होता है,
उसकी सहनशीलता और धीरज, किसी सामान्य इंसान में नहीं होता है,
और उसके जैसा प्रेम, किसी सृजित प्राणी में नहीं होता है।
'मेमने का अनुसरण करो और नए गीत गाओ' से