नई शुरूआत की है परमेश्वर ने धरती पर,
गौरवान्वित हुआ है वो धरती पर।
आख़िरी ख़ूबसूरत नज़ारे की वजह से,
व्यक्त करता है परमेश्वर अपने दिल का जुनून।
"मेरा हृदय धड़कता है और,
मेरे हृदय की धड़कन की लय का अनुसरण करते हुए पहाड़ आनन्द में उछलते हैं
और समुद्र खुशी से नृत्य करता है तथा लहरें लय में चट्टानी भित्तियों से टकराती हैं।
जो मेरे हृदय में है उसे व्यक्त करना कठिन है।"
जो योजना बनाई परमेश्वर ने, परमेश्वर ने,
उसने पूरा किया है उसी को, उसी को,
और इसे पूर्व-निर्धारित किया था परमेश्वर ने।
इसी को परमेश्वर लोगों को दिखाता है
लोग इसका अनुभव करें, यही वो चाहता है, यही वो चाहता।
बहुत ही सुन्दर है राज्य की संभावना।
विजेता है राज्य का राजा।
सिर से पाँव तक नहीं कोई निशान माँस और रक्त का,
पवित्र है परमेश्वर पूरी तरह।
इंसानी ख़्यालों से अछूता, दमकता है देह उसका पवित्र महिमा से।
लबालब है सिर से पाँव तक देह उसका
स्वर्ग के प्रभामंडल, धार्मिकता से।
होती है प्रवाहित मोहक सुगंध।
सुलैमान के गीत में प्रियतम की तरह,
संतों से भी सुंदर है वो,
प्राचीन संतों से भी ऊँचा है वो।
इंसानी नस्ल में मिसाल है वो।
इंसानों की तुलना में बेजोड़ है वो।
इस काबिल नहीं इंसान कि निहार सके उसको।
हासिल नहीं किया जा सकता उसकी मुखाकृति को,
न तो उसके स्वरूप को, न ही उसकी छवि को।