ऑनलाइन बैठक

मेन्‍यू

अफवाहों पर ध्यान देना मेरे लिए अंत के दिनों के परमेश्वर के उद्धार को लगभग खोने का कारण बना

संपादक की टिप्पणी

प्रभु यीशु ने कहा था, "मार्ग और सत्य और जीवन मैं ही हूँ" (यूहन्ना 14:6)। परमेश्वर सत्य, मार्ग और जीवन है, और केवल परमेश्वर के वचन ही हमें आगे बढ़ने का मार्ग दिखा सकते हैं और चीज़ों को स्पष्ट रूप से देखने की अनुमति देते हैं। और फिर भी कई भाई–बहन हैं जो परमेश्वर के वचनों की रोशनी में सच्चे मार्ग की जाँच नहीं करते हैं, बल्कि वे इसे उन टिप्पणियों की रोशनी में जाँचते हैं, जिसे वे ऑनलाइन देखते हैं। फिर कुछ लोग ऑनलाइन पढ़ी नकारात्मक रिपोर्टों के कारण जाँच जारी रखने की हिम्मत नहीं करते हैं, और कुछ तो झूठ से इतना धोखा खा जाते हैं कि वे अंत के दिनों के परमेश्वर के उद्धार को लगभग खो देते हैं...। बहन शियाओ लिंग इन लोगों में से एक थी, लेकिन खोजने और संगति करने से, उन्हें इंटरनेट का झूठ समझ में आ गया, और उन्होंने प्रभु की वापसी का स्वागत किया। क्या आप उनके अनुभव के बारे में जानना चाहेंगे? तो पढ़ते रहिये ...

मैं परमेश्वर की वाणी को पहचानाती हूँ और प्रभु की वापसी का स्वागत करती हूँ

अक्टूबर 2018 में, मैं काफी सौभाग्यशाली थी, जो सर्वशक्तिमान परमेश्वर के राज्य का सुसमाचार सुन पाई। एक अरसे तक खोजने और जाँचने के बाद, मुझे मानवजाति को बचाने की परमेश्वर की छह-हजार-वर्षीय प्रबंधन योजना, परमेश्वर के देहधारण के रहस्य, और शैतान द्वारा मानवजाति की भ्रष्टता के तथ्य की कुछ समझ आई, और मैं समझ पाई कि अंत के दिनों में परमेश्वर के न्याय के कार्य को स्वीकार करके, परमेश्वर के वचनों के न्याय और ताड़ना का अनुभव करके और अपने शैतानी स्वभावों को बदलकर और शुद्ध करके ही हम परमेश्वर द्वारा स्वर्ग के राज्य में आरोहण करने में समर्थ होंगे। सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा व्यक्त किये गये वचनों से, मैं निश्चित हो गई कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर ही प्रभु यीशु की वापसी हैं और मैंने अंत के दिनों के परमेश्वर के कार्य को ख़ुशी-ख़ुशी स्वीकार कर लिया। इसके बाद के दिनों में, मैंने परमेश्वर के वचनों को ध्यान से पढ़ा, मैंने सभाओं में भाग लिया और अक्सर भाई-बहनों के साथ संगति की, और मैं बहुत से वे सत्य समझ पाई जो मैं तब नहीं समझती थी जब मैं प्रभु में नाममात्र को ही विश्वास किया करती थी। मैंने अपने हृदय में अविश्वसनीय मधुरता महसूस की, और अपनी आत्मा में मुक्ति की भावना महसूस की जो मैंने पहले कभी महसूस नहीं की थी।

मैंने अपने हृदय में अविश्वसनीय मधुरता महसूस की

इंटरनेट पर फैले झूठ से मैं विचलित हुई और संदेह उठने लगे

दो महीने बाद, एक दिन मैंने अपने बेटे से मेरे लिए एक फोन खरीदने के लिए कहा, ताकि मैं और अधिक आसानी से भजन, परमेश्वर के वचनों का सस्वर पाठ, और संगतियाँ और जीवन-प्रवेश पर उपदेश सुन सकूँ। उस दिन बस इतना हुआ कि मेरी सहेली उस दिन मेरे घर पर थी और मेरा बेटा और मेरी सहेली इस बात को लेकर उत्सुक थे कि मैं किस कलीसिया से जुड़ी हुई थी, इसलिए मैंने उनसे कहा कि मैं सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया से जुड़ी हुई हूँ। मेरी सहेली ने कहा कि उसने अब से पहले इस कलीसिया के बारे में नहीं सुना था, इसलिए उसने इसके लिए ऑनलाइन खोज की और वेबपेजों में से एक पर क्लिक किया। मुझे हैरानी हुई कि, मेरी सहेली ने वेबपेज पढ़ा और फिर गर्माते हुए बोली, "देखो, सीसीपी सरकार कहती है कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया झाओ नामक व्यक्ति द्वारा स्थापित की गई थी और कि यह एक मानव संगठन है! तुम सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया में कैसे शामिल हो सकती हो?" मेरा बेटा, जो वहीं था, उसने भी घबराकर कहा, "माँ, क्या आप इस कलीसिया के बारे में कुछ जानती हैं? हांगकांग में बहुत सारी कलीसियाएँ हैं। आपको सर्वशक्तिमान की कलीसिया में ही क्यों शामिल होना है?" सीसीपी सरकार की डाली गई नकारात्मक रिपोर्टों को सुनने के बाद, मुझे गुस्सा आ गया, और मैं व्यग्रता से बोली, "क्या सीसीपी हाल ही के वर्षों में झूठी खबरें नहीं बना रही है? जो सीसीपी कहती है क्या तुम सच में उस पर विश्वास करते हो? जब तुम सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया के बारे में कुछ नहीं जानते, तो फ़ालतू बात मत करो! मैं कुछ समय पहले ही सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया के संपर्क में आई थी, और जब भाई और बहन इक्कठे होते हैं, तो वे सभी परमेश्वर के वचनों को पढ़ते हैं और अपने अनुभवों और समझ के बारे में संगति करते हैं, और इससे मेरी आत्मा को आपूर्ति मिलती है और उन्हें सुनने से मुझे आनन्द मिलता है। कई मुद्दे, जो मैं तब नहीं समझ पाई जब मैं केवल प्रभु में विश्वास किया करती थी, वे अब हल हो गये हैं, और जो मैंने देखा और सुना है और जो ऑनलाइन बताते हैं, दोनों में कोई समानता नहीं दिखती है...।" हालाँकि, मेरे बेटे और सहेली ने, जो मैं कह रही थी उस पर कोई ध्यान नहीं दिया, और वे विकिपीडिया पर तुरंत खोजने लगे। फिर वे मुझसे गंभीरता से बोले, "तुमने देखा? विकिपीडिया भी यही कहता है! मूर्ख बनने से बचने के लिए सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया से दूर रहें!" अचानक इस तरह की नकारात्मक जानकारी का सामना करते समय, मुझे नहीं पता था कि इस झूठ की सच्चाई कैसे बताई जाये, और मुझे चिंता होने लगी कि मैं अपने विश्वास में भटक गई हूँ। मैं परेशान होने लगी, इसलिए मैंने उन्हें अब कुछ और न बोलने को कहा।

उस शाम, मैंने कलीसिया की मेरी एक बहन को यह कहते हुए एक संदेश भेजा, "मैंने ऑनलाइन बहुत सारी नकारात्मक जानकारी देखी है और मैं संदेह से घिर गई हूँ। मैं कलीसिया की सभाओं में अब और शामिल नहीं हो पाऊँगी।" फिर मैंने इन नकारात्मक रिपोर्टों की एक श्रृंखला बहन को भेजी, और उन्होंने बहुत तीव्रता से जवाब देते हुए कहा, "बहन शियाओ लिंग, ये सभी ऑनलाइन नकारात्मक रिपोर्टें झूठी हैं। उन पर विश्वास करने में जल्दबाजी न करें। इस बारे में मिलकर बात करते हैं, ठीक है?" मेरे हृदय में उथल-पुथल मची थी और मैं बस शांत होना चाहती थी, इसलिए मैंने उनके प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया।

उस रात, मैं बिस्तर पर करवटें बदलती रही और एक पल के लिए भी सो नहीं पाई। मैं, मेरे दिमाग में सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया के भाई-बहनों के साथ मेरी संगति के पिछले दो महीनों के हर एक पल के बारे में सोच रही थी: उनका पहनावा और चाल-ढाल हमेशा सभ्य होते थे, वे वचन और कर्म में सच्चे और ईमानदार थे, वे उच्च नैतिक चरित्र के थे, वे नेक थे, जब किसी को कोई समस्या होती थी, वे एक दूसरे की मदद करते थे, उनकी संगति के विषय प्रबुद्ध थे और उन्होंने मेरी दर्द की उन गाँठों को खोल दिया था, जो लंबे समय से मेरे हृदय में थी, और मुझे महसूस हुआ जैसे कि जो बातें उन्होंने कही हैं, परमेश्वर की ओर से आई हैं। तो फिर क्यों इस कलीसिया के बारे में ऑनलाइन इतना नकारात्मक प्रचार था? क्या मैं अपने विश्वास से भटक गई थी या नहीं? ये विचार लगातार मेरे दिमाग में घूम रहे थे, लेकिन मुझे कोई जवाब नहीं मिला। मुझे लगा जैसे मुझे पीड़ा दी जा रही थी, इसलिए मैं उठी और प्रार्थना करने लगी: "हे परमेश्वर! मैं अभी बहुत उलझन में हूँ। सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया के संपर्क में आने के बाद, वास्तव में बहुत सी सच्चाईयाँ और रहस्य मेरी समझ में आये हैं। लेकिन अब मैंने बहुत सारी नकारात्मक बातें सुनी हैं, और यहाँ तक कि विकिपीडिया का भी कहना है कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया एक मानव संगठन है। हे परमेश्वर! मेरे हृदय में इतनी उथल-पुथल है और मुझे नहीं पता कि कैसे चुनूँ। कृपया मुझे यह समझने की बुद्धि दें कि आपकी इच्छा के अनुसार क्या करना है।"

अगले दिन, बहन ने मुझे एक बार फिर एक संदेश भेजा, जिसमें मुझे एक सभा में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया था। जब मैंने उनका संदेश पढ़ा तो मैं उलझन में पड़ गई, और सोचा: मुझे जाना चाहिए या नहीं? यदि मैं नहीं जाती, तो मैं समझ नहीं पाऊँगी कि कलीसिया के बारे में ऑनलाइन इतना नकारात्मक प्रचार क्यों है। बेहतर यह होगा कि मैं जाऊं और सुनूँ कि वे इस बारे में क्या संगति करना चाहते है।" फिर मैंने अपने हृदय में परमेश्वर से प्रार्थना की, उससे मुझे शांत रहने, और मेरा मार्गदर्शन और नेतृत्व करने के लिए कहा। प्रार्थना करने के बाद, मैंने बहुत शांत महसूस किया, और बहन का निमंत्रण स्वीकार कर लिया।

सीसीपी के झूठ का विश्लेषण करने के बाद, सबकुछ स्पष्ट हो जाता है और मैं राहत महसूस करती हूँ

जब मैं सभा-स्थल पर पहुँची, मैंने कलीसिया की बहन को मेरे संदेहों के बारे में बताया। "बहन, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों ने और आपकी और अन्य भाई-बहनों की संगतियों ने मेरी बहुत सारी पिछली उलझनों को सुलझा दिया है और उन्होंने मुझे बहुत सारे सत्यों और रहस्यों के बारे में समझ दी है। लेकिन जो मैं समझ नहीं पा रही हूँ, वह यह है कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया की न केवल सीसीपी द्वारा निंदा की जाती है, बल्कि विकिपीडिया भी, यह कहते हुए कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया की स्थापना झाओ नामक व्यक्ति द्वारा की गई थी और कि यह एक मानव-संगठन है, कुछ नकारात्मक बातें क्यों कहता है।" बहन ने मेरी बात सुनी और फिर कहा, बहन शियाओ लिंग, मैं समझती हूँ कि आप कैसा महसूस कर रही होंगी, लेकिन हमें समझना चाहिए कि एक कलीसिया परमेश्वर की कलीसिया है या नहीं, इसका निर्धारण कोई व्यक्ति, समूह या राज्य सरकार नहीं कर सकती है, लेकिन इसके बजाय यह पूरी तरह परमेश्वर के प्रकटन और कार्य से तय किया जाता है। उदाहरण के लिए, यहूदी धर्म, यहोवा के कार्य से उत्पन्न हुआ, ईसाई धर्म और कैथोलिक धर्म प्रभु यीशु के कार्य से उत्पन्न हुए और, इसी तरह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया प्रभु यीशु—सर्वशक्तिमान परमेश्वर—के प्रकटन और कार्य से उत्पन्न हुई है और यह एक ऐसी कलीसिया है जो स्वयं परमेश्वर द्वारा स्थापित की गई थी। चलिए, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया की उत्पत्ति और विकास, वीडियो देखें, जो इस मुद्दे के बारे में है, और फिर हम इसे बेहतर तरीके से समझेंगे।"

बहन ने बोलते हुए, वीडियो चलाना शुरू किया, और मैंने देखा कि वीडियो में यह कहा गया है: "सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया सर्वशक्तिमान परमेश्वर—लौटे हुए परमेश्वर यीशु—अंतिम दिनों के मसीह की उपस्थिति और काम की वजह से और उसके धर्मी निर्णय और ताड़ना के अधीन, अस्तित्व में आयी। कलीसिया में उन सभी लोगों का समावेश है जो वास्तव में अंतिम दिनों के सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कार्य को स्वीकार करते हैं और परमेश्वर के वचन द्वारा जीते और बचाये जाते हैं। इसे पूरी तरह से सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा व्यक्तिगत रूप से स्थापित किया गया था, और व्यक्तिगत रूप से उसके द्वारा नेतृत्व और मार्गदर्शन किया जाता है, और इसे किसी भी तरह से किसी भी व्यक्ति द्वारा स्थापित नहीं किया गया था। यह एक ऐसा तथ्य है जिसे सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया में सभी चुने हुए लोगों द्वारा स्वीकार किया गया है। देहधारी परमेश्वर द्वारा उपयोग किया जाने वाला कोई भी परमेश्वर द्वारा पूर्वनियत है, और परमेश्वर द्वारा व्यक्तिगत रूप से नियुक्त किया गया और गवाही देने के लिए है, ठीक वैसे ही जैसे कि यीशु ने व्यक्तिगत रूप से बारह शिष्यों को चुना और नियुक्त किया। जो लोग परमेश्वर द्वारा उपयोग किए जाते हैं, वे केवल उसके काम में ही सहयोग करते हैं, और उसके बदले में परमेश्वर के कार्य को नहीं कर सकते हैं। कलीसिया उन लोगों द्वारा स्थापित नहीं की गई थी जो परमेश्वर द्वारा उपयोग किए जाते हैं, न ही परमेश्वर के चुने हुए लोग उन पर विश्वास करते हैं या उनका पालन करते हैं। अनुग्रह के युग की कलिसीयाओं की स्थापना पौलुस और अन्य प्रेरितों द्वारा नहीं की गई थी, बल्कि ये प्रभु यीशु के काम के परिणाम थे और इन्हें स्वयं प्रभु यीशु द्वारा स्थापित किया गया था। इसी तरह, अंतिम दिनों में सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया उन लोगों द्वारा स्थापित नहीं की गई है जिन्हें परमेश्वर द्वारा उपयोग किया गया था बल्कि यह सर्वशक्तिमान परमेश्वर के काम के परिणाम है। परमेश्वर द्वारा उपयोग किए जाने वाले लोग, मनुष्य का कर्तव्य करते हुए, केवल कलीसियाओं को सींचते, आपूर्ति करते और उनका मार्गदर्शन करते हैं। यद्यपि परमेश्वर के द्वारा उपयोग किए गए लोगों द्वारा परमेश्वर के चुने हुए लोगों का नेतृत्व किया जाता है, उन्हें सींचा जाता है और आपूर्ति की जाती है, तब भी वे सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अलावा किसी अन्य को नहीं मानते या किसी अन्य का अनुसरण नहीं करते हैं, और उस (परमेश्वर) के वचनों और काम को स्वीकार करते और उनका पालन करते हैं। यह एक तथ्य है जिसे कोई इनकार नहीं कर सकता है।"

जब हमने यह वीडियो देख लिया, तो बहन ने संगति करते हुए कहा, बहन शियाओ लिंग, अब हमें सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया की उत्पत्ति और विकास की बेहतर समझ है, हैं न? अंत के दिनों के मसीह—सर्वशक्तिमान परमेश्वर—ने लाखों वचनों को व्यक्त किया है और न्याय करने और मनुष्य को शुद्ध करने का कार्य कर रहा है, जो प्रभु यीशु के वचनों को पूरी तरह से पूर्ण करता है, जब उसने कहा: 'जो मुझे तुच्छ जानता है और मेरी बातें ग्रहण नहीं करता है उसको दोषी ठहरानेवाला तो एक है: अर्थात् जो वचन मैंने कहा है, वह अन्तिम दिन में उसे दोषी ठहराएगा' (यूहन्ना 12:48)। 'क्योंकि वह समय आ पहुँचा है, कि पहले परमेश्‍वर के लोगों का न्याय किया जाए' (1 पतरस 4:17)। 'परन्तु जब वह अर्थात् सत्य का आत्मा आएगा, तो तुम्हें सब सत्य का मार्ग बताएगा, क्योंकि वह अपनी ओर से न कहेगा, परन्तु जो कुछ सुनेगा, वही कहेगा, और आनेवाली बातें तुम्हें बताएगा' (यूहन्ना 16:13)। सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अंत के दिनों के कार्य की खोज और जाँच करने से, वे सभी जो ईमानदारी से परमेश्वर में विश्वास करते हैं और जो हर राष्ट्र में, हर महाद्वीप पर, और हर धर्म और आस्था में सत्य के लिए तरसते हैं, उन्होंने सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को परमेश्वर की वाणी के रूप में पहचाना है और माना है कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर प्रभु यीशु की वापसी है। एक-एक करके, वे परमेश्वर के सम्मुख लौट आये हैं, और ये लोग सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया बनाने के लिए एकजुट हुए हैं। कलीसिया में, परमेश्वर के चुने हुए लोग सर्वशक्तिमान परमेश्वर के नाम से प्रार्थना करते हैं, वे सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़ते और उन पर संगति करते हैं, वे परमेश्वर के वचनों के न्याय का अनुभव करते हैं, वे सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कार्य का आज्ञापालन करते और अपने स्वभावों में बदलाव का अनुसरण करते हैं ताकि परमेश्वर द्वारा बचाये जा सकें—वे एक मनुष्य में आस्था तो बिल्कुल नहीं रखते हैं। इससे हम देख सकते हैं कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया अंत के दिनों में परमेश्वर के प्रकटन और कार्य से उत्पन्न हुई और सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया अंत के दिनों के मसीह की कलीसिया है—यह सभी संदेहों से परे है।

"और परमेश्वर जिस मनुष्य का उपयोग करता है वह परमेश्वर द्वारा उसके कार्य में सहयोग करने के लिए पहले से ही तैयार और परिपूर्ण किया गया था ताकि उसका कार्य और भी बेहतर परिणाम प्राप्त कर सके। यह मनुष्य सींचने, चरवाही करने और पूरे कलीसिया का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी वहन करता है, लेकिन वह जो कुछ भी करता है, वह एक मनुष्य का कर्तव्य है। आइये सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों का एक अंश पढ़ें और फिर हम इसे बेहतर तरीके से समझेंगे। सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहता है, 'जिस कार्य को परमेश्वर द्वारा प्रयुक्त व्यक्ति करता है, वह मसीह या पवित्र आत्मा के कार्य से सहयोग करने के लिए है। परमेश्वर इस मनुष्य को लोगों के बीच से ही तैयार करता है, उसका काम परमेश्वर के चुने हुए लोगों का नेतृत्व करना है। परमेश्वर उसे मानवीय सहयोग का कार्य करने के लिए भी तैयार करता है। ... परमेश्वर द्वारा प्रयुक्त लोग परमेश्वर द्वारा तैयार किए जाते हैं, उनमें एक विशिष्ट योग्यता और मानवता होती है। ऐसे व्यक्ति को पहले ही पवित्र आत्मा द्वारा तैयार और पूर्ण कर दिया जाता है और पूर्णरूप से पवित्र आत्मा द्वारा मार्गदर्शन दिया जाता है, विशेषकर जब उसके कार्य की बात आती है, तो उसे पवित्र आत्मा द्वारा निर्देश और आदेश दिए जाते हैं—परिणामस्वरुप परमेश्वर के चुने हुए लोगों की अगुवाई के मार्ग में कोई भटकाव नही आता, क्योंकि परमेश्वर निश्चित रूप से अपने कार्य का उत्तरदायित्व लेता है और हर समय कार्य करता है' ("वचन देह में प्रकट होता है" में "परमेश्वर द्वारा मनुष्य को इस्तेमाल करने के विषय में")

बहन अपनी संगति में आगे बढ़ी।

बहन अपनी संगति में आगे बढ़ी। "हम सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों से देख सकते हैं कि जिस मनुष्य का परमेश्वर द्वारा उपयोग किया जाता है, उसे परमेश्वर के कार्य में सहयोग प्रदान करने के लिए परमेश्वर द्वारा ही बढ़ाया जाता है। उदाहरण के लिए, व्यवस्था के युग में, यहोवा परमेश्वर ने स्वयं मूसा को बुलाया और उसे इस्त्राएलियों/इज़राइलियों को मिस्त्र से बाहर ले जाने के लिए कहा। बाद में, परमेश्वर ने फिर से नियमों और आज्ञाओं की घोषणा करने के लिए, और यहोवा के वचनों को सभी इस्त्राएलियों/इज़राइलियों तक प्रसारित करने के लिए मूसा का उपयोग किया। अनुग्रह के युग में, जब प्रभु यीशु छुटकारे का कार्य कर रहा था, उसने व्यक्तिगत रूप से पतरस और यूहन्ना समेत, अपने 12 शिष्यों को चुना, और उसने उन्हें कलीसिया के उस समय के चरवाहे बनने और प्रभु यीशु के सुसमाचार का प्रसार करने के लिए कहा। इसी तरह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के प्रकट होने और अंत के दिनों में अपना कार्य शुरू करने के बाद, उसने व्यक्तिगत तौर पर उस व्यक्ति की गवाही दी जो पवित्र आत्मा द्वारा उपयोग किया जाता है। वह मूसा और पतरस की तरह है—वह वो है जो परमेश्वर द्वारा उपयोग किया जाता है। वह जो कार्य करता है वह पूरी तरह पवित्र आत्मा के निरीक्षण और मार्गदर्शन के तहत किया जाता है, और सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया के अंतर्गत परमेश्वर के चुने हुए लोग, परमेश्वर के वचनों की अनुरूपता में, पवित्र आत्मा द्वारा उपयोग किये जाने वाले व्यक्ति के नेतृत्व को स्वीकार करते हैं और उसका आज्ञापालन करते हैं; यह परमेश्वर की इच्छा के अनुरूप है।

हालाँकि, सीसीपी सरकार अपनी विधर्मी भ्रांतियों को फैलाते हुए कहती है 'सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया एक मनुष्य द्वारा स्थापित की गई थी और यह एक मानव-संगठन है।' सीसीपी के तर्क के आधार पर चलें, तो यहूदी धर्म मूसा द्वारा स्थापित किया गया था और अनुग्रह के युग में ईसाई धर्म पतरस द्वारा स्थापित किया गया होगा, और यह दृष्टिकोण बिल्कुल बेहूदा और बकवास है! असल में, परमेश्वर के प्रकटन और कार्य के बिना, तो कलीसिया का उत्पन्न होना असंभव होगा। किसी की योग्यता या उपहारों/दरियादिली से कोई फ़र्क नहीं पड़ता, सार में, जो व्यक्ति परमेश्वर द्वारा उपयोग किया जाता है, वह अभी भी मात्र एक मनुष्य ही है और वह केवल पवित्र आत्मा के कार्य के मार्गदर्शन में अपना कर्तव्य निभा सकता है—कोई ऐसा तरीका नहीं है जिससे वह परमेश्वर का कार्य कर सके। तो क्यों सीसीपी सरकार इस तरह के झूठ और भ्रांतियाँ फैलाना चाहती है? जैसे कि हम सब जानते हैं, सीसीपी एक नास्तिक सरकार है जो न केवल परमेश्वर के अस्तित्व से इंकार करती है, बल्कि चीन के लोगों को अपेक्षाकृत कम ही परमेश्वर पर विश्वास करने और जीवन में सही मार्ग का अनुसरण करने की अनुमति देती है। सीसीपी का कहना है कि परमेश्वर की कलीसिया जनता को गुमराह करने के उद्देश्य के साथ एक मानव संगठन है, और यह जानबूझकर सर्वशक्तिमान परमेश्वर—अंत के दिनों के मसीह के प्रकटन और कार्य के तथ्यों को छुपाती है, ताकि लोग इसकी अफवाहों और झूठ पर विश्वास करके अंत के दिनों के सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कार्य की जाँच से या इसे स्वीकार करने से इंकार कर दें, और इस प्रकार अंत के दिनों के परमेश्वर के उद्धार को खो दें। यहाँ तक कि सीसीपी अपने फैसले में साथ देने के लिए और परमेश्वर के अंत के दिनों के कार्य की निंदा करने के लिए, निर्विवाद/तटस्थ लोगों के एक समूह को धोखा देकर अपनी तरफ लाना चाहती है, जो अंततः परमेश्वर का दंड भुगतने के लिए सीसीपी के साथ नर्क में जायेंगे। यही कारण है, बहन शियाओ लिंग, जब सच्चे मार्ग की जाँच करने की बात आती है, तो हमें बहुत सावधान रहना चाहिए। हमें बस आँख मूँदकर नास्तिक सीसीपी सरकार द्वारा फैलाई गई अफवाहों और झूठ पर विश्वास नहीं करना चाहिए, और हमें शैतान की शातिर चालों से और हमारे उद्धार प्राप्त करने के अवसर को खोने से बचना चाहिए!"

बहन की इस संगति को सुनने के बाद, सब कुछ अचानक मेरे लिए स्पष्ट हो गया। सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया स्वयं परमेश्वर द्वारा स्थापित की गई थी, और झाओ नामक व्यक्ति उन वर्षों पहले के मूसा और पतरस की तरह है—पवित्र आत्मा द्वारा उपयोग किये जाने वाले मनुष्य—और यह हमारे लिए परमेश्वर की इच्छा के अनुरूप उसके सींचन और नेतृत्व को स्वीकार करना है। पिछले दो महीनों के बारे में सोचने पर, मैंने देखा कि मैं सर्वशक्तिमान परमेश्वर के नाम से प्रार्थना कर रही थी और सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़कर उनके बारे में संगति कर रही थी। हालाँकि भाई-बहन कभी-कभी पवित्र आत्मा द्वारा उपयोग किये गये व्यक्ति द्वारा दिए गये कुछ उपदेशों को पढ़ते और संगति करते हैं, ये उपदेश और संगतियाँ परमेश्वर की इच्छा और आवश्यकताओं को बेहतर ढंग से समझने में बस हमारी मदद करने के लिए है!

इंटरनेट पर फैले झूठ पर विश्वास, केवल आपको परमेश्वर के उद्धार से दूर ले जा सकता है

तब बहन ने उपदेशों में से एक अंश पढ़ा और संगति की: "कुछ ऐसे भी हैं जो, सच्चे मार्ग को देखते समय, ख़ास तौर पर धर्म-निरपेक्ष दुनिया की जानी-मानी वेबसाइट के कथनों को देखते हैं। वे कहते हैं, 'उन वेबसाइटों पर जो कहा गया है, वही सही है!' लेकिन, वास्तव में, ये वेबसाइट क्या हैं? क्या वे भी इसी दुनिया की नहीं हैं? क्या वे शब्द भ्रष्ट मनुष्य द्वारा नहीं लिखे गये हैं? क्या वे शैतान की दुष्ट शक्ति का हिस्सा नहीं हैं? क्या उनमें सच्चाई है? वे परमेश्वर को समर्पित नहीं होते हैं, वे निश्चित ही परमेश्वर की आराधना नहीं करते हैं और वे ऐसे समूह नहीं हैं जिनकी गवाही परमेश्वर देता है। धरती पर आप उन पर विश्वास क्यों करेंगे ? वे अपने मुँह से झूठ बोलते और झूठ फैलाते हैं। शैतानी सरकारें जो भी अफवाहें और झूठ बनाती हैं, वे उन्हें फैलाते हैं। क्या यह उन्हें झूठ फैलाने वाला संगठन नहीं बनाता है। चीनी साम्यवादी सरकार जो भी अफवाहें गढ़ती है, वे उसे फैलाते हैं, और सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया को बदनाम करने लिए हर संभव कोशिश करते हैं। इसलिए, क्या वे शैतान के झूठ फैलाने के साधन नहीं बनते हैं? क्या वे इंसान को धोखा देने के लिए शैतान के साधन नहीं हैं? सच्चे मार्ग की जाँच-पड़ताल करते समय लोग शैतान की उन बातों पर विश्वास क्यों करते हैं? क्या वे मानसिक रूप से बीमार हैं? क्या वे मानते हैं कि दुनिया धर्मी और निष्पक्ष है? यदि सरकार या धार्मिक समुदाय टिप्पणियाँ और दावे करते हैं कि सच्चा मार्ग कौन सा है और सच्चा परमेश्वर कौन सा है, तो वे तुरंत इस पर विश्वास कर लेते हैं। यदि सरकार या धार्मिक समुदाय कहता है कि कोई मार्ग सच्चा नहीं है, या कहते हैं कि कोई वास्तविक परमेश्वर नहीं है, तो वे इस पर विश्वास नहीं करते हैं। वे लोग किस पर विश्वास करते हैं? वे सरकार पर विश्वास करते हैं, वे धार्मिक समुदायों और धार्मिक पादरियों और एल्डर्स के कथनों/बातों पर विश्वास करते हैं। क्या ऐसा कोई, एक सच्चा विश्वासी है? वे परमेश्वर पर विश्वास नहीं करते, वे परमेश्वर पर भरोसा नहीं करते हैं, वे यकीन नहीं करते कि परमेश्वर वास्तविक है, और वे यह नहीं मानते कि परमेश्वर ही सत्य है। वे विशेष रूप से सत्य को नहीं जानते हैं। इसलिए, जब इस तरह का व्यक्ति सच्चे मार्ग को देखता है, तो जिस क्षण वे शैतान के झूठ और अफवाहें सुनते हैं, वे बुद्धिहीन हो जाते हैं" (जीवन में प्रवेश पर धर्मोपदेश और संगति)।

पढ़ने के बाद, बहन ने अपनी संगति जारी रखते हुए कहा, अनुग्रह के युग में, प्रभु यीशु ने कहा, 'इस युग के लोग बुरे हैं' (लूका 11:29)। 'सारा संसार उस दुष्ट के वश में पड़ा है' (1 यूहन्ना 5:19)। प्रभु यीशु ने भविष्यवाणी भी की: 'क्योंकि जैसे बिजली आकाश की एक छोर से कौंधकर आकाश की दूसरी छोर तक चमकती है, वैसे ही मनुष्य का पुत्र भी अपने दिन में प्रगट होगा। परन्तु पहले अवश्य है, कि वह बहुत दुःख उठाए, और इस युग के लोग उसे तुच्छ ठहराएँ' (लूका 17:24-25)। जब परमेश्वर पहली बार देह बना और अपना छुटकारे का कार्य करने के लिए प्रभु यीशु के रूप में देहधारण किया, तो यहूदी अगुआओं और रोमन सत्ताधारियों द्वारा उसकी निंदा की गई थी और उसे सताया गया था और अंत में उसे सलीब पर चढ़ा दिया गया था। अंत के दिनों में परमेश्वर, बिल्कुल पहले की तरह, देह में प्रकट होकर कार्य करने के लिए लौट आया है, वह नास्तिक सीसीपी सरकार और धार्मिक जगत के पादरियों और एल्डर्स के उग्र प्रतिरोध और निंदा का सामना करता है। इस तथ्य से कि परमेश्वर के दो देहधारणों के प्रकटन और कार्य को धार्मिक जगत और सत्तारूढ़ राजनीतिक शक्तियों द्वारा मूल्यांकित, निंदित और बदनाम किया गया है, हम देख सकते हैं कि यह दुनिया पहले से ही मजबूती से शैतान की पकड़ में है और मानवजाति दुष्टता/बुराई के चरम पर पहुँच गई है। लोग दुष्टता की पैरवी करते हैं, वे सत्य से परेशान होते हैं और कोई भी व्यक्ति मसीह के आगमन का स्वागत नहीं करता है। इसके विपरीत, वे मसीह को तुच्छ समझते हैं, हर जगह उस (मसीह) का पीछा करते हैं और मसीह को बुरी तरह से अपमानित और पीड़ित करते हैं, और वे यह इस से तरह करते हैं ताकि मसीह के पास विश्राम की कोई जगह न रहे। इतना ही नहीं, दुनिया में कोई भी समूह या संगठन सच्चाई पर आधारित नहीं है; इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता कि वे कितने ताकतवर हैं या उनकी ख्याति कितनी ज्यादा है, वे जो कुछ भी प्रचारित करते हैं, वह भ्रष्ट मानवजाति से उत्पन्न होता है, वह ज्ञान और सामाजिक पृष्ठभूमि जहाँ से यह सब उत्पन्न होता है, यह सब नास्तिकता और भौतिकवाद जैसे विविध सिद्धांतों से प्रभावित होता है। विशेष रूप से, परमेश्वर के कार्य पर उनकी टिप्पणियाँ केवल सत्ताधारी राजनीतिक दल और धार्मिक जगत के झूठ और भ्रांतियों का दुष्प्रचार हैं, तो वे जो कुछ भी कहते हैं, क्या हम उस आधार पर वास्तव में सही या गलत का फैसला कर सकते हैं? जैसा कि हम सभी जानते हैं, परमेश्वर ही सत्य, मार्ग और जीवन है, और केवल परमेश्वर ही हमें पाप की जंजीरों से बचा सकता है और शुद्ध कर सकता है, और केवल परमेश्वर के वचन ही सकारात्मक और नकारात्मक चीजों के बीच, अच्छे और बुरे के बीच, और सुंदरता और कुरूपता के बीच अंतर बताने में मदद कर सकते हैं। इसलिए, हमें परमेश्वर के वचनों की रोशनी में परमेश्वर के अंत के दिनों के कार्य की खोज करनी चाहिए। यदि हम ऑनलाइन नकारात्मक प्रचार की रोशनी में या नास्तिक सरकार या धार्मिक जगत के पादरी और एल्डर्स जो कहते हैं, उसके अनुसार इसकी जाँच करते हैं, तो हम धोखा खा जायेंगे और अंत के दिनों में परमेश्वर के उद्धार को खो देंगे!"

मेरे हृदय के संदेह दूर हो गये

बहन की बातों को सुनकर, मेरे हृदय के संदेह दूर हो गये, और तभी मुझे शर्मिंदगी महसूस हुई: परमेश्वर के अंत के दिनों के कार्य का सामना करते समय, मैंने परमेश्वर के वचनों की रोशनी में इसकी जाँच क्यों नहीं की थी, लेकिन इसके बजाय उन वेबपेजों की धुन पर थिरक रही थी? मैंने पहले ही स्पष्ट रूप से देख लिया था कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन सत्य हैं, और वे अधिकार और शक्ति से युक्त हैं, और फिर भी मैं सीसीपी के झूठ और ऑनलाइन बयानबाजी से धोखा खा गई थी। मैंने परमेश्वर के कार्य पर इतना संदेह किया था कि मैं इसकी जाँच करना भी छोड़ देना चाहती थी—मैं कितनी नासमझ थी! यदि मुझे प्रेम करने और बचाने के लिए परमेश्वर नहीं होता, और यदि बहन मुझे संगति देने के लिए नहीं होती जिससे कि मुझे सीसीपी के झूठ और विकिपीडिया पर नकारात्मक जानकारी के बारे में थोड़ी जानकारी हो सके, तो मैं शैतान की शातिर चालों में फंस गई होती, मैं परमेश्वर से मुँह मोड़ लेती और अंत के दिनों के परमेश्वर के उद्धार से चूक जाती!

परमेश्वर इन झूठों को अस्तित्व में क्यों आने देता है?

फिर मैंने बहन से पूछा, "ये झूठ इतने लोगों को धोखा दे चुके हैं। फिर परमेश्वर इन झूठ का ऑनलाइन दुष्प्रचार क्यों होने देता है?"

बहन ने कहा, "बढ़िया सवाल! इस नकारात्मक प्रचार के पीछे परमेश्वर की शुभ-इच्छा निहित है। आइये उपदेशों और संगति का एक और अंश पढ़ें: 'आज चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने परमेश्वर और सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया को बदनाम करने के लिए बहुत सी अफवाहें गढ़ी हैं और कुछ लोगों ने खुलासा किया है कि उन्हें चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की अफवाहों और शैतान के झूठ पर विश्वास है और वे नहीं मानते कि परमेश्वर सत्य है और कि परमेश्वर पवित्र है। यह किस तरह की समस्या है? इससे पता चलता है कि क्या लोगों को परमेश्वर के प्रकटन में सच्चा विश्वास है और क्या वे सत्य और परमेश्वर पर विश्वास करते हैं या शैतान में यकीन करते हैं? यह लोगों को प्रकट करने का समय है। इसलिए अपने अंत के दिनों के कार्य में, परमेश्वर बड़े लाल अजगर को इस प्रकार काम करने की अनुमति देकर और शैतान की सभी बुरी शक्तियों को इन चीजों को करने की अनुमति देकर परमेश्वर क्या प्राप्त करने की उम्मीद करता है? पहला पहलू उन लोगों को परिपूर्ण करना है जो सत्य से प्रेम करते हैं, और दूसरा पहलू सत्य से प्रेम न करने वालों को प्रकट करना और झूठे विश्वासियों को हटाना है। अब, वे लोग जो सत्य से प्रेम नहीं करते और परमेश्वर पर विश्वास नहीं करते, उन्हें प्रकट करके हटा दिया गया है। क्या इस प्रकार शैतान को काम करने की अनुमति देने के पीछे परमेश्वर के अच्छे इरादे नहीं हैं? कुछ लोग इसे देख नहीं सकते और, असल में, यह एक अच्छी बात है! ... इसलिए परमेश्वर की बुद्धिमत्ता का प्रयोग शैतान की कपटी चालों के आधार पर किया जाता है, और यह पूरी तरह सच है। परमेश्वर कितना/इतना सर्वशक्तिमान है' (जीवन में प्रवेश पर धर्मोपदेश और संगति)।

बहन में अपनी संगति आगे बढ़ाते हुए कहा, "बहन शियाओ लिंग, इस संगति को पढ़ने के बाद क्या अब यह मुद्दा हमारे लिए स्पष्ट है? परमेश्वर स्वर्ग में और पृथ्वी पर सभी चीजों का शासक है, और जो परमेश्वर में विश्वास करते हैं, और जो विश्वास नहीं करते हैं, साथ ही साथ शैतान के वो दानव जो परमेश्वर का विरोध और निंदा करते हैं, सब परमेश्वर के हाथों में है, और परमेश्वर की बुद्धिमत्ता का प्रयोग शैतान की चालाक योजनाओं के आधार पर किया जाता है। इस नकारात्मक प्रचार को अनुमति देने के पीछे परमेश्वर का उद्देश्य लोगों को बचाना, उजागर करना, और अच्छी फसल में से घास-फूस को निकालना है। अंत के दिनों का मसीह—सर्वशक्तिमान परमेश्वर—सत्य को व्यक्त करने और मनुष्य को शुद्ध करने और बचाने का कार्य करने के लिए आया है, और सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़कर, वे सभी जो वास्तव में परमेश्वर पर विश्वास करते हैं, सत्य से प्रेम करते हैं, और जो परमेश्वर के प्रकटन के लिए तरसते हैं, सभी निश्चित हो जाते हैं कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर प्रभु यीशु की वापसी है। इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता कि सीसीपी सरकार और धार्मिक जगत के पादरी और एल्डर्स कितने झूठ और विधर्मी भ्रांतियाँ फैलाते हैं, ये लोग सच्चे मार्ग पर चलने में सक्षम हैं और सर्वशक्तिमान परमेश्वर का अनुसरण करने के लिए संकल्पित हैं; ये लोग निश्चित रूप से वही हैं जिन्हें परमेश्वर अंत के दिनों में बचायेगा और पूर्ण करेगा। दूसरी तरफ, वे लोग जो विश्वास करने का दिखावा करते हैं, जो केवल अपना पेट भरने के लिए रोटी माँगते हैं, जो सत्य की तलाश बिल्कुल नहीं करते, जो दूसरे लोगों के रट्टू तोते हैं, जो शैतान के झूठ और अफवाहों पर आँख मूँदकर विश्वास करते हैं और जो परमेश्वर के कार्य को नकारते हैं, वे परमेश्वर द्वारा उजागर किये गये घास-फूस हैं और परमेश्वर द्वारा हटाया जाना उनका नसीब है। शैतान की वे बुरी शक्तियाँ जो सर्वशक्तिमान परमेश्वर का विरोध और निंदा करती हैं, और जो लोगों को धोखा देने के लिए विधर्मी भ्रांतियों का हर संभव उपयोग करती हैं और लोगों को सच्चे मार्ग को स्वीकार करने से रोकती हैं, वे शैतान की भूमिका निभाती हैं, और ये वो हैं जो परमेश्वर द्वारा दंडित किये जायेंगे और मिटा दिए जायेंगे। इससे हम देख सकते हैं कि परमेश्वर का कार्य इतना ज्यादा व्यावहारिक है और परमेश्वर इतना सर्वशक्तिमान और बुद्धिमान है। परमेश्वर उन सभी को जो परमेश्वर में सच्चा विश्वास करते हैं और उन सभी को जो विश्वास करने का दिखावा करते हैं, उजागर करने के लिए नकारात्मक प्रचार और सभी तरह के झूठ और भ्रांतियों का उपयोग करता है, और वह प्रत्येक को उनके प्रकार के अनुसार अलग करता है। साथ ही परमेश्वर, शैतान की बुरी शक्तियों के बदसूरत चेहरे को भी रोशनी में लाता है, ताकि लोग नकारात्मक चीज़ों का आंकलन कर सकें। अंत में, परमेश्वर इन बुरी शक्तियों को दंडित करता है और उनका सफाया करता है और मनुष्य को उसका पवित्र और धार्मिक स्वभाव देखने की अनुमति देता है जो दोषरहित है।"

बहन की बात को सुनकर, आखिरकार मैं परमेश्वर की इच्छा समझ गई। इससे पता चला कि परमेश्वर इन विधर्मी भ्रांतियों और नकारात्मक प्रचार का उपयोग हर तरह के व्यक्ति को उजागर करने के लिए और प्रत्येक व्यक्ति को उनके प्रकार के अनुसार अलग करने के लिए करता है। परमेश्वर कितना बुद्धिमान और सर्वशक्तिमान है! मैंने अपने हृदय में, परमेश्वर को सच्चा धन्यवाद दिया। तभी, मैने अपनी आध्यात्मिक यात्रा के बारे में सोचा जिस पर मैं चली थी। जब मेरा कद छोटा था और मैं आँख मूंदकर विकिपीडिया की नकारात्मक जानकारी पर विश्वास कर रही थी, जिससे मैं परमेश्वर से दूर हो गई, परमेश्वर ने मेरी अज्ञानता और मूर्खता को नहीं देखा, लेकिन इसके बजाय मेरे साथ सत्य के बारे में धैर्यपूर्वक संगति करने के लिए, मेरी सहायता और समर्थन करने के लिए, मुझे सत्य को समझने और शैतान की चालाक योजनाओं को देखने में सक्षम बनाने लिए, और लोगों को बचाने के परमेश्वर के अथक प्रयासों को समझने के लिए भाई-बहनों का उपयोग किया। अगर यह मेरी सुरक्षा और मार्गदर्शन के लिए परमेश्वर द्वारा नहीं किया गया होता, तो मैं शैतान के झूठ से धोखा खा गई होती और मैंने परमेश्वर के उद्धार को पाने का मौका खो दिया होता। मैंने खामोशी से एक संकल्प लिया: भले ही भविष्य में कोई मुझे भटकाने की कोशिश करे, मैं विचलित नहीं होऊँगी, बल्कि परमेश्वर पर भरोसा करूँगी, सत्य की तलाश करूँगी और अपनी गवाही में दृढ़ रहूँगी! मैं फिर कभी शैतान की शातिर चालों में नहीं फसूंगी।

अंत तक परमेश्वर का अनुसरण करने की मेरी निष्ठा प्रबल हुई है

घर आने के बाद, मैंने ऑनलाइन जाकर सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया के बारे में कई अंतर्राष्ट्रीय और जाने-माने विशेषज्ञों और शिक्षाविदों की कुछ सकारात्मक टिप्पणियाँ पढ़ीं, जिससे मुझे मामले की सच्चाई को स्पष्ट रूप से देखने में मदद मिली। मैंने फोटो प्रदर्शनी भी देखी: सर्वशक्तिमान परमेश्वर का प्रकटन और कार्य और सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया का इतिहास। इस वीडियो को देखकर, मैं सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया की उत्पत्ति और विकास के बारे में और अधिक समझ पाई, और मुझमें सीसीपी के परमेश्वर-विरोधी सार को समझने की भी थोड़ी समझ आई। मैंने जाना कि सीसीपी एक नास्तिक सरकार है और इसने हमेशा निदर्यता से धार्मिक विश्वास को सताया है। विशेष रूप से सर्वशक्तिमान परमेश्वर के प्रकट होने और अपना कार्य शुरू करने के बाद, बहुत से लोगों ने सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़ा और उन्हें परमेश्वर की वाणी के रूप में पहचाना, वे निश्चित हो गये कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर लौटा हुआ प्रभु यीशु है, और वे एक-एक करके सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास लौट आये। सीसीपी को डर है कि, एक बार लोगों ने सर्वशक्तिमान परमेश्वर पर विश्वास करना शुरू कर दिया, तो वे सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों से सत्य को समझेंगे और उनमें सीसीपी के परमेश्वर-विरोधी सार को समझने की थोड़ी समझ होगी, और फिर वे सीसीपी को अस्वीकार कर देंगे और कभी उसका अनुसरण नहीं करेंगे। इसलिए अपने तानाशाही शासन को बनाये रखने के लिए, सीसीपी मीडिया का उपयोग अफवाहें गढ़ने, और सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अंत के दिनों के कार्य को बदनाम करने, निंदा करने और दोषारोपण करने के लिए करती है। यह क्रूरतापूर्वक ईसाइयों को सताती है और सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया को पूरी तरह से मिटाने की कोशिश में सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया पर उग्र अत्याचार करती है। लेकिन मैंने वीडियो में देखा कि, भले ही सीसीपी कितनी भी अफवाहें गढ़ती हो और अंत के दिनों के परमेश्वर के कार्य का विरोध करती हो, लेकिन उसके पास परमेश्वर के कार्य को रोकने की ताकत बिल्कुल नहीं है। आजकल, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अंत के दिनों का कार्य दुनिया के सभी राष्ट्रों में फ़ैल गया है, और सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसियाएँ कई देशों में स्थापित की गई हैं। सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया द्वारा आयोजित एक फोटो प्रदर्शनी ने अमेरिका, कनाड़ा, फ्रांस और इटली सहित सात देशों के धर्म और सामाजिक अध्ययन जैसे शैक्षणिक क्षेत्रों के विशेषज्ञों, विद्वानों और प्रोफेसरों को भी आकर्षित किया। सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया में ईसाइयों द्वारा अंत के दिनों के परमेश्वर के कार्य का सच्चाई से अनुभव करने के बारे में परिचय होने के बाद, उन सभी में अंत के दिनों के परमेश्वर के कार्य की समझ आ गई है, वे सीसीपी द्वारा बढ़ावा दिए गये दुष्ट परमेश्वर-विरोधी कृत्यों का प्रभेद करते हैं, और एक-एक करके उन्होंने कलीसिया के समर्थन का संकल्प लिया है। ये तथ्य इस कथन की पूरी तरह से पुष्टि करते हैं "जो परमेश्वर से आता है वह पनपता है।" कोई भी ताकत परमेश्वर के कार्य को रोक नहीं सकती, और यह परमेश्वर के अधिकार की अभिव्यक्ति है।

मैं यह रिपोर्ट अपने बेटे के पास पढ़ने के लिए भेजना चाहती थी, ताकि वह दुनिया भर के विशेषज्ञों द्वारा सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया के बारे में की गई टिप्पणियों को सुन सके। यदि वह केवल थोड़ी सी सूझ-बूझ से भी काम लेता है, तो वह यह देखने में सक्षम होगा कि सीसीपी द्वारा प्रचारित सभी बयानबाजियां सिर्फ अफवाहें और झूठ हैं और वे तथ्यों के अनुरूप बिल्कुल नहीं हैं! फिर मैंने यह वीडियो अपने बेटे को भेजा, और चुपचाप अपने हृदय में परमेश्वर से प्रार्थना की: "सर्वशक्तिमान परमेश्वर! अब मैं देख रही हूँ कि आपका काम सम्पूर्ण जगत में फैल चुका है और मैं यह बात ख़ुशी-ख़ुशी अपने बेटे को बताना चाहती हूँ। कृपया उसकी रक्षा करें ताकि वह फिर से शैतान से धोखा न खाये।" परमेश्वर का धन्यवाद! इस वीडियो को देखने के बाद, मेरे बेटे ने मुझसे सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया के बारे में और कुछ नहीं कहा, और उसके बाद उसने परमेश्वर में मेरे विश्वास पर कोई आपत्ति नहीं जताई।

अपने अनुभव के माध्यम से, मुझे शैतान के परमेश्वर-विरोधी शैतानी सार और उसके लोगों को धोखा देने और नुकसान पहुँचाने के दुर्भावनापूर्ण इरादे के बारे में थोड़ी समझ मिली। मैंने यह भी देखा कि, सत्य के बिना, हममें से किसी को, किसी भी क्षण धकेला जा सकता है; केवल सत्य का अनुसरण करके और उसे समझकर ही हम अंत तक परमेश्वर का अनुसरण करने में सक्षम होंगे, और मेरे अनुभव ने सत्य का अनुसरण करने के अतिरिक्त मेरे संकल्प को भी प्रेरित किया। अब से मैं, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को और अधिक पढूंगी, परमेश्वर के कार्य का अनुभव करूँगी, और अधिक प्रार्थना करूँगी और मुद्दों का सामना करते समय सत्य की तलाश करूँगी, और फिर कभी शैतान की अफवाहों और झूठ पर आँख मूँदकर विश्वास नहीं करूँगी, ताकि परमेश्वर की शातिर चालों में न फँस जाऊँ और फलतः परमेश्वर को नकारुं और धोखा दूँ। परमेश्वर का धन्यवाद!

उत्तर यहाँ दें