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मेन्‍यू

बाइबल की आत्मिक शिक्षा

हम केवल परमेश्वर की वाणी सुनकर ही प्रभु का स्वागत क्यों कर सकते हैं?

इस समय, सभी विश्वासी प्रभु यीशु के बादल पर आने की कामना कर रहे हैं, क्योंकि आपदाएँ और गंभीर होती जा रही हैं और हर तरह की महामारियाँ बढ़ रही हैं, अकाल और युद्ध के बादल मंडरा रहे हैं। विश्वासियों को लगत...

प्रभु यीशु मनुष्य को छुटकारा दे चुका है, तो अंत के दिनों में लौटकर आने पर वह न्याय का कार्य क्यों करेगा?

2,000 साल पहले देहधारी प्रभु यीशु को मनुष्य को पापों से छुटकारा देने के लिए, एक पाप-बलि के रूप में सूली पर चढ़ा दिया गया था, और उसने छुटकारे का कार्य पूरा कर दिया था। उसने वचन दिया था कि वह अंत के दिनो...

कौन मानवजाति को बचाकर हमारी तकदीर बदल सकता है?

तकदीर की बात होते ही ज्यादातर लोग इसे पैसे, रुतबे और सफलता से जोड़कर देखने लगते हैं, और सोचते हैं कि दुख और विपदाएँ झेल रहे गरीब और गुमनाम लोग, जिन्हें नीची नजर से देखा जाता है, खराब तकदीर वाले हैं। इस...

हमारे पाप माफ हो गए हैं—प्रभु जब लौटेगा तो क्या हमें सीधे अपने राज्य में ले जाएगा?

आपदाएँ बढ़ती ही जा रही हैं, सभी विश्वासी बड़ी बेसब्री से उद्धारकर्ता के आने की प्रतीक्षा कर रहे हैं, उनमें प्रभु से मिलने के लिए नींद में ही आकाश में ऊपर उठाए जाने और तीव्र होती आपदाओं के दुख से बचने ...

उद्धारकर्ता आकर मनुष्य को कैसे बचाता है?

उद्धारकर्ता के बारे में सभी विश्वासी मानते हैं, कि वह अंत के दिनों में, मनुष्य को बचाने के लिए पृथ्वी पर ज़रूर आयेगा। अनेक नबियों ने कहा है कि उद्धारकर्ता अंत के दिनों में आयेगा। तो उद्धारकर्ता कौन है?...

एक सच्चा परमेश्वर कौन है?

सच्चा परमेश्वर कौन है? हम कैसे सच्चे परमेश्वर की खोज कर सकते हैं ताकि उसके उद्धार और आपदाओं के मध्य संरक्षण प्राप्त करें? उत्तर प्राप्त करने के लिए पढ़ेंl...

जब प्रभु यीशु ने सलीब पर "पूरा हुआ" कहा तो इसका क्या मतलब था?

ईसाई यह मानते हैं कि जब प्रभु यीशु ने सलीब पर "पूरा हुआ" कहा था तो इसका मतलब था मानवजाति के लिए उसका काम पूरा हो गया। इसलिए हर किसी को भरोसा है कि जब प्रभु वापस आएगा तो उसके लिए उद्धार का कोई काम नहीं...

आध्यात्मिक रूप से विकसित होने के लिए दैनिक भक्ति के इन 3 सिद्धांतों में महारत हासिल करना

क्या आपने कभी इस उलझन का सामना किया है कि भक्ति और प्रार्थना के बावजूद भी, कुछ ज्यादा हासिल नहीं हो रहा है या प्रेरणा का अनुभव नहीं हो रहा है? ऐसा क्यों है? हमें अपनी दैनिकभक्ति से फल कैसे प्राप्‍त हो...