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असली स्वर्गारोहण क्या है? मुझे आख़िरकर इसका जवाब मिल ही गया

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परमेश्वर से मिलने के लिए आसमान में स्वर्गारोहित किये जाने की कोरी कल्पनाएं
आश्चर्यजनक खुशखबरी
धरती पर परमेश्वर का राज्य
स्वर्गारोहण के असल मायने

परमेश्वर से मिलने के लिए आसमान में स्वर्गारोहित किये जाने की कोरी कल्पनाएं

2014 में, एक बहन ने मुझे प्रभु यीशु का सुसमाचार सुनाया था। उसके बाद से मैंने परमेश्वर पर विश्वास करना शुरू कर दिया, तब से मैं उत्साह से बैठकों में भाग लेती थी। "एक बैठक में मेरे पादरी ने कहा, 'मैं तुम्हारे लिये जगह तैयार करने जाता हूँ। और यदि मैं जाकर तुम्हारे लिये जगह तैयार करूँ, तो फिर आकर तुम्हें अपने यहाँ ले जाऊँगा कि जहाँ मैं रहूँ वहाँ तुम भी रहो' (यूहन्ना 14:2-3)। और पौलुस ने भी कहा है, 'तब हम जो जीवित और बचे रहेंगे उनके साथ बादलों पर उठा लिये जाएँगे कि हवा में प्रभु से मिलें; और इस रीति से हम सदा प्रभु के साथ रहेंगे' (1 थिस्सलुनीकियों 4:17)। प्रभु ने हमारे लिए एक जगह तैयार की है, और जब प्रभु लौटेंगे, तो हम सीधे उनसे मिलने के लिए आसमान में उठा लिए जाएंगे, जिसके बाद, हम हमेशा के लिए प्रभु के साथ रहेंगे। स्वर्ग के राज्य की दीवारें मणिविशेष से बनी हैं, सड़कों को सोने से मढ़ा गया है, और हम जिसकी भी कामना कर सकते हैं वैसे सभी गहने, सुलेमानी पत्थर और हरिताश्म वहाँ हैं। वहाँ कोई दर्द या पीड़ा नहीं है, कोई आँसू या दुख नहीं है, और आनंद लेने के लिए अनंत आशीष हैं...।" जब मैंने अपने पादरी के धर्मोपदेश में मौजूद उत्साह को सुना, तो मैंने सोचा कि अगर एक दिन मैं भी परमेश्वर द्वारा स्वर्ग में आरोहित कर ली जाऊँ तो यह बहुत ही अच्छा रहेगा।

लेकिन, अपनी उत्तेजना के बीच, मैंने सोचा, "जब प्रभु हमारे साथ मिलने के लिए आयेंगे तो अगर वे हमें आसमान में आरोहित कर लेंगे, लेकिन आखिर हम कैसे स्वर्गारोहित हो सकते हैं?" मैंने अपने बाइबल अध्ययन समूह में ऐसी कई बहनों से यह सवाल पूछा जो लंबे समय से प्रभु में विश्वास करती रहीं हैं। एक ने कहा, "प्रभु सर्वशक्तिसम्पन्न हैं। जब प्रभु हमें प्राप्त करने के लिए आएंगे, तो हम हवा में तैरते हुए ऊपर उठ जायेंगे।" जब मैंने अपनी उन बहन को ये बात कहते सुना तो मुझे बहुत अधिक आश्वसन मिला। यह सही है, प्रभु सर्वशक्तिसम्पन्न हैं, इसलिए निश्चित रूप से प्रभु हमें स्वर्ग में आरोहित कर सकते हैं। उसके बाद, मैं पहले से अधिक उत्साह के साथ बैठकों में गयी, सुसमाचार का प्रसार किया, और उस दिन की प्रतीक्षा करने लगी जिस दिन प्रभु हमें लेने आयेंगे।

उसके कुछ समय बाद, मुझे एहसास हुआ कि भले ही मुझे प्रभु पर विश्वास था, लेकिन मैं प्रभु के उपदेशों के अनुसार नहीं चल पा रही थी। मैं अक्सर गुस्सा करती थी और अपने परिवार के साथ छोटी-छोटी बातों को लेकर झगड़ा करती थी। झगड़े के बाद मैं सोचती थी, "मैं एक ईसाई हूँ, मुझे सहनशील और धैर्यवान बनना सीखना चाहिए," लेकिन कुछ समय बाद, मैं फिर से खुद को नियंत्रित करने में असमर्थ रहती, जिससे मुझे बहुत दुख होता था। मैं अक्सर रोती थी और प्रभु से प्रार्थना करती थी कि, "प्रभु, इस दुनिया में रहना बहुत ही पीड़ादायक है। कृपया आयें और हमें हमारे स्वर्ग के घर में ले चलें।" इसके बाद, हर बार जब मैं सड़क पर चलती थी, तो मैं अक्सर आकाश में सफेद बादलों को देखती रहती थी और प्रभु यीशु से यह आशा करती थी कि वह हमें हमारे स्वर्ग के घर में ले जायेंगे।

आश्चर्यजनक खुशखबरी

एक दिन, जब मैं अपने घर की सफाई कर रही थी, तो मेरी बड़ी बहन ने एक अन्य बहन के घर प्रवचन सुनने जाने की खातिर समय निश्चित करने के लिए मुझे फोन किया, जिसके लिए मैं सहर्ष तैयार हो गयी और वहाँ चली गयी। हम सबके मिलजुल लेने के बाद, भाई वांग ने व्यवस्था के युग में यहोवा के कार्य और अनुग्रह के युग में प्रभु यीशु के कार्य के बारे में हमारे साथ संगति की, कि बुद्धिमान कुंवारियां कौन हैं और मूर्ख कुंवारियां कौन हैं, कैसे बुद्धिमान कुंवारियां प्रभु का स्वागत करने के लिए तेल जमा करके रखती हैं, इत्यादि। अतीत में, हमारी कलीसिया के पादरी ने कभी भी हमारे लिए इस तरह से विस्तार से बाइबल की व्याख्या नहीं की थी, और हम जो नहीं समझ पाए थे, उन सवालों के बारे में पादरी से जवाब मांगने के लिए हमें पादरी का समय लेने के लिए कम से कम 3,000 येन खर्च करने होते थे। इसका नतीजा यह हुआ कि लगभग दो साल तक विश्वास करने के बाद भी मुझे बाइबल के बारे में ज्यादा समझ नहीं थी, लेकिन अपने भाई की संगति सुनने के बाद, मुझे अचानक बाइबल के बारे में प्रबोधन का एहसास हुआ और मेरा दिल पहले से बहुत उज्ज्वल लगने लगा। उसके बाद, मैंने भाई वांग से प्रकाशितवाक्य की किताब में यूहन्ना के दर्शनों के बारे में पूछा, छोटी पुस्तक किसका प्रतिनिधित्व करती है, ऐसी कई और बातें उनसे पूछीं और उन्होंने उनमें से प्रत्येक को एक-एक करके समझाया। मैं मंत्रमुग्ध होकर सुनती रही और सुबह की बेला जल्दी बीत गई।

उसके बाद, भाई वांग ने परमेश्वर के नाम के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि यहोवा और यीशु नाम, साथ ही प्रकाशितवाक्य में भविष्यवाणी किये गये नये नाम, सर्वशक्तिमान, इन सभी का एक विशेष महत्व था, और फिर हमने एक संगीत वीडियो देखा, "पूरब की ओर लाया है परमेश्वर अपनी महिमा।" जब मैं गीत के बोल सुन रही थी तो मुझे लगा कि इन वचनों में वास्तव में अधिकार था और ये परमेश्वर की वाणी थे। उसके बाद, भाई वांग ने हमसे कहा, "भाइयो और बहनो, प्रभु यीशु वास्तव में पहले ही वापस आ चुके हैं। उनका नाम सर्वशक्तिमान परमेश्वर है, और मैंने आज जो कुछ भी आपको बताया है वह व्यक्तिगत रूप से स्वयं परमेश्वर द्वारा प्रकट किया गया है।"

धरती पर परमेश्वर का राज्य

प्रभु पहले ही वापस आ चुके हैं, इस खबर ने मुझे बहुत उत्साहित कर दिया। मैं पूछे बिना न रह सकी, "भाई वांग, क्या प्रभु यीशु वास्तव में पहले ही लौट आए हैं? मैं अक्सर आसमान की तरफ देखती हूँ। मैंने उन्हें आते हुए क्यों नहीं देखा? प्रभु ने भविष्यवाणी की है, 'मैं तुम्हारे लिये जगह तैयार करने जाता हूँ। और यदि मैं जाकर तुम्हारे लिये जगह तैयार करूँ, तो फिर आकर तुम्हें अपने यहाँ ले जाऊँगा कि जहाँ मैं रहूँ वहाँ तुम भी रहो' (यूहन्ना 14:2-3)। और पौलुस ने भी कहा है, 'तब हम जो जीवित और बचे रहेंगे उनके साथ बादलों पर उठा लिये जाएँगे कि हवा में प्रभु से मिलें; और इस रीति से हम सदा प्रभु के साथ रहेंगे' (1 थिस्सलुनीकियों 4:17)। हमारे पादरी भी अक्सर कहते हैं कि प्रभु ने हमारे लिए स्वर्ग में एक जगह तैयार की है, और जब वह लौटेंगे, तो वह हमें सीधे प्रभु के साथ मिलने के लिए स्वर्ग में उठा लेंगे। आप कहते हैं कि प्रभु पहले ही लौट चुके हैं, तो फिर हमें स्वर्गारोहित क्यों नहीं किया गया?"

भाई वांग ने गंभीरता से कहा, "प्रभु यीशु ने कहा है, 'मैं तुम्हारे लिये जगह तैयार करने जाता हूँ। और यदि मैं जाकर तुम्हारे लिये जगह तैयार करूँ, तो फिर आकर तुम्हें अपने यहाँ ले जाऊँगा कि जहाँ मैं रहूँ वहाँ तुम भी रहो' (यूहन्ना 14:2-3)। प्रभु यीशु ने केवल यह भविष्यवाणी की थी कि वह हमें उस जगह पर ले जाने के लिए आएंगे, जो उन्होंने हमारे लिए तैयार की थी, लेकिन उन्होंने यह नहीं कहा कि वह स्थान स्वर्ग में है। अगर हम बाइबल पढ़ें, तो हम समझ जाएँगे। आइए प्रकाशितवाक्य 11:15 को एक साथ पढ़ते हैं, 'जब सातवें दूत ने तुरही फूँकी, तो स्वर्ग में इस विषय के बड़े बड़े शब्द होने लगे: जगत का राज्य हमारे प्रभु का और उसके मसीह का हो गया, और वह युगानुयुग राज्य करेगा।' और प्रकाशितवाक्य 21:3–4 में लिखा है, 'देख, परमेश्‍वर का डेरा मनुष्यों के बीच में है। वह उनके साथ डेरा करेगा, और वे उसके लोग होंगे, और परमेश्‍वर आप उनके साथ रहेगा और उनका परमेश्‍वर होगा। वह उनकी आँखों से सब आँसू पोंछ डालेगा; और इसके बाद मृत्यु न रहेगी, और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी; पहली बातें जाती रहीं।' प्रकाशितवाक्य की भविष्यवाणियों से, हम देख सकते हैं कि नया येरुशलेम पृथ्वी पर है, परमेश्वर का डेरा मनुष्यों के साथ है, परमेश्वर मनुष्यों के साथ निवास करेंगे, और दुनिया के राज्य मसीह के राज्य बनने वाले हैं। परमेश्वर पृथ्वी पर राजा के रूप में शासन करेंगे, अपने लोगों की अगुआई करेंगे, और पृथ्वी पर मृत्यु, रुदन, या दर्द नहीं होगा। इससे हमें पता चलता है कि परमेश्वर ने हमारे लिए जो स्थान तैयार किया है, वह धरती पर है, न कि स्वर्ग में।" मैंने इन पदों को ध्यान से पढ़ा, और उनमें वास्तव में लिखा था कि परमेश्वर का राज्य पृथ्वी पर है। मैंने पहले कभी इस रहस्य को क्यों नहीं पाया था?

भाई वांग ने अपनी बातें जारी रखीं, "हम सभी जानते हैं कि, शुरुआत में, परमेश्वर ने आदम और हव्वा को मिट्टी से बनाया था और फिर उन्हें सभी चीजों की निगरानी करने के लिए पृथ्वी पर रखा। मानवजाति की पिछली सभी पीढ़ियाँ पृथ्वी पर रहीं हैं, और इसके अलावा, मानवजाति को बचाने के लिए परमेश्वर का कार्य पृथ्वी पर किया गया था। व्यवस्था के युग में, परमेश्वर द्वारा घोषित व्यवस्था पृथ्वी पर लागू की गयी थी, और अनुग्रह के युग में प्रभु यीशु धरती पर कार्य करने के लिए देहधारी होकर आए, जहाँ उन्हें मानवजाति को छुटकारा दिलाने के लिए क्रूस पर चढ़ाया गया। अंत के दिनों में, परमेश्वर अपनी बातों को व्यक्त करने और न्याय का कार्य करने के लिए फिर से धरती पर आये हैं। शुरू से अंत तक, मानवजाति को बचाने के लिए परमेश्वर के सभी कार्य पृथ्वी पर किए गए हैं। अगर परमेश्वर की इच्छा यह थी कि हम स्वर्ग में रहने के लिए जाएँ, तो वह धरती पर मानवजाति को बचाने के लिए अपने प्रबंधन कार्य को करने के लिए लहू में इतनी भारी कीमत क्यों अदा करते? प्रभु यीशु ने यह भी कहा है, 'कोई स्वर्ग पर नहीं चढ़ा, केवल वही जो स्वर्ग से उतरा, अर्थात् मनुष्य का पुत्र जो स्वर्ग में है' (यूहन्ना 3:13)। प्रभु के वचनों स्पष्ट रूप से बताते हैं कि कोई भी व्यक्ति स्वर्ग में नहीं चढ़ा है, तो हम सब वहाँ क्यों जाना चाहते हैं? कुछ लोग शायद कहें कि ये पौलुस के वचन हैं, लेकिन क्या पौलुस के वचन प्रभु के वचनों का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं? प्रभु यीशु ने कभी नहीं कहा कि वह हमें स्वर्ग में ले जायेंगे, न ही अन्य प्रेरितों और नबियों ने ऐसा कहा, इसलिए पौलुस को कैसे पता चल सकता है कि जब प्रभु आयेंगे, तो वह हमें उनके साथ मिलने के लिए बादलों में आरोहित करेंगे? क्या यह सिर्फ उसकी अपनी कल्पना नहीं थी?"

अपने भाई की संगति सुनने के बाद, मैं बहुत प्रेरित हो गयी। मैंने सोचा, यह सही है, प्रभु यीशु ने कभी नहीं कहा था कि वह हमें स्वर्ग में आरोहित करेंगे, न ही अन्य प्रेरितों ने ऐसा कहा है। केवल पौलुस ने ये बातें कहीं। लेकिन क्या ये बातें प्रभु की इच्छा का प्रतिनिधित्व करती हैं? प्रकाशितवाक्य की किताब में स्पष्ट रूप से भविष्यवाणी की गयी है कि "जगत का राज्य हमारे प्रभु का और उसके मसीह का हो गया," "परमेश्‍वर का डेरा मनुष्यों के बीच में है।" और अंततः परमेश्वर और उनके लोग पृथ्वी पर उनके साथ निवास करेंगे। यह वास्तव में परमेश्वर की इच्छा है।

स्वर्गारोहण के असल मायने

भाई वांग ने आगे कहा, "परमेश्वर एक व्यावहारिक परमेश्वर हैं, और उनका कार्य हमेशा से व्यावहारिक रहा है। अगर असली स्वर्गारोहण, आसमान में उठाया जाना नहीं है, तो स्वर्गारोहण आखिर क्या है? सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं, '"उठाया जाना" निचले स्थान से किसी ऊँचे स्थान पर ले जाया जाना नहीं है जैसा कि लोग सोच सकते हैं; यह एक बहुत बड़ी मिथ्या धारणा है। "उठाया जाना" मेरे द्वारा पूर्वनियत और फिर चयनित किए जाने को इंगित करता है। यह उन सभी के लिए है जिन्हें मैंने पूर्वनियत और चयनित किया है। ... यह लोगों की धारणाओं के बिलकुल भी संगत नहीं है। वे सभी लोग जिन्हें भविष्य में मेरे घर में हिस्सा मिलेगा, ऐसे लोग हैं जो मेरे सामने उठाए जा चुके हैं। यह एक सम्पूर्ण सत्य है, कभी न बदलने वाला और जिसे झुठलाया नहीं जा सकता। यह शैतान के विरुद्ध एक जवाबी हमला है। जिस किसी को भी मैंने पूर्वनियत किया है, वह मेरे सामने उठाया जाएगा।' परमेश्वर के वचनों से, हम देख सकते हैं कि 'स्वर्गारोहण' निम्न स्थान से उच्च स्थान पर ले जाया जाना नहीं है। यह पृथ्वी से स्वर्ग में ले जाया जाना नहीं है। यह परमेश्वर द्वारा पूर्वनियत और चुने हुए लोगों को, उनके स्वयं के सामने लाने को संदर्भित करता है। ये लोग बाइबल में बताई गई बुद्धिमान कुंवारियाँ हैं। वे परमेश्वर की वाणी को पहचानने, मेम्ने के विवाह समारोह में शामिल होने, परमेश्वर के सिंहासन के समक्ष उठाये जाने और परमेश्वर की मोक्ष प्राप्त करने में सक्षम हैं। दूसरे शब्दों में, स्वर्गारोहण का मतलब है परमेश्वर द्वारा पुराने युग से नए युग में ले जाया जाना, पवित्र आत्मा के कार्य को खोने की उजाड़ता से परमेश्वर के सिंहासन के सामने आना, और परमेश्वर के जीवंत जल से सिंचित होना, उसी प्रकार जैसे व्यवस्था के युग के अंत समय के उपस्थित लोगों ने, उस युग से दूर होकर प्रभु यीशु के छुटकारे के कार्य को स्वीकार किया। परमेश्वर की उपस्थिति में स्वर्गारोहित होने का यही अर्थ है। आज, हम अनुग्रह के युग से आगे बढ़ने में, अंत के दिनों में न्याय और ताड़ना के परमेश्वर के कार्य को स्वीकारने में, और अंत के दिनों में प्रकट होने वाले परमेश्वर के उद्धार को प्राप्त करने में सक्षम हैं। हमारे लिए स्वर्गारोहित होने का यही अर्थ है।

इसे सुनना, मेरे लिए अचानक जागने के समान था। इससे समझ आता है कि स्वर्गारोहण का अर्थ है परमेश्वर की उपस्थिति में लाया जाना और परमेश्वर के उद्धार कार्य को स्वीकार करना।

भाई वांग ने कहा, "अतीत में, हमारी कल्पनाओं ने हममें से कई लोगों को यह सोचने के लिए प्रेरित किया कि जब प्रभु अंत के दिनों में लौटेंगे, तो हम सीधे आसमान में आरोहित कर लिए जाएंगे, जहाँ हम प्रभु से मिलेंगे। लेकिन, क्या आपने इस बात पर विचार किया है कि क्या वास्तव में प्रभु हमारे जैसे गन्दगी से भरे लोगों को स्वर्ग के राज्य में ले जायेंगे? बाइबल कहती है, 'उस पवित्रता के खोजी हो जिसके बिना कोई प्रभु को कदापि न देखेगा' (इब्रानियों 12:14)'इसलिये तुम पवित्र बनो, क्योंकि मैं पवित्र हूँ' (लैव्यव्यवस्था 11:45)। परमेश्वर पवित्र है, और अपवित्र लोगों को स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है। इस तथ्य के बारे में सोचें कि, भले ही हमने प्रभु यीशु के छुटकारे को स्वीकार कर लिया है और हमारे पापों को क्षमा कर दिया गया है, लेकिन हमारी पापी प्रकृति को निकाला नहीं गया है। हमेशा की तरह, हम पाप करने और उसे कबूल करने की स्थिति में रहते हैं। हम अभी भी परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करने के योग्य नहीं हैं। यदि हम परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करना चाहते हैं, तो हमें अभी भी परमेश्वर के वचनों के न्याय और ताड़ना से गुज़रना होगा, अपने भ्रष्ट स्वभावों को शुद्ध करना होगा, पूरी तरह से परमेश्वर के प्रति आज्ञाकारी होना होगा, और मसीह के साथ संगत होना होगा। तभी हम हमेशा के लिए परमेश्वर के साथ हो सकते हैं। अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर, पृथ्वी पर देहधारी होकर आए हैं और न्याय और शुद्धिकरण का कार्य करने के लिए सत्य के कई पहलुओं को व्यक्त किया है। उनका न्याय हमारी पापपूर्ण प्रकृति को उजागर करता है और हमारे भीतर के शैतानी भ्रष्ट स्वभावों जैसे अहंकार, स्वार्थ और धोखाधड़ी को शुद्ध करता है जो हमें परमेश्वर के दुश्मन बनाते हैं। जो लोग परमेश्वर के न्याय और शुद्धिकरण से गुज़रते हैं, वे ही मानवजाति को बचाने के लिए परमेश्वर के कार्य का समापन होने पर परमेश्वर के राज्य में ले जाये जाएंगे, और हमेशा के लिए पृथ्वी पर परमेश्वर की प्रशंसा करेंगे। यह प्रभु यीशु की इस भविष्यवाणी को पूरा करता है, 'मैं तुम्हारे लिये जगह तैयार करने जाता हूँ। और यदि मैं जाकर तुम्हारे लिये जगह तैयार करूँ, तो फिर आकर तुम्हें अपने यहाँ ले जाऊँगा कि जहाँ मैं रहूँ वहाँ तुम भी रहो' (यूहन्ना 14:2-3)। इस बीच, जबकि देहधारी परमेश्वर अपना कार्य करते हैं, जो लोग परमेश्वर के खिलाफ विद्रोह करते हैं और उनका विरोध करते हैं, जो परमेश्वर के न्याय से नहीं गुजरते हैं और शुद्धिकारण प्राप्त नहीं करते हैं, और जो अंत के दिनों में परमेश्वर के उद्धार को खो देते हैं, वे उस वक्त अंत के दिनों की बड़ी आपदा में पूरी तरह से नष्ट हो जाएंगे, जब परमेश्वर खुले तौर पर खुद को प्रकट करेंगे और वे लोग फिर कभी नहीं जियेंगे। जो लोग परमेश्वर का पूर्ण उद्धार प्राप्त करते हैं, वे परमेश्वर के राज्य में अपनी भूमिका अदा करेंगे, शांति और सुरक्षा में रहेंगे, और फिर कभी युद्ध, मृत्यु या पीड़ा नहीं झेलेंगे और परमेश्वर अपनी 6,000 साल की प्रबंधन योजना को समाप्त कर विश्राम करेंगे।"

यह सुनकर मैं दंग रह गयी। मूल रूप से जब प्रभु ने यह कहा की वे हमें लेने आएंगे ताकि हम उनके साथ रह सकें तो इस कथन से प्रभु का मतलब था कि परमेश्वर व्यक्तिगत रूप से हमें बचाने के लिए पृथ्वी पर देहधारी होकर आयेंगे, अंततः हमें शुद्ध करेंगे, और हमें उस राज्य में ले जायेंगे जो उन्होंने हमारे लिए तैयार किया था। यह वास्तव में एक रहस्य था। मैंने सोचा कि कैसे पहले, हम सभी को प्रभु का स्वर्ग के राज्य में हमें ले जाने की खातिर आरोहित करने के लिए आने का इंतज़ार था, लेकिन हमने कभी यह नहीं सोचा कि क्या हम जैसे लोग, जो पाप में रहते हैं, पाप और पश्चाताप की स्थिति में जीते हैं, जो सहनशीलता, झूठ न बोलना या धैर्य को भी हासिल नहीं कर पाते हैं, और जो प्रभु के खिलाफ प्रतिरोध और विद्रोह करते हैं, वे वास्तव में परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करने के योग्य हैं भी या नहीं। ऐसा लगता है कि आसमान में उठाया जाना और प्रभु से मिलना, ये सब बातें मेरी अपनी धारणाओं और कल्पनाओं पर आधारित थी!

मैंने भाई वांग से उत्साहपूर्वक कहा, "प्रभु पर विश्वास करने के दो वर्षों में मैंने जितना सीखा है उससे अधिक समझने में, पिछले दो दिनों की आपकी संगति ने मेरी मदद की है। पिछले दो वर्षों में, भले ही मैंने खुद को सुसमाचार फैलाने में व्यस्त किया है, और बाहर से मैं बहुत पवित्र दिखाई देती हूँ, लेकिन मैंने परमेश्वर के वचनों का सही महत्व नहीं समझा है, और मैं उस स्थान को नहीं जानती थी जिसके बारे में प्रभु ने कहा है कि उन्होंने हमारे लिए तैयार किया है। अब मैं स्वर्गारोहण के सही अर्थ को समझती हूँ, मैं समझती हूँ कि परमेश्वर ने हमारे लिए जो स्थान तैयार किया है वह पृथ्वी पर है, और मैं जानती हूँ कि केवल वे ही जो परमेश्वर के न्याय और ताड़ना से गुजरते हैं और शुद्ध होते हैं, वे ही स्वर्ग के राज्य में प्रवेश कर सकते हैं। प्रभु का कार्य बहुत ही व्यावहारिक है।"

मेरी बहन ने उत्साह से कहा, "यह सही है, मैं पिछले एक दशक से अधिक समय से कलीसिया में हूँ लेकिन फिर भी मैं उतना नहीं समझ पाई थी जितना पिछले कुछ दिनों में मैंने समझा है। हमने हमेशा अपनी कल्पनाओं के आधार पर सोचा है कि जब प्रभु अंत के दिनों में लौटेंगे, तो वह हमें सीधे स्वर्ग में ले जाएंगे। लेकिन यह विचार हमेशा से हमारी अस्पष्ट कल्पनाओं पर आधारित था, और प्रभु की इच्छा के अनुरूप नहीं था।"

भाई वांग ने खुशी से कहा, "परमेश्वर का धन्यवाद। परमेश्वर का कार्य लोगों को बचाने के लिए, सत्य की व्यावहारिक अभिव्यक्ति है, ताकि हम इसे देख सकें और इस तक पहुंच सकें। ये हमें व्यावहारिक रूप से परमेश्वर के उद्धार को प्राप्त करने देता है। यदि परमेश्वर ने व्यक्तिगत रूप से देहधारण नहीं किया होता और इन रहस्यों को प्रकट नहीं किया होता, तो हममें से कोई भी उन्हें समझ नहीं सकता था!"

भाई वांग के साथ मिलकर, हमने सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों के कई और अंश पढ़े, इस पर संगति की कि कैसे परमेश्वर अंत के दिनों में मनुष्यों का न्याय करते हैं, उन्हें शुद्ध करते हैं और बदलते हैं, और हमने चर्चा की कि कैसे प्रभु लौटे आये हैं और 20 से अधिक वर्षों पहले से ही कार्य कर रहे हैं, कैसे मानवजाति के न्याय और उसे शुद्ध करने का परमेश्वर का कार्य अपने अंत के करीब है, और कैसे परमेश्वर के राज्य का सुसमाचार पूर्व से पश्चिम तक फैल गया है। जब हम परमेश्वर के वचनों को पढ़ रहे थे, तो मैंने देखा कि परमेश्वर ने सत्य के सभी पहलुओं को और अपने रहस्यों को हमारे लिए खोल दिया है। महाविनाश के पहले परमेश्वर की मौजूदगी में आरोहित किये जाने का सौभाग्य मिलना, मेरे लिए वास्तव में सम्मान की बात थी। मैं भावुक आँसूओं को रोक न पाई, और मैंने परमेश्वर द्वारा शुद्ध होने का प्रयास करने की शपथ ली।

भाई वांग ने हमें परमेश्वर के वचनों की पुस्तक, मेमने ने पुस्तक को खोला, की एक प्रति दी, मेरे लिए यह एक खजाना प्राप्त करने जैसा था। मैं खुद को परमेश्वर को धन्यवाद देते रहने से रोक नहीं पा रही थी। उसके बाद से, हर दिन मैंने परमेश्वर के वचन को ऐसे पढ़ा जैसे कि मैं इसके लिए प्यासी हूँ, और परमेश्वर के वचन को पढ़ने और सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया के वीडियो को देखने के माध्यम से, मैं पूरी तरह से आश्वस्त हो गयी कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर लौटकर आये प्रभु यीशु हैं, और सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया में मैं परमेश्वर के वचनों का न्याय और उसके शुद्धिकरण का अनुभव करने लगी। परमेश्वर का धन्यवाद। सारी महिमा सर्वशक्तिमान परमेश्वर की हो। परमेश्वर का धन्यवाद! सर्वशक्तिमान परमेश्वर को सारी महिमा मिले!

यदि आप स्‍वर्ग के राज्‍य के भेद के बारे में और अधिक जानना चाहते हैं तो हमारे “स्वर्ग के राज्य का रहस्य” पृष्ठ पर या नीचे दी गई सामग्री का अवलोकन करें।

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