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आस्था प्रश्न व उत्तर

कैसे सुनिश्चित करें कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन परमेश्वर की आवाज़ हैं

सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया ने खुले तौर पर गवाही दी है कि प्रभु यीशु पहले ही लौट आए हैं और प्रकट होने और काम करने के लिए शब्द व्यक्त किए हैं। हम यह कैसे सुनिश्चित कर सकते हैं कि सर्वशक्तिमान परमे...

हमें परमेश्वर की इच्छा के अनुरूप क्रिसमस के प्रति कैसा दृष्टिकोण रखना चाहिए?

क्रिसमस का आरम्भ हर साल, जैसे जैसे क्रिसमस करीब आता है, सड़क पर दुकानें सांता क्लॉस और क्रिसमस ट्री के साथ क्रिसमस उपहारों के चमकदार प्रदर्शनी की व्यवस्था करती हैं। पेड़ों और इमारतों पर कई रंगीन रोश...

क्या आप सच्चे मार्ग की जाँच करने की बुद्धिमत्ता के बारे में जानते हैं?

अब यह प्रभु का स्वागत करने का निर्णायक क्षण है। पूरी दुनिया में, केवल सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया ही गवाही दे रही है कि प्रभु यीशु, अंत के दिनों का मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के रूप में वापस आ...

परमेश्‍वर का नाम क्‍यों बदला? क्‍या यीशु जब वापिस लौटेंगे तब भी उनका नाम यीशु ही रहेगा?

यहोवा परमेश्वर ने पुराने नियम में हमें स्पष्ट रूप से बताया है: "मैं ही यहोवा हूँ और मुझे छोड़ कोई उद्धारकर्ता नहीं" (यशायाह 43:11)। "यहोवा ... सदा तक मेरा नाम यही रहेगा, और पीढ़ी पीढ़ी में मेरा स्मरण ...

भूकंप, अकाल, महामारियों, बाढ़, और सूखे जैसी आपदाओं से आज पृथ्वी बेहाल है। ये आपदाएँ बढ़ते पैमाने पर हो रही हैं, और उनके कारण अधिकाधिक मौतें हो रही हैं। परमेश्वर इंसान से प्रेम करता है और इंसान को बचाता है, तो उसे इतनी बड़ी आपदाओं की वर्षा क्यों करनी चाहिए?

संदर्भ के लिए बाइबल के पद: "'जब कटनी के तीन महीने रह गए, तब मैं ने तुम्हारे लिये वर्षा न की; मैं ने एक नगर में जल बरसाकर दूसरे में न बरसाया; एक खेत में जल बरसा, और दूसरा खेत जिस में न बरसा, वह सूख गय...

बाइबल में, पौलुस ने कहा था "सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र परमेश्‍वर की प्रेरणा से रचा गया है" (2 तीमुथियुस 3:16), पौलुस के वचन बाइबल में हैं। इसीलिए, वे परमेश्‍वर द्वारा प्रेरित थे; वे परमेश्‍वर के वचन हैं। प्रभु में विश्वास करना बाइबल में विश्वास करना है। चाहे कोई भी विचारधारा क्‍यों न हो, यदि वह बाइबल से भटकती है, तो वह विधर्म है! हम प्रभु में विश्वास करते हैं, इसीलिए हमें सदा बाइबल के अनुसार कार्य करना चाहिए, अर्थात्, हमें बाइबल के वचनों का पालन करना चाहिए। बाइबल ईसाई धर्म का मूलभूत सिद्धांत है, हमारे विश्वास की नींव है। बाइबल को त्‍यागना प्रभु में अविश्‍वास करने के समान है; यदि हम बाइबल को त्‍याग देते हैं, तो हम प्रभु में कैसे विश्वास कर सकते हैं? बाइबल में प्रभु के वचन लिखे हैं। क्या कहीं और भी ऐसी जगह है जहां हम उनके वचनों को पा सकते हैं? यदि प्रभु में हमारा विश्वास बाइबल पर आधारित नहीं है, तो इसका आधार क्या है?

उत्तर: आप कहती हैं कि चूंकि पौलुस के वचन बाइबल में हैं, वे प्रभु द्वारा प्रेरित हैं; इसीलिए वे प्रभु के वचन हैं। यह वास्तव में उचित नहीं है, क्या ये उचित है? क्या प्रभु यीशु ने कभी कहा, "सम्पूर्ण पवित...

सच्चा ईसाई धर्म क्या है?

आजकल बहुत सारी कलीसिया हैं, इसलिए ईसाई धर्म की सच्ची कलीसिया कौन-सी है? यह बहुत-से ईसाइयों लिए यह व्याकुलता का विषय है। आइए आज इस प्रश्न के बारे में संगति करें।...

क्या आप सच्चे मार्ग की जाँच के सबसे बड़े विचलन के बारे में जानते हैं?

एक अवसर पर मैंने एक बातचीत सुनी जो कुछ इस तरह चल रही थी: अ: "सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया गवाही देती है कि प्रभु यीशु लौट आया है, कि वह सर्वशक्तिमान परमेश्वर है, और यह कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर ...

मेरा मानना है कि यदि हम प्रभु यीशु के नाम और प्रभु के मार्ग के प्रति निष्ठावान रहेंगे और झूठे मसीहों और पैगम्बरों के छलावों को स्वीकार नहीं करेंगे, यदि हम प्रतीक्षा करते हुए सावधान रहेंगे, तो अपने आगमन पर प्रभु अवश्य हमें प्रकटीकरण देंगे। स्वर्गारोहण के लिए हमें प्रभु की आवाज सुनने की जरूरत नहीं है। प्रभु यीशु ने कहा है, उस समय यदि कोई तुम से कहे, 'देखो, मसीह यहाँ है!' या 'वहाँ है!' तो विश्‍वास न करना। "क्योंकि झूठे मसीह और झूठे भविष्यद्वक्‍ता उठ खड़े होंगे, और बड़े चिह्न, और अद्भुत काम दिखाएँगे: कि यदि हो सके तो चुने हुओं को भी भरमा दें" (मत्ती 24:23-24)। क्या आप लोग झूठे मसीहों और झूठे पैगम्बरों के छलावों को नहीं मानते? और इसलिए, हम मानते हैं कि वे सब लोग जो प्रभु के आगमन की गवाही देते हैं निश्चित रूप से झूठे हैं। हमें खोजने या परखने की कोई जरूरत नहीं है। क्योंकि जब प्रभु आएँगे तो वे स्वयं को हम पर प्रकट करेंगे, और निश्चित रूप से वे हमें छोड़ नहीं देंगे। मेरा विश्वास है कि यह सही परिपालन है। आप सब क्या सोचते हैं?

बाइबल के सवालों के जवाब दिया गया: यहाँ आप जानेंगे कि सच्चे मसीह और झूठे लोगों के बीच अंतर कैसे किया जाता है ताकि आप झूठे मसीहों के बहकावे में न आएँ और प्रभु की वापसी का स्वागत करें। अभी पढ़ने के लिए क...

बाइबल किस तरह की किताब है? यह कैसे बनाया गया था?

बाइबल क्या है? बाइबल ने कैसे आकार लिया? बाइबल के बारे में और अधिक रहस्य जानने के लिए इस लेख को पढ़ें।...

नबियों द्वारा बताए गए परमेश्वर के वचनों और देहधारी परमेश्वर द्वारा व्यक्त वचनों के बीच अंतर

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन: अनुग्रह के युग में यीशु ने भी कई वचन बोले और बहुत कार्य किया। वह यशायाह से कैसे अलग था? वह दानिय्येल से कैसे अलग था? क्या वह कोई नबी था? ऐसा क्यों कहा जाता है कि वह म...

परमेश्वर द्वारा प्रयुक्त लोगों के सत्य के अनुरूप शब्दों और परमेश्वर के वचनों के बीच अंतर

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन: मेरे वचन सदा-सर्वदा अपरिवर्तनीय सत्‍य हैं। मैं मनुष्य के लिए जीवन की आपूर्ति और मानव-जाति के लिए एकमात्र मार्गदर्शक हूँ। मेरे वचनों का मूल्य और अर्थ इससे निर्धारित नहीं ह...

अंत के दिनों में परमेश्वर का न्याय का कार्य मानवजाति को किस तरह शुद्ध करता और बचाता है

संदर्भ के लिए बाइबल के पद: "यदि कोई मेरी बातें सुनकर न माने, तो मैं उसे दोषी नहीं ठहराता; क्योंकि मैं जगत को दोषी ठहराने के लिये नहीं, परन्तु जगत का उद्धार करने के लिये आया हूँ। जो मुझे तुच्छ जानता...

अंत के दिनों में कार्य करने के लिए परमेश्वर के चीन में देहधारण का उद्देश्य और अर्थ

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन: यहोवा का कार्य दुनिया का सृजन था, वह आरंभ था; कार्य का यह चरण कार्य का अंत है, और यह समापन है। आरंभ में, परमेश्वर का कार्य इस्राएल के चुने हुए लोगों के बीच किया गया था और...

परमेश्वर की कलीसिया और धार्मिक समूह क्या हैं

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन: परमेश्वर का घर वास्तव में क्या है? यदि इसे सैद्धांतिक रूप से परिभाषित करना हो, तो परमेश्वर का घर एक ऐसा स्थान है जहाँ सत्य राज करता है, वह ऐसे लोगों का समूह है, जिनके अभ्...

पूरी धार्मिक दुनिया इतनी निराशाजनक क्यों है? हमें "प्रकाशितवाक्य" पुस्तक में धार्मिक दुनिया के प्रति परमेश्वर के शाप को कैसे समझना चाहिए?

प्रश्न: हाल के वर्षों में, धार्मिक संसार में विभिन्न मत और संप्रदाय अधिक से अधिक निराशाजनक हो गए हैं, लोगों ने अपना मूल विश्वास और प्यार खो दिया है और वे अधिक से अधिक नकारात्मक और कमज़ोर बन गए हैं। हम ...

सर्वशक्तिमान परमेश्वर अंत के दिनों में अपने न्याय का कार्य कैसे करते हैं?

प्रश्न 2: सर्वशक्तिमान परमेश्वर अंत के दिनों में अपने न्याय का कार्य कैसे करते हैं? वे अपने वचनों से इंसान का न्याय कैसे करते हैं, उसे शुद्ध कैसे करते हैं और उसे पूर्ण कैसे करते हैं? ये जानने के लिए ह...