बचाए जाने और पूर्ण उद्धार पाने के बीच मूलभूत अंतर
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन: अंत के दिनों का कार्य वचन बोलना है। वचनों के माध्यम से मनुष्य में बड़े परिवर्तन किए जा सकते हैं। इन वचनों को स्वीकार करने पर लोगों में अब जो परिवर्तन हुए हैं, वे उन परिवर्तनों से बहुत अधिक बड़े हैं, जो चिह्न और चमत्कार स्वीकार करने पर अनुग्रह के युग […]
परमेश्वर की सर्वशक्तिमत्ता और बुद्धि के प्रकट होने के तरीके
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन: जब से उसने सब वस्तुओं की सृष्टि की शुरूआत की, परमेश्वर की सामर्थ्य प्रकट और प्रकाशित होने लगी थी, क्योंकि सब वस्तुओं को बनाने के लिए परमेश्वर ने अपने वचनों का इस्तेमाल किया था। चाहे उसने जिस भी रीति से उनका सृजन किया, जिस कारण से भी उनका सृजन किया, परमेश्वर […]
परमेश्वर के कार्य के तीन चरणों का लक्ष्य
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन: मेरी संपूर्ण प्रबंधन योजना, छह-हज़ार-वर्षीय प्रबंधन योजना, के तीन चरण या तीन युग हैं : आरंभ में व्यवस्था का युग; अनुग्रह का युग (जो छुटकारे का युग भी है); और अंत के दिनों का राज्य का युग। इन तीनों युगों में मेरे कार्य की विषयवस्तु प्रत्येक युग के स्वरूप के अनुसार […]