1<e>यात्रा का गीत</e> जब यहोवा सिय्योन में लौटनेवालों को लौटा ले आया, तब हम स्वप्न देखनेवाले से हो गए*।
2तब हम आनन्द से हँसने और जयजयकार करने लगे; तब जाति-जाति के बीच में कहा जाता था, "यहोवा ने, इनके साथ बड़े-बड़े काम किए हैं।"
3यहोवा ने हमारे साथ बड़े-बड़े काम किए हैं; और इससे हम आनन्दित हैं।
4हे यहोवा, दक्षिण देश के नालों के समान, हमारे बन्दियों को लौटा ले आ!
5जो आँसू बहाते हुए बोते हैं, वे जयजयकार करते हुए लवने पाएँगे*।
6चाहे बोनेवाला बीज लेकर रोता हुआ चला जाए, परन्तु वह फिर पूलियाँ लिए जयजयकार करता हुआ निश्चय लौट आएगा। (लूका 6:21)