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मेन्‍यू

भजन संहिता 130

1<e>यात्रा का गीत</e> हे यहोवा, मैंने गहरे स्थानों में से तुझको पुकारा है!

2हे प्रभु, मेरी सुन! तेरे कान मेरे गिड़गिड़ाने की ओर ध्यान से लगे रहें!

3हे यहोवा, यदि तू अधर्म के कामों का लेखा ले, तो हे प्रभु कौन खड़ा रह सकेगा?

4परन्तु तू क्षमा करनेवाला है, जिससे तेरा भय माना जाए।

5मैं यहोवा की बाट जोहता हूँ, मैं जी से उसकी बाट जोहता हूँ, और मेरी आशा उसके वचन पर है;

6पहरूए जितना भोर को चाहते हैं*, हाँ, पहरूए जितना भोर को चाहते हैं, उससे भी अधिक मैं यहोवा को अपने प्राणों से चाहता हूँ।

7इस्राएल, यहोवा पर आशा लगाए रहे! क्योंकि यहोवा करुणा करनेवाला और पूरा छुटकारा देनेवाला है।

8इस्राएल को उसके सारे अधर्म के कामों से वही छुटकारा देगा। (भज. 131:3)

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